भगवान श्रीराम -जानकी विवाहोत्सव मैं झूमे श्रद्धालु,विवाह की हुई रस्मे,गाये गये मंगलमय विवाह गीत

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कटनी/स्लीमनाबाद(सुग्रीव यादव ); अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि जिसे विवाह पंचमी के नाम से जाना जाता है।इस अवसर पर रविवार को स्लीमनाबाद स्थित सिंहवाहिनी रसिक बिहारी जू मंदिर मे धूमधाम से श्रीराम जानकी विवाहोत्सव मनाया गया।श्रीराम और माता सीता के विवाह उत्सव के लिए मंडप डाला गया। इससे पहले दिनभर मंदिर परिसर में विवाह उत्सव की तैयारियां चलीं।
दोपहर मैं महिला मंडल की सदस्यों के द्वारा रामायण पाठ संकीर्तन आयोजित किया गया।वही शाम के समय श्रीराम – सीता विवाहोत्सव मनाया गया।विवाहोत्सव की सभी रस्मे निभा गई। विधि-विधान से भगवान श्रीराम के विवाह के लिए मंडप सजाया गया। वहीं भगवान की हल्दी की रस्म भी अदा की गई। इस दौरान मंदिर का पूरा प्रांगण श्रद्धालुओं से भरा रहा और सभी अपने आराध्य के विवाह की खुशी में झूमते दिखाई दिए।

खूब हुआ गाना-बजाना-

मंडप के पूजन को लेकर बड़ी संख्या में महिलाएं मंदिर प्रांगण में पहुंची थी। महिलाओं ने प्रांगण में बैठकर मंडप और हल्दी पर गाए जाने वाले गीत गाए। हरे बांस मंडप छाए, सिया जू खो राम ब्याहन आए और बन्ना खो चढ़ गओ हल्दी तेल, बन्ना मोरो पीरो पर गयो री, बन्ना के आजुल चतुर सुजान बन्ना खो गोदी ले लो री,दूल्हा बने भगवान दुल्हन बनी रे सिया जानकी सहित तमाम गीतों ने रसिक बिहारी जू मंदिर का माहौल आनन्दमयी हो गया।
महिलाओं ने अपने दुल्हा सरकार के मंडप के अवसर पर जमकर नृत्य किया।

56 प्रकार के भोग किये गए अर्पित-
विवाह पंचमी के पावन अवसर के साथ स्लीमनाबाद सिंहवाहिनी मंदिर मे लक्ष्मी नारायण भगवान का भी प्राकट्य उत्सव धूमधाम से मनाया गया।दो वर्ष पूर्व आज की तिथि पर सिंहवाहिनी मंदिर मे लक्ष्मी नारायण भगवान की प्रतिमा स्थापित की गई थी।
इस दौरान महिला मंडल की सदस्यों ने 56 प्रकार के भोग भगवान बांके बिहारी को अर्पित किए।
साथ ही कन्या पूजन,कन्या भोज के साथ विशाल भंडारा आयोजित किया गया।
साथ ही आरती कर सुख समृद्धि की कामना की गई।
इस दौरान बड़ी संख्या मे श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।

 


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