होलाष्टक का हुआ आगाज,सात दिनों तक नहीं होंगे कोई भी शुभ कार्य

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स्लीमनाबाद (सुग्रीव यादव ):होली पर्व को लेकर स्लीमनाबाद तहसील क्षेत्र मैं तैयारियां शुरू हो गई है।वही बाजारों मैं भी रंगगुलाल ,पिचकारियों सहित मुखौटे नजर आने लगे है ।
गांवों मैं लकड़ी व कंडो को एक जगह एकत्रित करने का क्रम शुरू हो गया है।साथ ही भक्त प्रह्लाद व होलिका की प्रतिमा बनाने का भी दौर शुरू हो गया है।इस बार 24 मार्च को होलिका दहन और  25 मार्च को धुलेडी पर्व मनाया जायेगा।
होलिका दहन के दिन इस बार भद्रा रहेगी।भद्रा की स्थिति सुबह से रात्रि तक लगभग 11 घंटे रहेगी।ऐसे मैं भद्रा समाप्ति पर रात्रि 10:30 बजे के बाद होलिका दहन होगा।24 मार्च से पांच दिवसीय रंगोत्सव पर्व की शुरुआत हो जायेगी।पंडित रमाकांत पौराणिक ने बताया कि भद्रा की स्थिति मैं होलिका दहन नही किया जाता है।आमतौर पर पूर्णिमा के दिन भद्रा की स्थिति रहती है।इस बार भी भद्रा 24 मार्च को सुबह 9:30 बजे से रात्रि 10:30 तक रहेगी।भद्रा समाप्ति के बाद ही होलिका दहन किया जायेगा।

होलाष्टक का आगाज सात दिनों तक नही होंगे शुभ कार्य_

पंडित दिलीप पौराणिक ने बताया कि हिंदू धर्मावलंबियों द्वारा किए जाने वाले शुभ कार्यों पर रविवार से एक सप्ताह के लिए विराम लग गया है। इसकी वजह ये है कि 17 मार्च रविवार से होलाष्टक लग गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होलाष्टक की अवधि में कोई शुभ कार्य नहीं किये जाते। सिर्फ पूजापाठ की जा सकती है, लेकिन शादी, मुंडन, गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार आदि कार्य इस सप्ताह में नहीं होते। ऐसे में आगामी 24 मार्च होलिका दहन यानी पूर्णिमा तक ये शुभ कार्य वर्जित रहेंगे।होली से पहले का ये सप्ताह मांगलिक कार्यों के लिए शुभ नहीं होता। ये आठ दिन अपशगुन के होते हैं, क्योंकि  इन आठ दिनों मैं भक्त प्रह्लाद पर हिरणयाकश्यप की यातनाएं बहुत अधिक बढ़ गई थी, और आठवें दिन होलिका होलिका भक्त प्रह्लाद को लेकर अग्नि मै बैठ थी।इसलिए इन आठ दिनों को यातनाओं के रूप मैं याद किया जाता है।


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