पुष्य नक्षत्र मैं मना मां सीता का प्राकट्योत्सव,सुहागिन महिलाओं ने सोलह श्रृंगार सामग्री की अर्पित

इस ख़बर को शेयर करें

सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद : जय जय गिरिवर राज किशोरी,जय महेश मुख चंद चकोरी। जन्म लई सीता मैया, जनकपुर मैं बाजे बधाइया,चलन चली देखन जनक बहार, मां सीता ने जन्म लियो है रे एक से बढ़कर एक मंगलमय सोहर गीतों की धुन के बीच शुक्रवार को मां सीता का प्राकट्योत्सव भव्यता व धूमधाम से मनाया गया।यह नजारा स्लीमनाबाद नगर स्थित सिंहवाहिनी मंदिर मै दिखा।जहां महिला मंडल की सदस्यों ने मां सीता जन्मोत्सव को सेलिब्रेट किया।सीता नवमी के शुभ अवसर पर सुहागिन महिलाओं ने व्रत का संकल्प लेते हुए विधि विधान से पूजा अर्चना कर सोलह श्रृंगार सामग्री अर्पित की व अखंड सौभाग्य की कामना की।पूजन मैं फूल, अक्षत, चंदन, सिंदूर, धूप, दीप आदि चढाएं। मां सीता व प्रभु श्री राम की आरती के साथ पूजा संपन्न की गई।मंदिर मे रामचरित मानस पाठ किया गया व आरती कर प्रसाद का वितरण किया गया।पंडित दिलीप पौराणिक ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार जब संतान प्राप्ति के लिए मिथिला नरेश यज्ञ की भूमि तैयार करने के लिए हल से भूमि जोत रहे थे, उसी समय पृथ्वी से एक बालिका का प्राकट्य हुआ. उस दिन वैशाख शुक्ल की नवमी तिथि थी, इस दिन मां सीता के रूप में राजा जनक को पुत्री की प्राप्ति हुई।तभी से इसे सीता नवमी के रूप मे मनाया जाने लगा।

ब्रजधाम कोहका मैं हुए विविध आयोजन

स्लीमनाबाद के ब्रजधाम कोहका मैं भी स्थापित शारदा मंदिर मे मां जानकी का प्राकट्योत्सव धूमधाम से मनाया गया।
सुबह पूजा अर्चना के बाद कन्या पूजन कर कन्या भोज व भंडारा आयोजित हुआ।दोपहर मैं बजरंग रामायण मंडल के द्वारा रामचरित मानस पाठ गायन किया गया।सायंकालीन आरती कर प्रसाद का वितरण किया गया।वही बड़ी माई मंदिर मे भी विशाल भंडारा आयोजित हुआ।

 


इस ख़बर को शेयर करें