श्री भगवान ऑयल मिल और द सिंघई पैलेस का खाद्य लाइसेंस निलंबित

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जबलपुर, कलेक्टर दीपक सक्सेना द्वारा बनाई गई निगरानी समिति ने श्री भगवान ऑयल मिल बाई का बगीचा एवं द सिंघई पैलेस सिविल लाइन पर कार्यवाही की। जांच के दौरान द सिंघई पैलेस से दही और पनीर व श्री भगवान ऑयल मिल से सरसों के तेल का सैंपल लिया गया। फूड सेफ्टी ऑफिसर श्री पंकज श्रीवास्तव ने बताया की निरीक्षण के दौरान श्री भगवान ऑयल मिल अत्यधिक गंदगी में निर्माण कार्य पाए जाने की कार्यवाही की एवं निर्माण स्थल से 225 लीटर ऑयल जप्त किया गया व स्वच्छता संबधी मापदंड पूर्ण न होने तक खाद्य लाइसेंस निलंबित कर दिया गया हैं।
कार्यवाही में गठित निगरानी समिति के सदस्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री पंकज श्रीवास्तव, श्रीमती माधुरी मिश्रा एवं श्रीमती सारिका दीक्षित उपस्थित रहें।

खाद्य पदार्थों में मिलावट मानव स्वास्थ्य के लिये हानिकारक 

कलेक्टर की अध्यक्षता में खाद्य सुरक्षा को लेकर कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला पंचायत की मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती जयति सिंह, अपर कलेक्‍टर श्री शेर सिंह मीणा, फूड सेफ्टी ऑफिसर पंकज श्रीवास्तव, विभिन्न प्रकार के खा़द्य उत्पादक, विक्रेता, परिवहन व स्टोरेज संघ के प्रतिनिधियों के साथ अन्य संबंधित वेंडर उपस्थित थे।बैठक में कहा गया कि खाद्य पदार्थों संबंधित किसी भी प्रकार के यदि प्रतिष्ठान खोले हैं तो उनका रजिस्ट्रेशन होना आवश्यक है। इस दौरान लायसेंस के आवेदन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई और कहा गया कि कोई भी फूड बिजनेस के लिये लायसेंस आवश्यक है। यदि जांच के दौरान लायसेंस नहीं पाया जाता है तो 2 लाख रूपये तक जुर्माना का प्रावधान है। कलेक्टर ने कहा कि कोई भी व्यवसायी नियम कानून के अंतर्गत व्यवसाय करता है तो उसके लिये हितकर है। इसके साथ ही कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट मानव स्वास्थ्य के लिये घातक है अत: इसके निर्माण, विक्रय, परिवहन, स्टोरेज आदि में स्वच्छता का ध्यान देना बहुत आवश्यक है। इसलिये संबंधित प्रतिष्ठान संचालक अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को इसका प्रशिक्षण दें और बतायें कि खाद्य पदार्थों में मिलावट व अस्वच्छता मानव स्वास्थ्य के लिये कितना घातक है। इस दौरान बैठक में उपस्थित प्रतिनिधियों ने भी मिलावट से मुक्ति अभियान को प्रभावी बनाने के लिये अपने विचार व्यक्त किये।


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