हर्षोल्लास के साथ मनेगा लोहड़ी और संक्रांति पर्व,सूर्य की उपासना का पौष माह शुरू

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कटनी/स्लीमनाबाद(सुग्रीव यादव ): हिन्दी पंचांग का दसवां माह पौष शुरू हो गया है। ये महीना 25 जनवरी तक रहेगा। पौष में सूर्य पूजा करने का महत्व सबसे ज्यादा है। पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। इस महीने में तीर्थ दर्शन करने की भी परंपरा है। इसी माह लोहड़ी, मकर संक्रांति पर्व मनाए जाएंगे।सूर्य की उपासना के पर्व पौष माह मैं स्लीमनाबाद तहसील के मंदिरों मैं विविध कार्यक्रम आयोजित हो रहे है।स्लीमनाबाद स्थित सिंहवाहिनी मंदिर मे महिला मंडल की सदस्यों के द्वारा राम नाम संकीर्तन व रामचरित मानस पाठ का गायन किया जा रहा है।पंडित दिलीप पौराणिक ने बताया कि सूर्य देव नौ ग्रहों के राजा हैं और पंचदेवो में शामिल हैं। किसी भी काम की शुरुआत पंचदेवों की पूजा के साथ ही होती है। सूर्य पूजा से कुंडली के नौ ग्रहों से संबंधित दोष दूर होते हैं। कुडली में सूर्य की स्थिति ठीक न हो तो घर-परिवार और समाज में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहे, मान-सम्मान मिले, सफलता मिले, इसके लिए सूर्य की पूजा करनी चाहिए।

पौष माह में तीर्थ स्नान का महत्व-
पंडित रमाकांत पौराणिक ने बताया कि पौष माह में सूर्योदय से पहले उठना चाहिए। इसके बाद तीर्थ या पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। ऐसा संभव न हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर नहाना चाहिए। इसके बाद पूरे दिन व्रत और दान का संकल्प लेना चाहिए। फिर किसी तीर्थ पर जाकर नदी की पूजा करनी चाहिए। पौष माह की पूर्णिमा तिथि पर पवित्र नदियों और तीर्थ स्थानों पर पर स्नान करने का महत्व बताया गया है। नदी पूजा और स्नान करने से मोक्ष प्राप्त होता है।

 


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