आसमान मैं बादलों के डेरे से किसानों को चिंता, खेतो मैं पकी व अधपकी खड़ी धान की उपज

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद- रविवार को एक बार फिर सुबह से ही आसमान मैं बादलों के डेरे से किसानों के चेहरे मैं चिंता सताने लगी।शाम तक आसमान मैं बादलों की लुकाछिपी का खेल चलता रहा।किसानों को चिंता सताने लगी कि यदि बारिश हुई तो उनकी मेहनत पर पानी फिर जाएगा ।फिर आर्थिक समस्या उतपन्न हो जाएगी।क्योंकि खेतो मैं धान की फसल पककर तैयार होने को है!कृषक जयदीप त्रिपाठी,राकेश साहू,रामनारायण यादव,राजकुमार यादव ने बताया कि खरीफ सीजन की प्रमुख धान की फसल पककर तैयार हो चुकी है।जो फसल सप्ताह भर मे कटाई का कार्य शुरू हो जाएगा।लेकिन जिस प्रकार रविवार से मौसम बदलाव हुआ उससे यदि बारिश हुई तो फसल खराब हो जाएगी।बारिश होने से  धान की बालियों मैं कालापन आ जायेगा ,फसल खेतो मैं लेट जाएगी जिससे उतपन्न प्रभावित होगा।
उत्पादन प्रभावित होने से किसानों की चार माह की मेहनत बेकार जाएगी।क्योंकि पहले से किसान परेशान है, क्योंकि धान की फसल पर कीट व्याधि प्रकोप रहा जिससे धान की फसल खेत पर पैरा बन गई!कुछ क्षेत्रों मे जहाँ धान की फसल पक गई है तो वहां हार्वेस्टर से कटाई-मिसाई का कार्य शुरू हो गया है!

25 हजार हैक्टेयर मैं हुई है खरीफ सीजन खेती-

कृषि विभाग के एसएडीओ आर के चतुर्वेदी ने बताया कि बहोरीबंद विकासखण्ड मैं 25 हजार हैक्टेयर मैं खरीफ सीजन की खेती हुई है।जिसमे से 20 हजार हैक्टेयर मैं धान की फसल की बोवनी हुई है।धान की फसल 80 फीसदी पककर तैयार हो चुकी है, 20 फीसदी फसले अभी पकने को तैयार है।जिस प्रकार मौसम मैं बदलाव हुआ है यदि बारिश हुई  तो धान की पकी फसल को नुकसान होगा।इस समय किसानों ने दलहनी फसलों की बोवनी शुरू कर दी है!गेंहू की बोवनी नवंबर माह मे शुरू होगी!

 

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