नवीन उपस्वास्थ्य केंद्र मैं लटका रहता है ताला,मरीजो को नही मिलता उपचार

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कटनी/स्लीमनाबाद(सुग्रीव यादव ):, ग्रामीण अंचलों मैं ग्रामीणों को सरलता से प्राथमिक उपचार व स्वास्थ्य सेवाओं का मिल सके इसी उद्देश्य से शासन द्वारा उपस्वास्थ्य केंद्र खोले जा रहे है।लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ग्रामीणों को नही मिल पाता।
ताजा मामला बहोरीबंद विकासखण्ड अंतर्गत नवीन उपस्वास्थ्य केंद्र नीमखेड़ा  का सामने आया है।जहां 49 लाख रुपये की लागत राशि से उपस्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया।जिसका लोकार्पण 21 सितंबर 2023 को विधायक प्रणय पांडेय के द्वारा किया गया।लोकार्पण होने के बाद आसपास के 5 हजार ग्रामीणों को आस जागी थी कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी ।स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए लंबी दूरी तय नही करनी पड़ेगी।लेकिन तीन माह के समय बीत जाने के बाद भी अब तक नवीन उपस्वास्थ्य केंद्र
शोपीस बना हुआ है।जहां उपचार के लिए आने वाले ग्रामीणों को बिना उपचार ही वापस लौट जाना पड़ता है। उप स्वास्थ्य केन्द्र पर आए दिन ताला लटकता नजर आता है।
ग्रामीणों ने बताया कि यहां नियमित चिकित्सक की पदस्थापना नही है।जिस कारण किसी को अतिरिक्त जवाबदेही दी गई।जो सप्ताह मैं एक-दो दिन उपस्वास्थ्य केंद्र का ताला खुलता है।जिसके कारण लोगों को प्राथमिक उपचार की सुविधा नहीं मिल पाती है। उपचार के लिए लंबी दूरी तय कर ग्रामीणों को बहोरीबंद या स्लीमनाबाद जाना पड़ता है या फिर झोलाछाप डॉक्टरों से उपचार करवाना पड़ता है।
ग्रामीणों ने बताया कि उपस्वास्थ्य केंद्र न तो सीएचओ न ही एएनएम की पदस्थापना  है ।यहां तक कि ग्रामीणों द्वारा स्वास्थ्य विभाग को भी कई बार सूचना दी गई की उपस्वास्थ्य केंद्र बन गया है तो चिकित्सा स्टॉफ की भी पदस्थापना की जाए।जिससे मरीजो को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके।

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इनका कहना है- डॉ आंनद अहिरवार बीएमओ बहोरीबंद

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नीमखेड़ा नवीन उपस्वास्थ्य केंद्र मैं चिकित्सक स्टाफ की पदस्थापना को लेकर विभागीय स्तर पर पत्राचार किया गया है।राज्य स्तर से पदस्थापना की जानी है।
जब तक स्वास्थ्य सुविधाये ग्रामीणों को बेहतर मिल सके।इसके लिए जो स्टाफ अन्य स्वास्थ्य केंद्रों मैं है।
उन्ही की सहायता से स्वास्थ्य कामकाज संचालित किया जा रहा है।

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