हिंदी हमारी संस्कृति ,इसके बिना संभव नही विकास , स्वामी विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय स्लीमनाबाद मैं हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित हुई कार्यशाला

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स्लीमनाबाद-  हिंदी दिवस के अवसर पर शनिवार को स्वामी विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय स्लीमनाबाद मैं कार्यशाला का आयोजन किया गया।कार्यशाला की शुरुआत मां सरस्वती के तैल चित्र पर माल्यार्पण व पूजन अर्चन कर किया गया।प्राचार्या डॉ सरिता पांडेय ने हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है। संस्कृत प्राचीन भाषा है। इससे ही हिंदी की उत्पत्ति हुई। संस्कृत मां और हिंदी उसकी बेटी है, जबकि हिंदी की बहन उर्दू है। हिंदी विशेष रूचिकर है। देश में भले ही अंग्रेजी को ज्यादा महत्व दिया जा रहा हो लेकिन हिंदी के बिना देश का विकास संभव नहीं है। हमारी पहचान मातृभाषा से ही होती है। अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई करने के बाद भी कुछ विद्यार्थी हिंदी में बहुत रुचि रखते हैं। जो रस हिंदी में मिलता है वह रस अंग्रेजी में नहीं मिलता। आज अंग्रेजी हमारी आवश्यकता है लेकिन हिंदी हमारी संस्कृति है। इसलिए संस्कृति के बिना किसी भी व्यक्ति का विकास नहीं हो सकता। हिंदी पढ़ाने में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हमारी समाज आज भौतिकवादी युग की ओर बढ़ रहा है। जिस कारण हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे अंग्रेजी में ही बोले, पढ़े और लिखें। इससे उनके बच्चों का ज्ञान अधूरा हो जाता है न बच्चे अंग्रेजी के हो सकते हैं न हिंदी के हो पाते हैं।हालांकि हिंदी भाषा को बढ़ावा देने केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा ठोस निर्णय लिए जा रहे है।अब उच्च व उच्चतम न्यायलयों के फैसले भी हिंदी भाषा मे उपलब्ध हो रहे है।एमबीबीएस की पढ़ाई भी हिंदी भाषा मे हो रही है।सरकारी अस्पतालों मैं मरीजो को चिकित्सको के द्वारा हिंदी मैं दवाइयां लिखी जा रही है।वही डॉ प्रीत नेगी ने कहा कि देश मे हिंदी को बढ़ावा देने निरंतर प्रयास किये जा रहे है।लेकिन आज भी शिक्षको को हिंदी पढ़ाने मैं चुनोतियाँ का सामना करना पड़ता है।उनका मानना है कि शुरुआती कक्षाओ से विद्यार्थियों को हिंदी पर सही ज्ञान नही मिलता है।आज हर व्यक्ति अंग्रेजी मैं बात कर अपना प्रभुत्व स्थापित कर रहा है।भले ही अंग्रेजी को ज्यादा महत्व दिया जा रहा हो लेकिन हिंदी के बिना देश का विकास संभव नही है।इस दौरान छात्र -छात्राओ ने काव्य पाठ व निबंध प्रतियोगिता के जरिये हिंदी भाषा के बारे मे जागरूक किया।इस दौरान डॉ शैलेंद्र जाट,डॉ रंजना वर्मा,डॉ प्रीति यादव, डॉ प्रतीक चौबे,डॉ भारती यादव,अशोक पटेल ,अंजना पांडेय, गोरेलाल यादव सहित बड़ी संख्या मे छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही।

 

 


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