जेट स्ट्रीम ने बढ़ाई जबलपुर में ठंड,बच्चे, बुजुर्ग और ह्दयरोगी रहें सावधान 

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जबलपुर :हिमालय की तराई से उतरकर नीचे मैदानी इलाकों में आईं जेट स्ट्रीम (बर्फीली हवाओं) ने सूबे को अपनी चपेट में ले लिया है। इसके तीखे असर से घना कोहरा, शीतलहर और उत्तरी पछुवा हवा के साथ बूंदाबांदी ने मौसम को सर्द कर दिया है लोग ठंड में ठिठुरे जा रहे हैं। मौसम विदों ने जहां 24 जनवरी तक तीखी ठंड के आसार जाहिर किए हैं, वहीं चिकित्सकों ने इसे स्वास्थ्य के लिए घातक बताया है। उन्होंने सलाह दी है कि ज्यादा देर तक डायरेक्ट ठंड के संपर्क में आने से बचें। खासकर बच्चे, बुजुर्ग और ह्दयरोगी पूरी सावधानी बरतें।

सुबह कोहरा के बाद बूंदाबांदी 

वहीं आज सुबह से ही घना कोहरा छाया रहा। 10 बजते तक हल्की बूंदाबांदी के साथ 4 से 5 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रहीं बर्फीली हवाओं ने लोगों को डरा सा दिया था। ठंड का प्रकोप इतना तीव्र कि, घर के अंदर भी कंपकंपी छूट रही थी।

24 जनवरी तक अलर्ट 

मौसम विज्ञानी देवेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि, निचले क्षोभमंडल में बफीर्ली ठंडी पश्चिमी एवं उत्तर पश्चिमी हवा के साथ ही समुद्र तल से 12.6 किमी ऊपर 140-160 नॉट क्रम की जेट स्ट्रीम हवाएँ उत्तर भारत के मैदानी इलाकों पर कायम हैं। जिसके प्रभाव से राज्य में 19 जनवरी से 24 जनवरी 2024 तक शीत दिवस की स्तिथि बने रहने की संभावना है। इसके असर से अगले कुछ दिन तापमान सामान्य से कम रहने के साथ ही अगले 5 दिनों के दौरान कुछ जगहों पर घने कोहरे का भी पूर्वानुमान है।

शीत दिवस के लिए एहतियाती सलाह 

चिकित्सकों ने चेतावनी में कहा है कि, कंपकंपी को नजरअंदाज न करें। यह पहला संकेत है कि, शरीर से गर्मी कम हो रही है। लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने के कारण शीतदंश हो सकता है। त्वचा पीली, कठोर और सुन्न हो जाती है। अंतत: शरीर के खुले हिस्सों जैसे उंगलियों, पैर की उंगलियों, नाक और कान के निचले हिस्से पर काले छाले दिखाई देने लगते हैं। लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने से बचें। आम जन खासकर बच्चे एवं बुजुर्गों को ठण्ड से बचने की सलाह दी गई है। सलाह में कहा गया है कि, गर्म कपड़े धारण करें तथा गर्म पेय पदार्थ का सेवन करें।


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