खितौला में मीट विक्रेताओं के सामने आ गई भूखे मरने की नौबत
जबलपुर:सिहोरा में आज दर्जनों मीट विक्रेताओं ने तहसीलदार सिहोरा और नगर पालिका सीएमओ को एसडीएम के नाम समस्याओं भरा ज्ञापन सौपते हुए बताया की अब उन्हें भूखे मरने की नौबत आ गई है।
क्या है मीट विक्रेताओं की मांग और समस्या
खितौला के मीट विक्रेताओं का कहना है की उन्होंने शासन के निर्देशानुसार मीट विक्रय के लिए जहाँ पर प्रशासन ने कहा दुकानें रख ली लेकिन कुछ मीट की दुकाने जो अभी भी बस्ती के अंदर खुलेआम चल रही है उनपर प्रशासन कार्यवाही क्यों नहीं कर रहा है ?बस्ती के अंदर चलने वाली नियमविरुद्ध दुकानों के कारण उनका धंधा चौपट हो गया है, और उनके सामने भूखे मरने की नोबत आ गई है, यहाँ तक की सिहोरा के गौरी तिराहा में चल रही मीट की दुकानों को भी नहीँ हटाया गया,तो फिर उनके साथ दुराभाव क्यों ?
कहाँ चल रहीं नियम विरुद्ध दुकानें
खितौला के मीट व्यपारियों का कहना है की खितौला के वार्ड न 14 में 4 दुकाने एवं, वार्ड न. 17 में 1 दुकाने एवं सिहोरा सब्जी मंडी के पास खुलेआम दुकानों से मांस बेचा जा रहा है जबकि मुख्यमंत्री के आदेश के अनुसार मार्केट के अंदर मांस बेचना प्रतिबंधित है।उसके बावजूद भी इन जगहों पर मुख्यमंत्री के आदेश की अवहेलना की जा रही है,जो प्रशासन को दिखाई नहीँ दे रही ,तो वहीं जिस प्रकार इनपर मेहरवानी बरसाई जा रही है तो खितौला के इन गरीब व्यापारियों के साथ दुराभाव क्यों ?
नहीं पहुचेंते ग्राहक
गौरतलब है की खितौला में सड़क किनारे लगने वाली मीट की दुकानों को रेलवे फाटक के समीप अंदर की तरफ रखवा दिया गया था,अब ऐसे में अंदर की तरफ मांस की दुकानें होने के कारण ग्राहक नहीं पहुंच पाते हैं और मांस रखा रह जाता है आलम ये है की अब इन गरीब व्यापारियों के सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है ,खितौला के इन व्यापारियों की मांग है की बस्ती के अंदर जितनी भी दुकाने है उन सबको बंद कराया जाए नहीं तो ये सभी मांस व्यापारी लोग भी पुनः वही जहा 70 सालो से गास का मार्केट था फिर से वही मांस बिक्री कार्य शुरू कर देंगे।
18 की जगह 5 डम्फर ही डलवाई गई मुरम
वहीँ बताया जा रहा है नगरीय प्रशासन द्वारा खितौला में तय किये गए मछली मार्केट में 18 हाइवा मुरम डाल कर जगह को उचाई देने के साथ समतल करने की बात थी लेकिन अभी सिर्फ 5 हाईवा ही मुरम डाली गई है जिसके कारण वहां पर
पानी भर जाता है ,जगह पर अभी भी गड्ढे है।खितौला के व्यापारियों की मांग है की मुरुम डाल कर जगह को समतल किया जाये ।और बस्तियों में बिक रहे मांस की दुकाने को बंद करवाया जाये। इन सब परेशानियों को देखते हुये अगर शासन प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं करता है तो ये लोग भी दुकाने पुराने मछली मार्केट में ही लगायेगे जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
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