जन्मदिन पर मायावती ने कर दी बड़ी घोषणा,अकेली लड़ेगी बसपा लोकसभा चुनाव 

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लखनऊ:बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने जन्मदिन के मौके पर आज अकेले 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी. उन्होंने दलितों-वंचितों, आदिवासी, अल्पसंख्यक समुदाय से अपनी बेहतरी के लिए BSP को मजबूत करने का आह्वान किया. उन्होंने सीधे तौर पर सपा को तो टारगेट किया लेकिन भाजपा का नाम नहीं लिया. हां, इतना जरूर कहा कि लोगों को फ्री में राशन देकर बरगलाया जा रहा है. आज गरीबी और बेरोजगारी बड़ी समस्या है. धर्म की आड़ में राजनीति हो रही है. जिस समय मायावती ये बातें कह रही थीं उससे कुछ देर पहले ही उन्हें जन्मदिन की बधाई देने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ और भाजपा के दिग्गज नेता राजनाथ सिंह का फोन आ चुका था. काफी समय से अटकलें लगाई जा रही थीं कि शायद आज वह कांग्रेस की अगुआई वाले I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल होने का ऐलान कर दें.बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) अकेले लड़ने की घोषणा की है. बसपा अध्‍यक्ष मायावती (Mayawati) का कहना है कि किसी पार्टी के साथ गठबंधन करने से उन्‍हें चुनाव में चुकसान होगा. इसलिए उन्‍होंने अकेले ही चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. मायावती ने कहा, “हमने उत्तर प्रदेश में अकेले दम पर चुनाव लड़ सरकार बनाई है. उसी अनुभव के आधार पर हम आम चुनाव में भी अकेले चुनाव लड़ेगी. हम किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगे. हमारी पार्टी गठबंधन न करके अकेले इसलिए चुनाव लड़ती है, क्योंकि पार्टी का नेतृत्व एक दलित के हाथ में है. गठबंधन करने पर बीएसपी का वोट विपक्षी दल को मिल जाता है, लेकिन दूसरों का वोट हमें नहीं मिल पाता. 90 के दशक में हुए गठबंधन में सपा और कांग्रेस को फ़ायदा मिला था.”

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गठबंधन से हमें नुकसान ज़्यादा होता है.

ईवीएम में धांधली को लेकर मायावती ने कहा, “ईवीएम में काफ़ी धांधली हो रही है, इसलिए बीएसपी को नुकसान हो रहा है. ईवीएम में धांधली को लेकर आवाज़ें उठने लगी हैं और हमें उम्मीद है कि जल्द ही ईवीएम पर रोक लगेगा, ऐसी उम्मीद है. गठबंधन को लेकर हमारा अनुभव यही रहा है कि गठबंधन से हमें नुकसान ज़्यादा होता है. इसी वजह से देश में ज़्यादातर दल बीएसपी के साथ गठबंधन करना चाहती है. चुनाव बाद गठबंधन करने पर विचार किया जा सकता है.”

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सरकारें रोज़ी रोटी की गारंटी देने की बजाय.

बसपा सु्प्रिमो ने कहा, “यूपी में हमने बीएसपी सरकार में सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की भावना से समाज के वंचित वर्ग के कल्याण के लिए अनेकों जन कल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं. लेकिन अब सरकारें रोज़ी रोटी की गारंटी देने की बजाय सरकार थोड़ा-सा राशन देकर अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रही है. पिछले कुछ वर्षों से केंद्र और राज्य की सरकारों ने धर्म और संस्कृति के आड़ में राजनीति कर लोकतंत्र को कमज़ोर करने का काम किया है. कमज़ोर वर्ग अपनी भलाई के लिए बीएसपी को मज़बूत बनाये. कांग्रेस, बीजेपी और अन्य दल पूरी तरह जातिवादी और पूंजीवादी तरीक़े से काम करने वाली हैं.”

सपा मुखिया ने सोची समझी रणनीति के तहत रंग बदला

अखिलेश यादव पर हमला करते हुए मायावती ने कहा, “विपक्ष के इंडिया गठबंधन को लेकर सपा मुखिया ने सोची समझी रणनीति के तहत गिरगिट की तरह रंग बदला है. पिछले महीने आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित करने के बावजूद, ये प्रचारित किया जा रहा है कि बीएसपी प्रमुख संन्यास लेने वाली है. ये फ़र्ज़ी और ग़लत खबर है. ईवीएम में धांधली को लेकर बीएसपी दुखी और चिंतित है. देश में आम चुनाव की घोषणा होने वाली है. बीएसपी के कार्यकर्ता चुनाव में बीएसपी को जिताकर मुझे जन्मदिन का तोहफ़ा दे सकते हैं. बीएसपी आम चुनाव में अकेले ही चुनाव लड़ेगी.”

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