संकट में सिहोरा के दानव बाबा की भटिया में बने आशियाने,लीज को लेकर पार्षद ने उठाये सवाल 

इस ख़बर को शेयर करें

जबलपुर /सिहोरा :खून पसीने की कमाई से एक -एक पैसा जोड़कर पहरेवा की दानव बाबा भटिया में गरीबों ने अपना आशियाना बनाया था लेकिन अब उन आशियाने पर संकट के बादल छा रहे हैं,बताया जा रहा है की वार्ड क्रमांक 13 दानव बाबा की भटिया में निवासरत लोग गत रात्रि उस वक्त सकते में आ गये जब अचानक उनके घरों में मुरुम खदान के मलवे के साथ साथ बारिश का पानी भरने लगा। पूरी रात लोग परिजनों को सुरक्षित करने एंव घरों से पानी निकालते रहे। मुरुम खदान के धसकने की आशंका के चलते बस्ती के लोग दहशत में हैं। विदित हो की गत रात 12 बजे के बाद अचानक हुई तेज बारिश से मुरुम खदान से मलवे में बड़े बड़े पत्थर लोगों के घरों में गिरने लगे।मामला सिहोरा नगर पालिका के बार्ड नंबर 13 का है, जहां पर पार्षद राजेश चौबे सहित वार्ड के रहवासियों ने सिहोरा तहसीलदार को ज्ञापन सौपते हुए मांग की है की दानव बाबा की भटिया में हो रही मुरम खुदाई पर तत्काल रोक लगा दी जाये,साथ ही धार्मिक स्थल के साथ रहवासी बस्ती होने के बाद भी किस आधार पर लीज दी गई उसका इसकी भी जांच की जाये।

संकट में आशियाने ,पार्षद ने सौपा ज्ञापन 

सिहोरा वार्ड नंबर 13 के पार्षद राजेश चौबे सहित वार्ड के रहवासियों ने सिहोरा एसडीएम के नाम तहसीलदार शशांक दुबे को ज्ञापन सौपते हुए बताया की पहरेवा के बार्ड नंबर 13 में दानव बाबा की भटिया पूर्व से धार्मिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। लगभग दो वर्ष से दानव बाबा की भटिया को लीज पर दे दिया गया है।गौरतलब है की दानव बाबा की भटिया एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है एवं इसके चारों और घनी बसाहट है इसके साथ ही जारी बारिश में कल रात्रि के पानी में मिट्टी का धसाव चालू हो गया है,जिससे सोनू बर्मन, जागेश्वर यादव, नारायण सिंह ठाकुर, जगमोहन विश्वकर्मा,परमलाल विश्वकर्मा, कामता विश्वकर्मा, रमाकांत दुबे, रामगोपाल बर्मन के घरों में पहाड़ी कापानी, मिट्टी का बहाव पत्थर आ रहे हैं।जिसके चलते लोगों के आशियानों में संकट के बादल छा गए हैं।

क्या है मांग ?

पार्षद सहित स्थानीय निवासियों की मांग है की दानव बाबा की भटिया प्रसिद्ध धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ भटिया में घनी बसाहट है नियमों की मानें बस्ती के बगल से खदान स्वीकृत नहीं होती।अब ऐसे में सवाल उठता है की  खदान स्वीकृत कैसे हुई ?इसकी जॉच करते हुए स्वीकृत ऐरिया की नाप की जाये।साथ ही यदि खदान स्वीकृत एरिया के बाहर खोदी गई है तो खदान पर  तत्काल रोक लगाते हुए खननकर्ता पर कार्यवाही की जाये एवं खदान को भविष्य में होने वाली जन हानि एवं नागरिकों को होने वाले आर्थिक नुकसान की संभावना को देखते हुये पूर्णतः खदान में खनन पर रोक लगाई जाये।इसके अलावा सैकड़ों परिवार वर्षों से निवासरत है। लेकिन सारे नियमों को दरकिनार करते हुए भाजपा के बड़े नेता के परिजन के नाम से मुरुम खदान स्वीकृत किया जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। लम्बे समय से हो रहे उत्खनन के चलते अनेक परिवारों के आशियानो पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

ये रहे उपस्थित

ज्ञापन सोपते समय पूर्व पार्षद गौस भाई आजाद, शंकर वंशकार,डब्बू पाठक,नरेन्द्र सिंह ठाकुर,राहुल सिंह,सोनू बर्मनपरम लाल विश्वकर्मा, रोहित बर्मन,सुरेन्द्र यादव, जुगल बर्मन,मनोज विश्कर्मा अरविंद बर्मन,आशीष सेन जगमोहन विश्वकर्मा,नारायण ठाकुर,कामता प्रसाद विश्वकर्मा,राजकुमार वर्मन कृष्ण कुमार बर्मन,रामगोपाल पटेल सहित अनेक वार्डवासी एंव नागरिक उपस्थित थे।

इंडिया पोल खोल को आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु इस QR कोड को किसी भी UPI ऐप्प से स्कैन करें। अथवा "Donate Now" पर टच/क्लिक करें। 

Click Here >> Donate Now

इंडिया पोल खोल के YouTube Channel को Subscribe करने के लिए इस YouTube आइकन पर टच/Click करें।

इंडिया पोल खोल के WhatsApp Channel को फॉलो करने के लिए इस WhatsApp आइकन पर टच/Click करें।

Google News पर इंडिया पोल खोल को Follow करने के लिए इस GoogleNews आइकन पर टच/Click करें।


इस ख़बर को शेयर करें