आसमान मैं बादलों का डेरा,हुई रिमझिम बारिश,किसानों को सताने लगी चिंता

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स्लीमनाबाद :शनिवार को सुबह से ही आसमान मैं बादलों के डेरे से किसानों के चेहरे मैं चिंता सताने लगी।शाम तक आसमान मैं बादलों की लुकाछिपी का खेल चलता रहा।
साथ ही बीच बीच मैं रुकरुककर रिमझिम बारिश भी हुई।
जिससे किसानों को चिंता सताने लगी कि यदि जोरदार बारिश हुई तो उनकी मेहनत पर पानी फिर जाएगा ।फिर आर्थिक समस्या उतपन्न हो जाएगी।क्योंकि खेतो मैं गेंहू की फसल पकने की स्थिति मैं है।कृषक राकेश साहू,जितेंद्र हळदकार, खोबेलाल यादव,संतोष यादव ने बताया कि रबी सीजन की प्रमुख गेंहू की फसल पकने को है।आगामी पखवाड़े भर मैं कटाई का कार्य शुरू हो जाएगा।लेकिन जिस प्रकार शनिवार को मौसम बदलाव हुआ उससे यदि बारिश हुई तो फसल खराब हो जाएगी।बारिश होने से गेंहू की बालियों मैं कालापन आ जायेगा ,फसल खेतो मैं लेट जाएगी जिससे उतपन्न प्रभावित होगा।उत्पादन प्रभावित होने से किसानों की चार माह की मेहनत बेकार जाएगी।वही मौसम के बदलाव के चलते जो दलहनी फसल पककर तैयार हो चुकी थी उसका कटाई व मिसाई कार्य पर किसान लगे रहे ताकि नुकसान न हो।क्योंकि गत फरवरी माह मैं बहोरीबंद विकासखंड क्षेत्र के दर्जनों गांवों मैं ओलावृष्टि हुई थी,जिससे फसल खराब हुई थी।
हालांकि शनिवार को कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के चलने से फसलें खेतो मैं लेट गई।

 

25 हजार हैक्टेयर मैं हुई है रबी सीजन खेती-

कृषि विभाग के एसएडीओ आर के चतुर्वेदी ने बताया कि बहोरीबंद विकासखण्ड मैं 25 हजार हैक्टेयर मैं रबी सीजन की खेती हुई है।जिसमे से 18 हजार हैक्टेयर मैं गेंहू की फसल की बोवनी हुई है।गेंहू की फसल पकने की स्थिति मैं आ चुकी है। साथ ही दलहनी फसलों का कटाई कार्य भी शुरू हो चुका है। 20 फीसदी दलहनी फसले अभी पकने को तैयार है।शनिवार को जिस प्रकार मौसम मैं बदलाव हुआ है यदि बारिश हुई तो रबी सीजन की पकी फसल को नुकसान होगा।


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