बिना किसी सरकारी मदद के कर रहे बोरी बंधान, जल संरक्षण व संवर्धन के लिए जन अभियान परिषद के द्वारा किया जा रहा कार्य

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद : ग्रीष्मकालीन समय चल रहा है।
बहोरीबंद विकासखंड के कई गावों पेयजल संकट है।
जहां लोगो को पानी के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है।
ऐसे मैं वर्षाकाल के जल को संरक्षण व संवर्धन करने का काम बहोरीबंद विकासखंड मै शुरू कर दिया गया है।जन अभियान परिषद व उसकी सहयोगी प्रस्फुटन समिति व नवांकुर संस्थाओं के द्वारा  पानी सहेजने मुहीम शुरू की है। बहोरीबंद विकासखंड की सभी 79 ग्राम पंचायतो मैं जल संरक्षण के लिए कार्य किया जाएगा।जन अभियान परिषद के विकासखंड समन्वयक अरविंद शाह ने बताया कि वर्षा जल को सहेजने के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है।बोरी बंधान कर व्यर्थ बहने वाले पानी को सहेजा जा रहा है। ऐसा करने से गांव में भूमि जलस्तर बना रहेगा। वहीं भीषण गर्मी में भी निस्तार और पशु पक्षियों के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की उपलब्धता बनी रहेगी।बोरी बंधान से जल स्त्रोतों का पानी व्यर्थ नही बहता,भूमिगत जलस्तर बना रहता है।नदी व नालों का अस्तित्व बचाने मैं कारगर है व जलीय जंतुओं के लिए कारगर है।बोरी बंधान का कार्य बिना किसी सरकारी मदद के किया जा रहा है।पहले 10 से 15 फीट नीचे पानी मिल जाया करता था।लेकिन वर्तमान मैं 150 से 200 फीट खोदने मैं भी पानी नही निकलता।इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पानी कितने नीचे चला गया है।हमे जरूरत है वर्षा के  जल को संचय करने और गर्मी के लिए पानी बचाने की।
बोरी बंधान इसके लिये सबसे उपयुक्त प्रयास है।

तीन नदियों को संरक्षण की दरकार _

छोटे_छोटे जल स्त्रोतों को संरक्षण व संवर्धन करने जहां एक ओर जन अभियान परिषद के द्वारा नेक कार्य किया जा रहा है।लेकिन बहोरीबंद विकासखंड की प्रमुख तीन नदियों को संरक्षण की दरकार है।जिसमे कटनी, सुहार व पतने नदी है।जो जल के अभाव सूखी पड़ी हुई है।यदि तीन प्रमुख नदियों मैं जल के संरक्षण व संवर्धन के लिए शासन_प्रशासन के द्वारा कार्य किया जाए तो ग्रीष्मकाएल मैं पेयजल न हो।


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