दर्जनों यूनिवर्सिटी डिफाल्टर घोषित,नहीँ की लोकपाल की नियुक्ति

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जबलपुर :,इस वक्त देश में शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह चरमराई हुई है कही नियमो का उल्लंघन तो कही पेपर लीक हो रहें इसी क्रम में मध्य प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों की कई सरकारी तथा गैर सरकारी युनिवर्सिटी युनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के निर्देश का पालन न करने के फलस्वरूप डिफॉल्टर घोषित कर दी गई है उक्त आरोप लगाते हुए नगरिक उपभोकता मार्गदर्शक मंच ने प्रधानमंत्री को ईमेल कर मामले को गंभीरता से लेने तथा उचित कदम उठाने की मांग की है।

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मनीष शर्मा प्रदेश संयोजक नागरिक उपभोक्ता मंच ने बताया कि कुछ दिवस पूर्व यूजीसी द्वारा मध्य प्रदेश की 7 सरकारी तथा 9 निजी युनिवर्सिटी डिफॉल्टर घोषित किया है इनके द्वारा यूजीसी के अहम निर्देश की प्रत्येक युनिवर्सिटी में शिकायतों के उचित व्यवस्थापन हेतु लोकपाल नियुक्ति अवश्य है का पालन नहीं किया गया कई बार पत्र जारी किया गया था यह कही न कही बड़ी चूक है यूनिवर्सिटियों द्वारा। यह युनिवर्सिटी इस प्रकार है सरकारी –जबलपुर– मेडिकल यूनिवर्सिटी, नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा युनिवर्सिटी, जवाहरलाल नेहरू कृषि युनिवर्सिटी, भोपाल – राजीव गांधी टेक्निकल यूनिवर्सिटी, MRCP नैशनल युनिवर्सिटी, ग्वालियर –माता विजयराजे युनिवर्सिटी, राजा मानसिंह तोमर आर्ट्स, म्यूजिक युनिवर्सिटी।

निजी युनिवर्सिटी –आर्यावर्त युनिवर्सिटी सीहोर, एलएनसीटी युनिवर्सिटी , ओरिएंटल युनिवर्सिटी, वैष्णव विद्यापीठ सभी इंदौर, स्वामी विवेकानंद युनिवर्सिटी सागर, जेएनसीटी युनिवर्सिटी , मध्यांचल प्रोफेशनल युनिवर्सिटी सभी भोपाल भोपाल, ज्ञानोदय युनिवर्सिटी नीमच, अमलतास युनिवर्सिटी उज्जैन।

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देश में 50 युनिवर्सिटी डिफॉल्टर

मंच के राकेश चक्रवर्ती, प्रफुल्ल सक्सेना, विनोद पांडे, संतोष वर्मा, मुन्ना राय,जितेंद्र श्रीवास, मयंक राज, अंकित गोस्वामी, आदि सदस्यों ने बताया की यूजीसी द्वारा पूरे देश मे 50 युनिवर्सिटी को डिफॉल्टर घोषित किया है आश्चर्य की बात है कि केंद्रीय सरकार के उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय द्वारा कोई भी प्रतिक्रिया व्यक्त नही की है न ही उपरोक्त युनिवर्सिटी पर कोई भी एक्शन लेने निर्देशित किया है लोकपाल एक अहम पोस्ट है जो ग्रेवियंस सॉल्यूशन हेतु विद्यार्थियो तथा एमप्लाय दोनों के लिए आवश्यक है इस पर ध्यान न देना गंभीर विषय है मंच शीघ्र ही मामलों को लेकर उच्च न्यायालय जायेगा।

 

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