लोकसभा चुनाव :जिला दण्डाधिकारी ने किये शस्त्र लाइसेंस निलंबित,अधिकारियों और कर्मचारियों के अवकाश पर लगी रोक 

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जबलपुर,जिला दण्डाधिकारी एवं कलेक्टर दीपक सक्सेना ने लोकसभा निर्वाचन की प्रक्रिया निर्विघ्न एवं शांति पूर्वक सम्पन्न कराने तथा निर्वाचन की प्रक्रिया के दौरान कानून एवं व्यवस्था बनाये रखने जिले के समस्त शस्त्रधारियों के शस्त्र लायसेंस निलंबित कर दिये हैं ।आयुध अधिनियम 1959 की धारा 17 की उप धारा (3) के तहत जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी इस आदेश में कहा गया है कि लोकसभा निर्वाचन की प्रक्रिया के दौरान उन शस्त्रधारियों को छोड़कर जिन्हें इस अवधि में शस्त्र रखने की अनुमति दी गई हो, जिले के समस्त शस्त्रधारियों के शस्त्र लायसेंस 16 मार्च से 6 जून तक की अवधि के लिये निलंबित किये जाते हैं । आदेश में ऐसे सभी शस्त्र लाइसेंस धारियों को अपने शस्त्र तत्काल संबंधित थाना अथवा वैध शस्त्र डीलर के यहां सेफ कस्टडी में जमा करने के निर्देश दिये गये हैं ।आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यह न्यायाधीश एवं उनके सुरक्षा कर्मी, मजिस्ट्रेट, प्रथम श्रेणी के अधिकारियों, सेना पुलिस, जिले में कार्यरत पुलिस एवं राजस्व विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी, सेवानिवृत्त राजपत्रित अधिकारी, अर्धसैनिक बलों, बैंक सुरक्षा गार्ड, निजी एजेंसी द्वारा अधिकृत गार्ड, राष्ट्रीय रायफल एसोशियेशन के सदस्य तथा खिलाड़ियों जो विभिन्न स्तर पर खेल प्रतियोगिताओं में शस्त्र का उपयोग करते हैं पर लागू नहीं होगा। जिला दण्डाधिकारी ने आदेश के उल्लंघन की दशा में दोषियों के विरूद्ध शस्त्र अधिनियम 1959 की धारा 17 की उप धारा (3) के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की चेतावनी दी है । उन्होंने कहा है कि समस्त थाना प्रभारियों का यह उत्तरदायित्व होगा कि वे अपने थाना क्षेत्रान्तर्गत समस्त शस्त्रधारियों के अस्त्र-शस्त्र तत्काल थाना अथवा वैध शस्त्र डीलर के पास जमा कराकर पावती शस्त्रधारी को प्रदान करें। साथ ही मतगणना समाप्ति के पश्चात् शस्त्रधारियों को उनके शस्त्र एक सप्ताह के भीतर वापस करना सुनिश्चित करें। शस्त्र लाइसेंस निलंबित करने का यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है तथा लोकसभा निर्वाचन की समूची प्रक्रिया संपन्न होने जाने पर यह स्वमेव प्रभाव शून्य हो जायेगा।

अधिकारियों और कर्मचारियों के अवकाश पर लगी रोक 

जिला निर्वाचन कलेक्टर दीपक सक्सेना ने आदेश जारी कर लोकसभा निर्वाचन की प्रक्रिया संपन्न होने तक जिले में पदस्थ शासकीय एवं अर्ध शासकीय कार्यालयों, निगम एवं मण्डल तथा स्थानीय निकायों के अधिकारियों-कर्मचारियों के अवकाश पर प्रतिबंध लगा दिया है । जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है । श्री सक्सेना ने आदेश में कहा है कि उनकी बिना अनुमति के कोई भी अधिकारी-कर्मचारी अवकाश पर नहीं जा सकेगा । आदेश के उल्लंघन करने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 तथा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के तहत एक पक्षीय दंडात्मक कार्यवाही की जायेगी।


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