मौसम बदलाव से रबी सीजन कृषि कार्य मैं लेटलतीफी, किसानों को फिर मौसम बदलाव से सताने लगी चिंता

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कटनी/स्लीमनाबाद(सुग्रीव यादव ): रबी सीजन कृषि कार्य चल रहा है।लेकिन मौसम मैं हो रहे बार-बार बदलाव से किसानों की चिंता कम होने का नाम नही ले रही है।
हाल ही मैं सप्ताह भर पहले हुई बारिश से बोवनी हो चुकी फसलों को अमृत तो मिला था,लेकिन जिन खेतो मैं बोवनी नहीं हुई थी वो खेत गीले हो चुके थे।जिस कारण बोवनी पिछड़ गई।किसान खेत सूखने का इंतजार कर रहे थे कि फिर बोवनी कार्य किया जाएगा।लेकिन मंगलवार को फिर मौसम मैं बदलाव हुआ।दिनभर आसमान मैं बादल छाए रहे।
जिससे किसानों के माथे पर फिर चिंता सताने लगी ।यदि बारिश हुई तो फिर खेत गीले हो जाएंगे और बोवनी कार्य पिछड़ जाएगा।

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50 फीसदी ही हुआ है बोवनी कार्य-
कृषि विभाग के द्वारा बहोरीबंद विकासखण्ड मैं 28 हजार हैक्टेयर मैं रबी सीजन का लक्ष्य निर्धारण किया गया था।जिसमें 18 हजार हैक्टेयर मैं गेंहू बोवनी का लक्ष्य था।
कृषक पवन यादव,रामनारायण यादव,भागचंद कुशवाहा, सुनील हळदकार ने बताया कि गेंहू की बोवनी 25 नवंबर तक हो जानी चाहिए।जिससे गेंहू की बोवनी समय पर पक जाती है।जिससे ग्रीष्मकालीन खेती का कार्य भी हो जाता है।
लेकिन मौसम बदलाव के कारण बोवनी लेटलतीफी हो रही है।नवंबर माह समाप्त हो चुका है और दिसंबर माह चल रहा है।अभी भी बहोरीबंद विकासखण्ड मैं लक्ष्य के मुताबिक 50 फीसदी ही गेंहू का बोवनी कार्य हुआ है।
यदि आगामी सप्ताह भर मौसम साफ रहा आये व बारिश न हो तो 15 दिसम्बर तक शत प्रतिशत बोवनी का कार्य पूर्ण हो जाएगा।लेकिन यदि बारिश हुई तो फिर बोवनी कार्य और पिछड़ जाएगा ।फिर 25 दिसम्बर तक बोवनी हो पाएगी।
ऐसे मैं किसान फिर ग्रीष्मकालीन खेती नही कर पाएंगे।

इनका कहना है- आर के चतुर्वेदी वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी

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यह सही है कि मौसम बदलाव से रबी सीजन की प्रमुख फसल गेंहू की बोवनी का कार्य पिछड़ा है।हालांकि मावठा की बारिश से जो बोवनी हो चुकी है उसके लिए अमृत के समान है और बोवनी कार्य के लिए पलेवा कार्य नही करना पड़ेगा।
15 दिसम्बर तक लक्ष्य के मुताबिक बोवनी कार्य पूर्ण हो जाएगा।

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