भक्तो के कष्ट हरने अवतरित होते है भगवान, धूमधाम से मनाया गया श्रीकृष्ण जन्मोत्सव

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद : समीपस्थ ग्राम पंचायत खिरहनी स्थित जगदीश धाम माँ काली मंदिर मैं विश्व कल्याण की कामना को लेकर साप्ताहिक ज्ञान यज्ञ का आयोजन चल रहा है।।जिसमे श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन भी हो रहा है।कथा का वाचन मैहर धाम से आये कथा वाचक आचार्य सतीश के मुखारविंद से किया जा रहा है।सप्ताह ज्ञान यज्ञ के चौथे दिवस शुक्रवार को कथावाचक ने श्रीकृष्ण जन्म की कथा का विस्तार से वर्णन किया। कथा के दौरान पूरा पंडाल ब्रज में हो रही जय जयकार और नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की जैसे भजनो से पूरा पंडाल गूंज गया।
कथावाचक ने कहा कि जब-जब धर्म की हानि होती है, इस पृथ्वी में तब-तब भगवान अधर्म का नाश करने और धर्म का पताका फैलाने स्वयं आते है। कंस के अत्याचार और संतों के कष्टो को दूर करने कर लिए भगवान श्री कृष्ण ने कंस के कारागृह में अवतार लिया। जन्म के समय माया से सभी पहरेदार सो जाते हैं एवं कारागार का ताला खुल जाता है। वसुदेव यमुना पार करके कृष्ण को गोकुल में छोडकऱ आते है। वहां से योगमाया रूपी कन्या लेकर आते है। उसने कंस को याद दिलाया कि अब उसका अंत निश्चित है। यहां गोकुल में जैसे ही नंद बाबा यशोदा ने भगवान को देखा तो सब कुछ बलिहार कर दिया और फिर पूरे 84 कोस ब्रज को बुलाकर कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। सभी देवी देवता भी रूप बदल बदलकर दर्शन करने पहुंचे। कथा के दौरान श्रीकृष्ण जन्म की झांकी भी सजाई गई। कृष्ण के जन्म होते ही भजनों पर सभी भक्त झूम उठे।कथावाचक ने आगे कथा में बताया कि मनुष्य के जीवन में अच्छे व बुरे दिन प्रभु की कृपा से ही आते हैं। जिस समय भगवान कृष्ण का जन्म हुआ जेल के ताले टूट गए, पहरेदार सो गए, वासुदेव व देवकी बंधन मुक्त हो गए। प्रभु की कृपा से कुछ भी असंभव नहीं है। कृपा न होने पर प्रभु मनुष्य को सभी सुखों से वंचित कर देते है।सायंकालीन आरती कर कथा को विश्राम देते हुए प्रसाद का वितरण किया गया।इस दौरान बड़ी संख्या मे श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।

 


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