मिलेट फसलों के उत्पादन से किसानों की बढ़ेगी आमदनी,होंगे समृद्ध शील
कटनी/स्लीमनाबाद (सुग्रीव यादव ): मध्यप्रदेश राज्य मिलेट मिशन योजना के तहत लघु_धान्य फसलें जैसे कोदो,कुटकी,रागी,बाजरा,ज्वार आदि विलुप्त हो रही फसलों को पुनर्जीवित कर रकबा बढ़ाने तथा उत्पादन बढ़ाने के लिए राज्य सरकार के द्वारा योजना शुरू की गई।
जिसके तहत बहोरीबंद विकासखंड मै भी विलुप्त हो रही फसलों को बचाने कृषि विभाग ने कार्ययोजना तैयार की है।
जिसके तहत इस वर्ष 2024_25 मैं विकासखंड क्षेत्र मैं एक हजार हैक्टेयर मैं मिलेट फसलों की खेती की जाएगी।
मिलेट फसल कृषि कार्य से कृषक जागरूक हो सके,इसके लिए कृषि विभाग के द्वारा किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण के लिए डिंडोरी भेजा गया।कृषि विभाग के एसएडीओ आर के चतुर्वेदी के साथ 25 कृषको का समूह तीन दिवसीय प्रशिक्षण के लिए डिंडौरी गया । जहां कृषि अनुसंधान केंद्र डिंडौरी मैं कृषि विशेषज्ञ व वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को प्रशिक्षित किया गया।कृषि वैज्ञानिक डॉ पी एल अंबुलकर , डॉ अवधेश पटेल , डॉ सत्येंद्र कुमार, डॉ रेणुका पाठक एवम डॉ मनीषा श्याम ने भ्रमणार्थी 25 कृषको को लघु_धान्य फसलों का महत्व एवम बाजार व्यवस्था व मूल्य संवर्धन के साथ_साथ लघु_धान्य फसलों की खेती की उन्नत तकनीकी,पौध संरक्षण तथा प्राकृतिक खेती के महत्व पर विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण उपरांत कृषको का दल गुरुवार को वापिस बहोरीबंद लौटा।
एक हजार हैक्टेयर मैं होगी मिलेट फसलों की खेती_
बहोरीबंद कृषि विभाग एसएडियो आर के चतुर्वेदी ने बताया कि प्रशिक्षित कृषको के सहयोग से वर्ष 2024_25 मैं बहोरीबंद विकासखंड क्षेत्र मैं एक हजार हैक्टेयर क्षेत्र मैं मिलेट फसल रागी,कोदो,ज्वार तथा बाजरा की खेती का कार्य होगा।
मिलेट फसलों के उपयोग से शरीर भी स्वास्थ्य रहेगा।
इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने भोजन/नाश्ता मैं मिलेट उत्पाद को शामिल करना चाहिए,क्योंकि मिलेट मैं मौजूद तत्व शरीर के एसिड को न्यूट्रल करने मैं सहायक होते है।मिलेट्स मैं पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर की अम्लता को प्राकृतिक रूप से दूर करने का कार्य करते हैं।मिलेट्स मैं कैल्शियम, आयरन,जिंक, फास्फोरस,मैग्नीशियम,पोटेशियम,विटामिन बी,कैरोटीन आदि तत्व पाए जाते है,जो मनुष्य को हमेशा स्वास्थ्य ,निरोग बनाए रखने मैं मददगार होते है।
मिलेट फसलों के कृषि कार्य से कृषक अपनी आमदनी बढ़ाकर समृद्ध शील भी बनेंगे।कृषि अनुसंधान केंद्र मैं किसानों ने औषधीय संग्रहालय, सौर लाइट ट्रेप,प्राकृतिक खेती प्रदर्शन, मुर्गी पालन प्रदर्शन इकाई का भ्रमण कर अवलोकन किया गया।कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा किसानों के प्रश्नों का उत्तर भी दिया गया व किसानों की समस्याओं का समाधान किया गया।बहोरीबंद विकासखंड क्षेत्र मैं मिलेट फसलों के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी सत्यनारायण,भूपेंद्र सिंह,रघुवंशी,विनीत कुमार भी डिंडोरी मैं प्रशिक्षण ले ,कार्य मैं जुट गए है।बहोरीबंद विकासखंड क्षेत्र के ग्राम शिकारपुरा, सिहुडी,मोहनिया राम, मनगवा,इमलिया, मटवारा,देवरी भार,गुदरी एवम सलैया प्यासी के 25 किसानों का समूह शामिल रहा।
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