न ही बजेगी शहनाई न ही होंगे शुभ मांगलिक कार्य, आज से शुरू होगा खरमास

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स्लीमनाबाद : सनातन कैलेंडर के अनुसार 15 मार्च से खरमास का आगाज हो जायेगा। इसके चलते फिर एक माह तक विवाह व अन्य शुभकार्य नहीं होंगे।इस दौरान विवाह,सगाई,यज्ञ, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य नही होंगे।एक माह बाद जाकर 14 अप्रैल को खरमास का समापन होगा तब जाकर शुभ मांगलिक कार्य शुरू होंगे।वो भी अप्रैल में महज 5 दिन ही मुहूर्त हैं। जबकि मई व जून में विवाह के कोई भी मुहूर्त नहीं हैं।

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मई, जून में गुरु-शुक्र रहेंगे अस्त_

पंडित रमाकांत पौराणिक ने बताया कि  इस बार अप्रेल में विवाह के 5 मुहूर्त ही हैं। 18, 19, 20, 21, 22 अप्रेल को विवाह होंगे।इसके बाद लगभग ढाई माह तक फिर शादी विवाह नही होंगे।मई और जून में शादी के लिए कोई मुहूर्त नहीं रहेगा। दरअसल 23 अप्रैल को शुक्र ग्रह अस्त हो जाएगा। यह 29 जून को उदय होगा। साथ ही 6 मई से गुरु ग्रह भी अस्त हो जाएगा, जो 2 जून को उदित होगा। विवाह के लिए शुक्र और गुरु दोनों का उदित रहना अनिवार्य होता है। इसके बाद जुलाई में भी विवाह के लिए केवल 6 दिवस मिलेंगे।वही पंडित दिलीप पौराणिक ने बताया कि जब भी हम कोई मांगलिक कार्य करते है तो उसके फलित होने के लिए गुरु का प्रबल होना जरूरी है।धनु एवम मीन बृहस्पति ग्रह की राशियां है।खरमास के समय सूर्य इन दोनो राशियों पर होते है,इसलिए शुभ कार्य नही होते।वर्ष भर मैं दो खरमास लगता है।
एक खरमास मध्य मार्च से मध्य अप्रैल के बीच और दूसरा खरमास मध्य दिसंबर से मध्य जनवरी तक होता है।
इस समय सूर्य की उपासना करने का विशेष महत्व माना जाता है।खासतौर पर जिनकी कुंडली मे सूर्य की कमजोर स्थिति हो उन्हें खरमास के दौरान सूर्य उपासना करनी चाहिए।
शास्त्रों में खरमास का महीना शुभ नहीं माना गया है।इस अवधि में मांगलिक कार्य करना प्रतिबंधित है।14 मार्च 2024 से 14 अप्रैल 2024 तक सूर्य, मीन राशि में होंगे। इसे मीन मलमास कहा जाता है। इस एक महीने की अवधि में शुभ संस्कार नहीं किए जाएंगे।लेकिन चैत्र नवरात्र पर खरमास का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।9 अप्रैल से चैत्र नवरात्र प्रारंभ होंगे।9 अप्रैल को कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा की उपासना का पर्व शुरू हो जायेगा।नवरात्र की उपासना पर खरमास का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

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