जबलपुर में नरवाई जलाने पर प्रतिबंध,कलेक्टर के जारी किए आदेश
जबलपुर, जिला दण्डाधिकारी एवं कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कृषि भूमि को होने वाले नुकसान और पर्यावरण को पहुंचने वाली क्षति के मद्देनजर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता – 2023 के प्रावधानों के तहत आज एक आदेश जारी कर जिले में नरवाई जलाने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। आदेश में गेहूँ फसल की कटाई में प्रयुक्त किये जा रहे कम्बाइन्ड हार्वेस्टर के साथ भूसा तैयार करने के लिये स्ट्रा रीपर को रखना भी अनिवार्य कर दिया गया है।
प्रतिबंधात्मक आदेश में कहा गया है कि वर्तमान में गेहूं की फसल कटाई का कार्य मुख्यत: कम्बाइन्ड हार्वेस्टर द्वारा किया जाता है और कटाई के बाद बचे हुए गेहूं के डंठलों (नरवाई) से भूसा न बनाकर इसे जलाया जाता है। जबकि भूसे का उपयोग पशु आहार के साथ ही अन्य उद्योग में किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त भूसे एवं चारा की मांग अन्य जिलों और प्रदेश में रहती है। पर्याप्त मात्रा में भूसा.पैरा उपलब्ध न होने के कारण पशु अन्य हानिकारक पदार्थ जैसे पॉलिथीन इत्यादि खाकर बीमार होते हैं और अनेक बार मृत्यु के कारण पशुधन की हानि भी होती है। नरवाई का भूसा कुछ माह बाद दोगुनी दर पर विक्रय होने के कारण किसानों को यही भूसा बढ़ी हुई दर पर क्रय करना पड़ता है।
आदेश में उल्लेख किया गया है कि नरवाई एवं पैरा में आग लगाना कृषि के लिए नुकसानदायक होने के साथ ही पर्यावरण की दृष्टि से भी हानिकारक है। इसके कारण गंभीर स्वरूप की अग्नि दुर्घटना होने से संपत्ति की हानि भी होती है। ग्रीष्मकाल में बड़ते जल संकट में बढोत्तरी का कारक होने के साथ ही इससे कानून-व्यवस्था के लिए विपरीत परिस्थितियां निर्मित होती हैं। इसके अलावा खेत की आग के अनियंत्रित होने पर जन-धन, संपत्ति, प्राकृतिक, वनस्पति और जीव-जन्तु नष्ट होने से व्यापक नुकसान भी होता है तथा नरवाई जलाने से खेत की मिट्टी में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले लाभकारी सूक्ष्म जीवाणु नष्ट होने के कारण खेत की उर्वरा शक्ति घट जाती है और उत्पादन प्रभावित होता है। खेत में कचरा, भूसा, डंठल सडऩे के बाद भूमि को प्राकृतिक रूप से उपजाऊ बनाते हैं। इन्हें जलाकर नष्ट करना ऊर्जा नष्ट करने जैसा है। आग लगाने से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन भी होता है। जिससे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पडता है।
जिला दण्डाधिकारी द्वारा इन परिस्थितियों के दृष्टिगत जनसामान्य के हित, सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा, पर्यावरण की हानि रोकने तथा लोक व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से जारी प्रतिबंधात्मक आदेश जबलपुर जिले की सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र में तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। आदेश में कहा गया है कि इसका उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता-2023 के प्रावधानों के तहत दण्डनीय कार्यवाही होगी। इसके साथ ही प्रत्येक कम्बाइन्ड हार्वेस्टर के साथ भूसा तैयार करने के लिए स्ट्रा. रीपर अनिवार्य रूप से रखने के लिए निर्देशित किया गया है।
इंडिया पोल खोल को आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु इस QR कोड को किसी भी UPI ऐप्प से स्कैन करें। अथवा "Donate Now" पर टच/क्लिक करें।
Click Here >>
Donate Now
इंडिया पोल खोल के YouTube Channel को Subscribe करने के लिए इस YouTube आइकन पर टच/Click करें।
इंडिया पोल खोल के WhatsApp Channel को फॉलो करने के लिए इस WhatsApp आइकन पर टच/Click करें।
Google News पर इंडिया पोल खोल को Follow करने के लिए इस GoogleNews आइकन पर टच/Click करें।