फॉलोअप,मुर्दों के साथ एंजियो से भी ली मोटी रकम,बैंक खाते से खुली कर्मचारी के काले कारनामों की पोल,कब होगी एफआईआर ?

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जबलपुर :व्यक्ति की मौत के बाद मिलने वाली संबल योजना की सरकरी राशि मे भी घूस ले ली गई हैरान करने वाली बात तो यह है की घूस के रूप में हजार दो हजार नहीं बल्कि 50 हजार रुपये से लेकर किसी से डेढ़ लाख रुपये लिए गए,इतना ही नहीं एक एंजियो से  9 लाख रुपयों से भी ज्यादा की घूस ली गई,लेकिन इतने बड़े- बड़े कारनामे करने वाले उच्च कुशल श्रमिक पर अभी भी एफआईआर दर्ज तक नहीँ हुई है,यहाँ तक की उच्च कुशल श्रमिक के बचाव में भी कुछ लोग लगे हुए हैं, कुछ लोगों का कहना है की कोई कर्मचारी अकेले यह नहीं कर सकता और भी लोग उसमें शामिल होंगे ,वहीं सूत्रों की मानें तो  लगभग साढ़े 12 हजार रुपये मासिक वेतन पाने वाले उच्च कुशल श्रमिक के खाते में 27 लाख रुपये कहां से आये? इतना बड़ा कारनामा करने के बाद ये उच्च कुशल श्रमिक  खुलेआम घूम रहा है।

नगर सहित नगर पालिका की छवी हो रही धूमिल 

आरोप है की नगर पालिका सिहोरा के एक उच्च कुशल श्रमिक को संबल योजना का काम क्या मिला उसने मृत्यु के बाद मृतक के परिजनों को संबल योजना के तहत मिलने वाली सरकारी सहायता राशि में घूस के रूप में मोटी रकम लेने लगा।वहीँ उच्च कुशल श्रमिक  के कारनामों से न केवल नगर पालिका की छवि खराब हुई है बल्कि सिहोरा नगर की भी छवि खराब हुई है,अब ऐसे में सवाल उठता है कि ऐसे  भृष्ट उच्च कुशल श्रमिक के खिलाफ एफआईआर कब दर्ज होगी ?क्योंकि यदि मामला उजागर होने के बाद भी इस श्रमिक के खिलाफ कड़ी कार्यवाही नहीँ होती तो भृस्टाचार को बढ़ावा मिलेगा और लोग खुलकर घूस लेंगे ? लोगों की मांग है की ऐसे भृष्ट उच्च कुशल श्रमिक पर ऐसी कार्यवाही हो कि दूसरे कर्मचारी और अधिकारी घूस की बात सोचने के पहले दस बार सोचें।

क्या है मामला ?

ये पूरा मामला जबलपुर जिले की नगर पालिका सिहोरा का है जहां पर एक लगभग साढ़े 12 हजार रुपये की वेतन पाने वाले नगर पालिका के उच्च कुशल श्रमिक के कारनामा सुनकर आपके होश उड़ जायेंगे दरसअल यह उच्च कुशल श्रमिक ज्यादातर एक चमचमाती कार से ऑफिस आता था साथ ही इस कर्मी के कारनामे इतने बुरे होंगे की कोई सोच नहीं सकता,लेकिन नगर पलिका सिहोरा के वार्ड नंबर 7 के भाजपा के पार्षद जवाहर कोल ने ही इस कुशल श्रमिक के काले कारनामों के काले चिठ्ठे खोलकर रख दिये है।और जब अधिकारियों ने कर्मचारी का बैंक स्टेटमेंट चैक किया उनके होश उड़ गए कर्मचारी ने संबल योजना के हितग्राहियों के अलावा, एंजियो सुनहरा कल के ए एएल एफ की 400 महिला सदस्यों को 7500 रू के मान से एएलएफ के मॉड्यूल के अन्तर्गत प्रशिक्षण राशि 30 लाख रुपये दिलवाने की एवज में 9 लाख 50 हजार रुपये घूस भी ली गई जो सीधे कर्मचारी के खाते में एंजियो द्वारा ट्रांसफर किये गए थे।

कब दर्ज होगी एफआईआर ?

वहीं उच्च कुशल श्रमिक प्रेसिडेंट इन काउंसिल की बैठक में वार्ड नंबर 7 के पार्षद जवाहर कोल के लिखित आरोप पर आनन-फानन में संबंधित उच्च कुशल श्रमिक द्वारका कोरी के खिलाफ कार्यवाही करने का प्रस्ताव पारित किया गया था साथ ही उसके खिलाफ लगाए आरोप की जांच करने और जांच में सत्यता पाए जाने पर कर्मी के खिलाफ एफआईआर करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया था।यह बैठक नगर पालिका अध्यक्ष संध्या दिलीप दुबे की अध्यक्षता सदस्य पार्षद बेबी विनय पाल लीला सुप्पी बर्मन जवाहर कोल अंकुश नायक एवं शारदा बर्मन की उपस्थिति में प्रेसिडेंट इन काउंसिल की बैठक हुई थी।लेकिन अब सवाल उठना लाजमी हो जाता है की कर्मचारी पर जब आरोप साबित हो गए है तो एफआईआर कब दर्ज होगी ?

मोटी रकम लेकर ऐसे पहुँचाया गया अपात्रों को लाभ 

वहीँ  पर  आरोप है की वार्ड नंबर 7 के अपात्र हितग्राहियों को उच्च कुशल श्रमिक द्वारका कोरी ने मोटी रकम लेकर संबल योजना का लाभ दिलवाया गया।पहला मामला गढ़िया महोल्ला निवासी शिब्बू खंगार का है जिसकी हत्या हुई थी लेकिन हत्या के केस को हादसा बनाकर शिब्बू के पिता सुरेंद्र ठाकुर को  अनुग्रह राशि चार लाख स्वीकृत की गई और 4 लाख रुपयों में से द्वारका कोरी द्वारा डेढ़ लाख रुपए लिए गए। इसी तरह वर्षा बर्मन को स्वीकृत दो लाख रुपए में से कर्मी ने 85 हजार रुपए ले लिए।तीसरे मामला में मान बाई कोरी की सामान्य मृत्यु होने पर दो लाख रुपए की स्वीकृति हुई जबकि स्वर्गीय मान बाई के पति दुलीचंद कोरी एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी है,दुलीचंद की पत्नी मान बाई कोरी की पूरी राशि उच्च कुशल श्रमिक द्वारका कोरी ने अपने खाते में  ही ले ली थी,बताया जा रहा है की श्रीमती मान बाई उच्च कुशल श्रमिक द्वारका कोरी की माँ थीं, एक तो स्वर्गीय मान बाई के पति दुलीचंद सरकारी कर्मचारी थे उस बजह से भी ये संबल योजना के लिए अपात्र हितग्राही थे तो वहीं संबल राशी स्वर्गीय मान बाई के पति दुलीचंद कोरी के खाते में न डालकर कर्मचारी द्वारका कोरी के खाते में ही डाल दी गई ।जबकि पात्र हितग्राही में गुड्डी बाई कोल एवं रज्जू कोल के आवेदन पत्र कर्मचारी ने अस्वीकृत करवा दिए थे

कार से ऑफिस आता था उच्च कुशल श्रमिक

बताया जा रहा है की हितग्राहियों से रुपए ऐठने वाला उच्च कुशल श्रमिक द्वारका कोरी अपनी दबंगता के लिए पूरे नगर पालिका में विख्यात है वह उच्च कुशल श्रमिक होने के बावजूद भी कार मेंटेन करके रखा था और घर से कार्यालय अपनी चमचमाती कार में ही आता जाता था इससे साफ जाहिर होता है कि वह मुख्यमंत्री संबल योजना के क्रियान्वन में हितग्राहियों से किस प्रकार पैसे वसूल करने का खेल खेला जा रहा था।

इनका कहना है,

उच्च कुशल श्रमिक को कार्य से मुक्त कर दिया गया है,और उच्चस्तरीय जांच जारी है,उसके बाद आंगे की कार्यवाही की जायेगी।

मुख्य नगर पालिका अधिकारी सिहोरा,जय श्री चौहान


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