खेतो मैं 20 फीसदी कटी गेंहू की फसल शेष के लिए इंद्रदेव को मना रहे अन्नदाता

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स्लीमनाबाद- खेतो में खड़ी गेहूं की फसल पर अचानक बेमौसम बारिश का खतरा मंडराने लगा है। इससे बचाव के लिए अन्नदाता इंद्रदेव से प्रार्थना कर रहे हैं। कृषि विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि बहोरीबंद विकासखण्ड में वर्तमान मैं 20 फीसदी फसल खेतों से कट गई है। दो दिन का बेमौसम बारिश का मौसम टल जाए तो शेष फसल सुरक्षित हो जाएगी।15 दिन मैं क्षेत्र मैं फसल कटाई पूर्ण हो जायेगी।
जानकारी के अनुसार बहोरीबन्द विकासखण्ड में गेहूं का रकबा 18 हजार हेक्टेयर में है। नवम्बर से फरवरी तक बेहतर मौसम होने से फसल का बम्पर उत्पादन अच्छा होगा।
गेंहू की जो फसल पककर तैयार हो चुकी है उसकी कटाई-मिसाई का कार्य शुरू हो गया है।जो गेंहू की बोवनी नवम्बर माह के आखिरी सप्ताह व दिसम्बर माह के पहले सप्ताह मैं हुई है उसके पकने मैं विलंब है।इसी बीच हवा-तूफान के साथ बारिश का मौसम बन गया है।शनिवार की शाम तेज हवाओं के साथ बारिश भी हुई।साथ ही रविवार को भी आसमान मैं घने बादल छाए रहे।मौसम में इस परिवर्तन से किसान सहम गए हैं। उनकी चार माह की मेहनत दांव पर हैं। इस फसल पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था निर्भर है।कृषि अधिकारियों की मानें तो बारिश का मौसम का पूर्वानुमान दो दिन का है। संकट का ये समय टल गया तो फसल का उत्पादन कहीं से भी प्रभावित नहीं होगा। उनके अनुसार बारिश होने पर खेतों से कट गई फसल को सुरक्षित रखना जरूरी है। खेतों में खड़ी फसल को बारिश होने पर कम नुकसान होगा। मौसम खुल जाए तो अगले 15 दिन में शेष 80 फीसदी फसल भी खेतों से कट जाएगी और किसानों के चेहरे खुशी से खिल जाएंगे।

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तेज हवाओं से खेतों मैं गिरी फसल उत्पादन होगा प्रभावित-

विकासखण्ड क्षेत्र मे शनिवार की शाम तेज हवाओं के साथ बारिश हुई।तेज हवाओं के चलते खेतो मैं अधपकी गेंहू की फसल खेतो मैं लेट गई।जिससे उत्पादन प्रभावित होगा।साथ ही कटी हुई फसल हवाओ के वेग मैं उड़ गई।कृषक शिवलाल यादव,पवन यादव,कृष्णकांत कुशवाहा, सुरेश विश्वकर्मा ने बताया कि फसल गिर जाने से हार्वेस्टर भी सही तरीक़े से कटाई कार्य नही कर पायेगा।साथ ही जो गेंहू की फसल पककर खेतो मैं खड़ी है हल्की बारिश होने से गेंहू की बालियों मैं कालापन आएगा।वही गेंहू की भी फसल जो पक गई है किसानों द्वारा इसकी कटाई शुरू कर दी गई है तो कुछ किसान कटाई कर खलिहान में पहुंचा चुके हैं।

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नहीं मिल रहे मजदूर-

मौसम के मिजाज को देखते हुए हर किसान चाह रहा है कि वह अतिशीघ्र अपनी गेंहू की फसल कटाई _मिसाई कर उसे सुरक्षित कर दे। किसानों द्वारा इस कार्य के लिए श्रमिकों की संख्या बढ़ा दी गई है, ऐसे में श्रमिकों की मांग अचानक बढ़ गई है। जिसके चलते श्रमिकों की कमी हो गई है और किसानों को एक साथ श्रमिक नहीं मिल पा रहे हैं। जिन किसानों के यहां श्रमिक लगे हैं वह उन्हें छोडऩा नहीं चाह रहे। जिससे किसानों की मुश्किल बढ़ रही है।

इनका कहना है- आर के चतुर्वेदी एसएडीओ कृषि विभाग

मौसम बदलाव से किसानों की चिंता बढ़ी है।क्योंकि अभी भी खेतो मैं अधपकी व पकी हुई फसल गेंहू की खड़ी है।
विकासखण्ड क्षेत्र मे अभी 20 फीसदी गेंहू फसल की कटाई कार्य हुआ है।
लिहाजा बारिश जैसी प्राकृतिक आपदा टल जाए ।जिससे किसान अपनी फसल को सुरक्षित कर सके।

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