ग्रहों के सेनापति मंगल का उच्च राशि मकर में गोचर, इन राशियों के लिए बेहद शुभ!

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ज्योतिर्विद अंकशास्त्री और वास्तु विशेषज्ञ*
**ज्योतिर्विद निधिराज त्रिपाठी के अनुषार

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साल 2024 में मंगल का पहला गोचर मकर राशि जो की मकर मंगल की उच्च राशि है उसमें होने जा रहा है। मंगल का यह अहम गोचर 5 फरवरी को हो जाएगा। वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को ऊर्जा, शक्ति, साहस, पराक्रम, भूमि और शौर्य का कारक ग्रह माना गया है।

मंगल का मकर राशि में गोचर: समय
सबसे पहले बात करें मंगल के मकर राशि में गोचर के समय की तो, यह गोचर 5 फरवरी 2024 को रात में 9:07 पर होने जा रहा है। वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को बेहद ही उच्च और महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा दिया गया है। यह साहस और पराक्रम का कारक ग्रह माना गया है और 2024 की शुरुआत में ही मंगल का यह अहम गोचर निश्चित तौर पर सभी राशियों के जीवन में बड़े बदलाव लेकर आने वाला है।

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विशेष जानकारी: इससे पहले 1 फरवरी को बुध का मकर राशि में गोचर हुआ था और 5 तारीख को अब मंगल का मकर राशि में गोचर होने जा रहा है। अर्थात मकर राशि में मंगल और बुध की युति होने वाली है।

मंगल-बुध युति का प्रभाव
ज्योतिष के अनुसार समझ लेते हैं इन दोनों ही महत्वपूर्ण ग्रहों की युति का आपके जीवन पर क्या कुछ प्रभाव पड़ सकता है। मंगल बुध की युति जहां एक तरफ मंगल की क्रियाशीलता, आक्रामकता और दृढ़ संघ संकल्प को दर्शाती है तो वहीं दूसरी तरफ बुध की बुद्धि, तार्किक सोच, अच्छे संचार को भी दर्शाती है। ऐसे में जब मंगल और बुध की युति होती है तो व्यक्ति कार्य उन्मुख तरीके से बात करने के साथ-साथ दूसरों को अपने लिए काम करने के लिए मजबूर करने की क्षमता और शानदार संचार शक्ति में वृद्धि प्राप्त करते हैं।

मंगल और बुध की युति बुद्धिमानी से बातचीत करने की क्षमता के साथ-साथ प्रकृति पर विजय पाने का एक अद्भुत मिश्रण माना गया है। इसके अलावा जब मंगल बुध की युति होती है तो व्यक्ति अपने काम के द्वारा नए विचारों को क्रियान्वित करने की शक्ति प्राप्त करते हैं। ऐसी स्थिति में जातक अपने विचार और योजनाओं को दूसरों को समझने में कामयाब होते हैं। मंगल व्यक्ति को बुद्धि को शक्ति देता है और ऐसे में सभी संबंधित मुद्दों का तर्क आपकी कुंडली में इस महत्वपूर्ण युति की स्थिति पर आधारित होता है।

मंगल बुध की युति जातकों को बातचीत में रक्षात्मक भी बन सकती है और वह आवेग में आकर कोई प्रतिक्रिया दे सकते हैं और बिना सोचे समझे काम करने में संकोच भी नहीं करते हैं। मंगल बुध की युति व्यक्ति को सक्रिय बनाती है क्योंकि आपके दिमाग को निरंतर उत्तेजना की जरूरत होती है।

हालांकि यहां यह समझना बेहद आवश्यक है कि, कुंडली में मंगल बुध की स्थिति के अनुरूप मंगल बुध युति के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही तरह के प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर देखने को मिल सकते हैं।

बात करें मंगल बुध युति के सकारात्मक प्रभाव की तो, इससे व्यक्ति को सॉफ्टवेयर इंजीनियर, आईटी, इलेक्ट्रॉनिक संचार, इंजीनियर बनने के मौके प्राप्त हो सकते हैं। इन दोनों ग्रहों की सकारात्मक युति जातक को समृद्धि के लिए व्यक्तिगत व्यावसायिक मोर्चे पर बुद्धिमत्ता और अपनी वाणी का सही प्रयोग करने के लिए प्रेरित कर सकती है।

वहीं बात करें नकारात्मक मंगल बुध युति के प्रभाव की तो, ऐसे में जातक अपनी वाणी में ज्यादा आक्रामक हो सकते हैं। ऐसे में व्यक्ति के व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों ही मोर्चों पर चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं।

कमजोर मंगल के लक्षण और उपाय
कुंडली में सभी ग्रहों का शुभ स्थिति या मजबूत स्थिति में होना बेहद अनिवार्य होता है। बात करें मंगल ग्रह की तो वैदिक ज्योतिष में इस ग्रह को शौर्य और पराक्रम से जोड़कर देखा जाता है। हालांकि वहीं इसके विपरीत अगर मंगल ग्रह किसी व्यक्ति की कुंडली में अशुभ स्थिति या कमजोर अवस्था में मौजूद होता है तो जातकों के जीवन में तमाम तरह की परेशानी आने लगती हैं, विशेष तौर पर विवाह के संदर्भ में। इसके अलावा कमजोर होने पर मंगल तमाम तरह के लक्षण भी व्यक्ति को देता है जैसे कि,

अगर किसी व्यक्ति का मंगल ग्रह कमजोर होता है तो उन्हें बेहद जल्दी और बहुत ज्यादा गुस्सा आता है।
ऐसे व्यक्तियों का स्वास्थ्य उन्हें अक्सर परेशान करता है।
कमजोर मंगल आंखों की परेशानी, पथरी की समस्या, हाई ब्लड प्रेशर, जैसी दिक्कतें व्यक्ति के जीवन में लेकर आता है।
मंगल कमजोर हो तो व्यक्ति ज्यादा मांस मंदिर का सेवन करने लगता है।
यह अपनों के साथ ही छल कपट करने लगते हैं और ऐसे व्यक्ति घमंडी भी हो जाते हैं।
जब कुंडली में मंगल

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