किसानों के अरमानों पर फिरा पानी, संकट में अन्नदाता

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद – मौसम के करवट बदलते ही जिले भर में कहीं मध्यम तो कहीं हल्की बारिश हो रही है। बेमौसम बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अन्नदाता संकट के दौर से गुजर रहे हैं।विगत तीन दिनों से मौसम बदलाव चल रहा है!बुधवार को सुबह ही आसमान पर बादल छाए रहे ओर शाम को झमाझम बारिश होने लगी!स्लीमनाबाद तहसील मुख्यालय मै लगभग आधे घंटे झमाझम बारिश हुई!
तहसील मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों में आधे घंटे तक हल्की बारिश का दौर चला। बारिश से किसानों के खेतों में पककर तैयार हल्की धान की खड़ी फसल खेतों में बिछने के नजारे दिखाई दिए!किसानों का कहना है कि बेमौसम बारिश से किसानों की करीब 20 से 30 प्रतिशत फसलों का नुकसान होने का अनुमान है।बारिश होने से खेत की खड़ी फसल के दाने काले पडऩे और गुणवत्ता प्रभावित होने का अनुमान है।पहले से ही धान की उपज मै रोगों के प्रकोप से उत्पादन कम गया है!वही अब बारिश किसानों की कमर तोड़ रखी है!किसानों के अनुसार बारिश से खड़ी और कटी दोनों फसल को नुकसान हुआ है। दाने काले पड़ जाते हैं और एफएक्यू मापदंड में नहीं आने से उन्हें फसल का वाजिब दाम नहीं मिल पाता है।

अचानक बदल रहा मौसम

किसानों का कहना है कि महीने भर का वक्त गुजर रहा है, मौसम पूरी तरह से साफ नहीं हो पाया है। खेतों में पककर तैयार हल्की प्रजाति की धान फसल की कटाई फिलहाल किसानों ने शुरू कर दी है। लेकिन बुधवार से मौसम को देखते हुए एक बार फिर कटाई का काम रूक गया है।बहोरीबंद विकासखंड में इस वर्ष खरीफ सीजन का रकबा 28 हजार हैक्टेयर है, जिसमें 25 हजार हैक्टेयर मै धान की फसल लगाई गई है।समूचे विकासखंड मै अभी तक मात्र 20 फीसदी फसल की ही कटाई हुई है, शेष 80 फीसदी फसल खेतों मै अधपकी व पकी ख़डी हुई है!बेमौसम बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी। बुधवार को खेतों मै हार्वेस्टर से कटाई का कार्य चला, लेकिन शाम होते ही बारिश होने से हार्वेस्टर मशीने खेतों से बाहर आ गईं ओर किसान धान की उपज को सुरक्षित बचाने का काम करते दिखे!

समर्थन मूल्य पर कैसे होगी खरीदी

किसानों ने बताया कि पानी का रिसाव होने से बीज की गुणवता प्रभावित होती है। पानी के प्रभाव में फसल के आने के कारण गहाई के उपरांत बीज में कालापन आने से उन्हें उचित दाम नहीं मिल पाएगा। आगामी दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी होना संभावित है। केंद्रों में किसानों से एफएक्यू मापदंडों के अनुसार ही धान खरीदी जाती है, ऐसी स्थिति में किसानों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

इनका कहना है- अमर सिंह ऐमा वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी बहोरीबंद

बहोरीबंद विकासखंड मै 20 फीसदी धान कटाई कार्य हो चुका है!लेकिन मौसम बदलाव के चलते बारिश होने से कटाई का काम प्रभावित हो रहा है!रही बात नुकसानी के तो इसकी स्थिति सामने अभी नहीं आई है!यदि कही से नुकसानी की जानकारी आती है तो खेतों मै जाकर स्थिति का निरीक्षण किया जायेगा!

 

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