सिहोरा के सिविल अस्पताल की बीमार व्यवस्थायें,हल्की सी बरसात में हो जाती है बत्ती गुल
जबलपुर :मरीजों का इलाज करने वाले सिहोरा अस्पताल सिहोरा की व्यवस्थाएं खुद बीमार है, जिनका इलाज नहीं होने से कोमा में जाती दिख रही है,तो वहीँ नगर की विद्युत के हाल तो यह है की हल्की सी बरसात में भी बिजली गुल हो जाती है।मामला सिहोरा के सिविल अस्पताल के हैं जहां पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्वास्थ सुविधाओं को 24 घन्टें उपलव्ध कराने की मंशा से सरकार ने करोना काल में जनरेटर तो उपलव्ध करा दिया लेकिन उसे स्थापित कर अस्पताल की विधुत आपुर्ती सतत करने में प्रवंधन को पसीना आ रहा है। जनरेटर स्थापित न होने के कारण बेहतर विद्युत व्यवस्था के लिए लगा जनरेटर शोपीस बनकर रह गया है। बिजली कटौती के दौरान जनरेटर बंद रहने से मरीजों को उमस भरी गर्मी में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। वहीं फ्रीज कर रखी गई दवाएं भी गर्मी से खराब हो रही हैं। दूसरी तरफ जिम्मेदार जनप्रतिनिधि स्वास्थ्य सुविधा से जुड़े मुद्दों से पल्ला झाड़ रहे हैं।100 बिस्तर वाले सिविल अस्पताल में चिकित्सक कक्ष, कार्यालय कक्ष, के अलावा ओटी, लेबर रूम, एक्स रे, जच्चा-बच्चा वार्ड, सामान्य वार्ड, वैक्सीन रूम, वैक्सीन फ्रीज स्थित है। वहीं, रात में जनरेटर के अभाव में पूरे अस्पताल व परिसर में अंधेरा छाया रहता है। लेकिन बिजली गुल होने के बाद मरीजों की मुश्किलों को कम करने के प्रति गंभीर नजर नहीं आ रहा। बिजली गायब होने पर भी शांत रहने वाला जनरेटर मुसीबत में सहायक न बनकर व्यवस्था की पोल खोल देता है।
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*हल्की बारिश गर्जना से हो जाती है बत्ती गुल*
नगर की विधुत आपुर्ती का आलम यह है की हल्की बारिश गर्जना से विधुत आपुर्ती बाधित हो जाती है।अस्पताल में बिजली कटौती के दौरान बिजली संकट मरीजों के लिए परेशानी का सबब बना है। सभी विधुत उपकरण बिजली की अभाव में महज शोपीस बनकर रह जाते है।अस्पताल में भर्ती मरीज और तीमारदार बिजली गुल हो जाने के बाद तन से निकल रहे पसीने के कारण व्याकुल हो रहे हैं। लेकिन व्यवस्था का जिम्मा संभालने वाले फण्ड के अभाव में बेबस नजर आ रहे है।
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*50 केवीए के जनरेटर के लिए पेनल हाउस नहीं*
लगभग तीन वर्ष पूर्व सीएचसी की सभी विद्युत संबंधी जरुरतों को पूरा करने के लिए 50 केवीए क्षमता का जनरेटर तो सरकार ने उपलव्ध करा दिया लेकिन पेनल हाउस न होने के कारण जनरेटर अस्पताल के सामने अस्पताल की शोभा बढ़ा रहा है। अस्पताल प्रबंधन की माने तो पेनल हाउस के निर्माण हेतु सतत् पत्राचार किया जा रहा है। जन सुविधाओं से जुड़े मुद्दे पर स्थानीय विधायक की चुप्पी नगर में चर्चा का विषय बनी हुई है स्थानीय लोगों का कहना है पैनल हाउस जैसी छोटी मोटी आवश्यकता तो विधायक निधि से भी कराई जा सकती है।
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