नरवाई जलाना पड़ेगा महंगा,कलेक्‍टर ने जिले में नरवाई जलाना किया प्रतिबंधित

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कटनी – नरवाई में आग लगने की घटनाओं में प्रभावी नियंत्रण रखने और जनसमान्‍य के हित, सार्व‍जनिक संपत्ति की सुरक्षा, पर्यावरण की हानि रोकने एवं लोकव्‍यवस्‍था बनाये रखने हेतु कलेक्‍टर श्री आशीष तिवारी ने कानून व्‍यवस्‍था एवं जनसुरक्षा की दृष्टि से भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कटनी जिले की सीमा के अंतर्गत किसानों द्वारा फसल कटाई उपरांत नरवाई जलाने को प्रतिबंधित कर दिया है।

कलेक्‍टर श्री तिवारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि प्राय: यह देखा जाता है कि फसल कटाई के पश्‍चात् किसान अपने खेतों में हरे डण्‍ठलों, फसल अवशेष (नरवाई) में खुले रूप से सुरक्षात्‍मक उपायों को अपनायें बिना आग लगाकर खेतों की सफाई करते है। इससे उड़ने वाली चिंगारी से आस-पास के खेत व अन्‍य तरीकों से अग्नि की बड़ी दुर्घटना होने की संभावना होती है। फसल अवशेष में आग लगाने से भूमि की उर्वरा शक्ति कम होती है तथा पर्यावरणीय प्रदूषण भी बढ़ता है। साथ ही जनहानि एवं पशु पक्षियों की हानि की भी संभावना बनी रहती है।

कलेक्‍टर श्री तिवारी ने जारी आदेश में कहा है कि फसलों की कटाई में उपयोग किये जाने वाले प्रत्‍येक कम्‍बाईन्‍ड हार्वेस्‍टर के साथ भूसा तैयार करने हेतु स्‍ट्रा रीपर अनिवार्य रूप से रखा जाये या कम्‍बाईन्‍ड हार्वेस्‍टर में स्‍ट्रा मैनेजमेंट सिस्‍टम लगाना अनिवार्य होगा। जिले में चलने वाले कम्‍बाईन्‍ड हार्वेस्‍टर के साथ स्‍ट्रा रीपर या स्‍ट्रा मैनेजमेंट सिस्‍टम की सतत निगरानी विकासखण्‍ड स्‍तरीय और ग्राम पंचायत स्‍तरीय निगरानी समिति द्वारा की जायेंगी। साथ ही बिना स्‍ट्रा रीपर व स्‍ट्रा मैनेजमेंट सिस्‍टम के कम्‍बाईन्‍ड हार्वेस्‍टर चलाये जाने पर हार्वेस्‍टर मालिक पर वैधानिक कार्यवाही एवं दण्‍ड अधिरोपित किया जायेंगा।

*अर्थदण्‍ड का प्रावधान*

नरवाई जलाने पर, जिन कृषकों के पास दो एकड़ से कम जमीन है उन्‍हें 2 हजार 500 रूपये प्रति घटना पर्यावरण क्षतिपूर्ति अर्थदण्‍ड देना होगा। जबकि जिन कृषकों के पास 2 एकड़ से अधिक एवं 5 एकड़ से कम जमीन है, उन्‍हें 5 हजार रूपये तथा 5 एकड़ से अधिक भूमि वाले कृषकों को 15 हजार रूपये प्रति घटना पर्यावरण क्षतिपूर्ति अर्थदण्‍ड देना होगा।

*बनाया नोडल अधिकारी*

कलेक्‍टर श्री तिवारी ने फसल अवशेष प्रबंधन के प्रचार-प्रसार हेतु संबधित विकासखण्‍ड के वरिष्‍ठ कृषि विकास अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया है तथा उन्‍हें अपने विकासखण्‍ड क्षेत्र में फसल अवशेष प्रबंधन हेतु हैप्‍पी सीडर, सुपर सीडर एवं अन्‍य कृषि यंत्रों के प्रचार-प्रसार हेतु कार्यशाला एवं प्रदर्शनी का आयोजन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है।

जिले में आदेश का पालन सुनिश्चित कराने हेतु उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास को नोडल अधिकारी एवं सहायक कृषियंत्री सहायक नोडल अधिकारी होगे। सेटेलाईट के माध्यम से फसल अवशेष जलाने वाली घटनाओं की जानकारी सहायक कृषि यंत्री द्वारा जिला प्रशासन एवं ग्राम पंचायत स्तरीय निगरानी समिति को प्रदाय की जायेगी।

*निगरानी समिति गठित*

आदेश के उल्लंघन होने की स्थिति में ग्राम पंचायत स्तरीय निगरानी समिति में सम्मिलित सदस्य क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारी, पटवारी, पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, ग्राम कोटवार संयुक्त जाँच कर प्रतिवेदन संबंधित तहसीलदार को प्रस्तुत करेगें। तहसीलदार अपनी अनुशंसा सहित ऊपर निर्धारित दण्ड अधिरोपित करने की कार्यवाही करने के लिये प्रकरण अनुविभागीय दण्डाधिकारी को प्रेषित करेगें। अनुविभागीय दण्डाधिकारी युक्तियुक्त अवसर प्रदान कर दण्ड अधिरोपित करने की कार्यवाही करेगें।यह आदेश तत्‍काल प्रभाव से प्रभावशील होगा। आदेश का उल्‍लंघन भारतीय नागरिक संहिता 2023 की धारा 223 के तहत दण्‍डनीय होगा।

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