जल स्तर की कमी से घटा मक्के उत्पादन का रकबा, किसानों को होगा आर्थिक नुकसान

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद- देश व विदेशों तक मक्के के लिए अपनी पहचान बना चुका स्लीमनाबाद तहसील की ग्राम पंचायत तेवरी इस बार मक्के उत्पादन की कमी से जूझ रही है।कारण वर्षा का पर्याप्त मात्रा मे न होना।वर्षा की कमी से भूजलस्तर पर कमी आना।जिससे तेवरी के मक्का उत्पादक कृषको ने मक्का उत्पादन से हाथ खींच लिए है।जिसका आलम यह कि गत वर्ष की बोवनी से इस वर्ष 50 फीसदी बोवनी हुई है।बोवनी मैं कमी आने से किसानों को आर्थिक नुकसान भी होगा।कृषक घनश्याम कुशवाहा, छोटेलाल कुशवाहा, मुरली कुशवाहा, गोकुल कुशवाहा, राजेश हल्दकार, ललन कुशवाहा, शिवम वाजपेयी,नर्मदा कुशवाहा ने बताया कि तेवरी मक्का उत्पादक क्षेत्र है।तेवरी से लगे लखनवारा, गुदरी ,नैगवा व बिचुआ ग्रामो मैं बड़ी संख्या  मैं कृषक मक्के की बोवनी कर वर्ष भर की आमदनी कर लेते थे।क्षेत्र का मक्का देश सहित विदेशों तक निर्यात होता था जिससे अच्छी आमदनी हो जाती थी।लेकिन इस वर्ष जल स्तर कमी से मक्के की खेती मैं कमी आई है।साथ ही मक्के की खेती मे अब कीट व्याधि प्रकोप भी ज्यादा देखने को मिलता है!जिससे मक्के की खेती करना महंगा पड़ रहा है!जिस कारण किसानों का रुझान मक्के की खेती से कम हो रहा है ओर दूसरी फसलों की ओर रुझान बढ़ रहा है!अब किसान ग्रीष्मकालीन मूंग -उडद की बोवनी पर रूचि दिखा रहे है!क्योंकि कम समय ओर लागत कम के साथ अच्छी पैदावार होने से समर्थन मूल्य विक्रय से होने से आर्थिक लाभ मिलता है!
किसानो ने बताया कि गत वर्ष हाइब्रिड मक्का की बोवनी 800 हैक्टेयर व स्वीटकॉर्न की बोवनी 200 हैक्टेयर मैं हुई थी।लेकिन इस वर्ष हाइब्रिड मक्के की बोवनी 350 हैक्टेयर व स्वीटकॉर्न की बोवनी 100 हैक्टेयर पर हुई है।प्रत्येक मक्का उत्पादक कृषक 50 फीसदी बोवनी किया है।

राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों किनारे सजती थी दुकानें-

मक्का उत्पादक कृषको ने बताया कि जुलाई-अगस्त मैं जब मक्का की फसल पककर तैयार हो जाती है तो राष्ट्रीय राजमार्ग 30 के किनारे दोनो ओर मक्का की दुकानें सज जाती है।जिससे मक्का तो बाहर निर्यात के लिए जाता ही है साथ राहगीर आवागमन के दौरान मक्के का स्वाद लेते है।
दो माह मैं प्रत्येक मक्का उत्पादक कृषक लाखो रुपये की आमदनी कर लेता था।लेकिन इस वर्ष कम बोवनी से वर्ष भर का भरण-पोषण कर पाना मुश्किल होगा।

कृषि अमला पहुँचा खेतो मैं-

तेवरी क्षेत्र मक्के की हुई बोवनी का निरीक्षण करने सोमवार को कृषि विभाग का अमला खेतो मैं पहुँचा और मक्का उत्पादक कृषको से चर्चा की।जिसमे कृषको ने बतलाया गया कि जल स्तर की कमी से इस वर्ष मक्के उत्पादन मैं कमी आना बताया।साथ ही मक्के की प्रारंभिक अवस्था मे इल्लियों का प्रकोप देखा जा रहा है।जिसमे कृषि अमले के द्वारा कृषको को जलसंरक्षण के उपाय बतलाये गए ताकि आगामी वर्ष मैं जल स्तर की कमी न आये और पर्याप्त मात्रा मे कृषक मक्के की खेती कर सम्रद्ध शील बन सके।

इनका कहना है- आर के चतुर्वेदी
एसएडीओ कृषि विभाग बहोरीबंद

यह बात सही है कि इस वर्ष जल स्तर की कमी से व मक्के की खेती मे लागत अधिक आने से तेवरी क्षेत्र मे मक्के की बोवनी मे 50 फीसदी की कमी आई है।तेवरी का मक्का देश सहित विदेशों तक निर्यात होता है।
मक्के की फसल कीट व्याधि रोगों से बचाने कृषि अमला कीटनाशक दवाइयों के छिडकाव की समसामयिक सलाह दे रहा है।


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