भगवान बांके बिहारी को झुलाया झूला,हुई विशेष पूजा अर्चना

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद- पवित्र सावन मास का समापन हो गया।सावन मास मैं शिवालयों व मंदिरों मैं धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हुए।स्लीमनाबाद स्थित सिंहवाहिनी मंदिर मे महिला मंडल की सदस्यों के द्वारा सावन मास मैं प्रतिदिन रामचरित मानस पाठ का आयोजन किया गया।

बांके बिहारी को झुलाया झूला 

सावन मास की समाप्ति पर श्रावण मास का झूला डाला गया।जिसमें भगवान बांके बिहारी को झूला झुलाया गया। इस दौरान विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। मंदिर मैं महिला मंडल की सदस्यों के द्वारा 56 प्रकार के भोग अर्पित किए गए।

भजन कीर्तन 

साथ ही भजन कीर्तन कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
सावन मास समाप्ति पर पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की गई।इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओ की भीड़ रही।

महिला मंडल से ये रहीं उपस्थित 

महिला मंडल की सदस्य मनोरमा त्रिपाठी, उपमा त्रिपाठी, सरिता त्रिपाठी, कृष्णा तिवारी ने बताया कि सावन में भगवान को झूला झूलने का बड़ा महत्व है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। जो व्यक्ति भगवान को झूला झुलाता है, वह सभी प्रकार के कष्ट से दूर हो जाता है। कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने राधा रानी को सावन में झूला झूलाया था। तब से यह परंपरा चली आ रही है, और हर कोई सावन में झूला झूलता है। अपनी मनोकामना के लिए गीतों के माध्यम से श्रीकृष्ण तक संदेश पहुंचाई जाती है। वेद पुराणों में भोलेनाथ माता पार्वती को झूला झूलाने का भी उल्लेख किया गया है। लोकगीतों में भी भगवान श्रीराम माता सीता सहित तीज त्योहार पर झूाल झूलने का आनंद लेते हैं।


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