लोहा पीटकर बंजारा परिवार के लोग मिटा रहे पेट की भूख, स्लीमनाबाद मे इन दिनों बंजारा परिवार के लोगों का डेरा
सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद :अपना और परिवार का पेट पालने के लिए मजबूर परिवार के मुखिया अपने परिवार के साथ कड़ी मेहनत कर दो वक्त की भूख मिटा रहे हैं। अनेक उदाहरण है कि लोग पेट भरने को हर वो कार्य कर गुजरने को तैयार होते हैं जो असंभव सा लगता है। आज की महंगाई और बेरोजग़ारी के दौर में किसी का परिवार गुजारा कर पाता है कि नहीं। कड़ी मेहनत कर लोहे को गला करके उसे औजार बनाकर यह मेहनती लोग अपने परिवार को साथ लेकर रोजगार की तलाश में दर-दर भटक रहे और अपना परिवार चला रहे हैं। घर को छोड़ कर इन दिनों स्लीमनाबाद में आकर इतनी कड़ी ठंडी में अपने परिवार को दो वक्त की रोटी खिला रहे ये लोग घुमक्कड़ और बंजारा कहलाते हैं। जहां अनेक बेरोजगार युवाओं का लगातार पलायन जारी है वहीं इस तरह के मेहनतकशों को यहां जीवन चलाने के अवसर मिल रहे हैं। लोहा पीटकर औजार बनाने वालों से ने बताया कि हम लोग दिन भर में दस से बारह औजार बनाते हैं और बेंचते हैं। कभी-कभी तो सही दाम भी नहीं मिल पाता फिर भी मजबूरी बस हमें सस्ता ही देना पड़ता है। आने जाने का किराया ना होने के कारण हम सस्ते दाम में भी दे देते हैं जो कुछ बचता है तो उससे परिवार को दो वक्त की रोटी खिलाते हैं। लगातार मेहनत करते हैं!लोगों को लगातार घन चलाना पड़ता है। एक औजार बनाने के लिए तीन लोग लगते हैं लगभग 1 घंटे में हम एक औजार बना लेते हैं जिसे लगभग सौ रूपय में बेचते हैं, जो कुछ भी कीमत मिलती है उससे हमारा परिवार चलता है और उसी से हम फिर लोहा खरीदी करते हैं जिसे गला करके फिर औजार तैयार करते हैं।