समर्थन मूल्य पर गेंहू विक्रय करने किसानों ने नही दिखाई रुचि

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सुग्रीव यादव :स्लीमनाबाद- समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की प्रक्रिया भले ही शासन स्तर से चल रही हो लेकिन हकीकत मे तो उपार्जन केंद्र सूने पड़े हुए है!हाल ही मे समर्थन मूल्य पर गेंहू खरीदी की की प्रक्रिया 25 जून तक चलेगी!
लेकिन गेंहू खरीदी की समयावधि बढ़ाने का कोई मतलब धरातल पर दिखता नजर नही आ रहा!रबी विपणन वर्ष 2024-25 मे गेंहू खरीदी के लिए बहोरीबंद मैं 24 उपार्जन केंद्र बनाए गए थे।समर्थन मूल्य पर गेंहू विक्रय के लिए 13 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया था ।जिसमे सिर्फ 6270 किसानों ने अपनी उपज समर्थन मूल्य पर बेची है। बाकी के किसानों ने अपनी उपज व्यापारियों को बेच दी।जानकारी के मुताबिक बहोरीबंद विकास खण्ड में इस वर्ष गेंहू खरीदी का लक्ष्य 70 हजार मीट्रिक टन रखा गया था।
लेकिन मात्र 38 हजार 300 मीट्रिक टन ही खरीदी हो पाई।जो कि गत वर्ष की अपेक्षा कम है!किसानों ने समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय न करते हुए फुटकर व व्यापारियों के माध्यम से बेच दिया। जिसका मुख्य कारण समर्थन मूल्य के बराबर बाजार भाव बताया गया है। वहीं किसानों को समितियों तक ले जाने की चक्कलस नहीं झेलनी पड़ी । किसानों की माने तो फुटकर बिक्री व व्यापारियों को उपज बेचने में तुरंत भुगतान हो जाता है। वहीं समतियों में देने पर भुगतान के लिए इंतजार करना पड़ता है।

बीते तीन वर्षों से लक्ष्य से कम हो रही खरीदी-

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीते तीन वर्षों से किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं की बिक्री करने में अपनी रुची नहीं दिखा रहे हैं। जिसके कारण लक्ष्य से काफी कम खरीदी हो रही है। वर्ष 2022-23 में भी 80 हजार क्विंटल का लक्ष्य रखा गया था। जिसमें 45 हजार क्विंटल ही खरीदी हो पाई थी। वहीं 2023-24 में 70 से 80 हजार क्विंटल का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिसमें कुल 44 हजार 711 क्विंटल की खरीदी हो सकी।वहीं वर्ष 2024-25 मे भी 70 से 80 हजार मिट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया था लेकिन 38 हजार मिट्रिक टन ही गेंहू खरीदी हुई!

घर पर ही मिल जाता है उचित दाम-

किसानों ने कहा कि इस वर्ष गेहूूं की फसल में मौसम की मार थी। जिसके कारण अधिकांश फसल खराब हो गई थी।उपार्जन केंद्रों में गेहूं लेने मे कई प्रकार से जांच पड़ताल की जाती है। वहीं भुगतान का इंतजार भी करना पड़ता है। किसानों के घर से व्यापारी स्वंय आकर उपज ले जाते है जिससे किसानों का समय व भाड़ा दोनों की बचत होती है, साथ ही तत्काल ही भुगतान हो जाता है। व्यापारी गेहूं की गुणवत्ता को देखते हुए उचित दाम दे जाते हैं।
बाजार में गेहूं के दाम इन दिनों 2200से लेकर 2300 रुपए तक किसानों को मिल रहे हैं।जबकि समर्थन मूल्य 2275 रूपये है साथ ही 125 रूपये बोनस प्रति क्विंटल देने की बात राज्य सरकार ने की थी!

इनका कहना है- पीयूष शुक्ला कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी बहोरीबंद

गेंहू खरीदी इस वर्ष लक्ष्य से कम है। जिसका कारण बेमौसम बारिश के कारण फसल प्रभावित होना।साथ ही किसानों को घर पर ही उचित दाम गेंहू विक्रय का मिल जाना।व्यापारी किसानों के खेत से ही नगद भुगतान कर उपज ले लिए।
जिस कारण खरीदी लक्ष्य से कम हुई है।

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