क्या भूपेश बघेल के लाडले अशोक जुनेजा को भाजपा देगी सेवा विस्तार?

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विजया पाठक,वरिष्ठ पत्रकार :छत्तीसगढ़ सरकार सेवा और सुशासन का संकल्प लेकर आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार प्रदेश के हर एक मामले में जनता की उम्‍मीदों पर खरा उतर रही है। यहां तक प्रशासनिक स्‍तर पर भी जो नियुक्तियां की जा रही हैं उन पर विशेष ध्‍यान दिया जा रहा है और ऐसे अधिकारियों को जिम्‍मेदारियां दी जा रही है जिनका सर्विस रिकार्ड बेहतर है। हाल ही में प्रदेश में नया डीजीपी बनना है। इस महत्‍वपूर्ण पद के लिए कई नामों की चर्चा की जा रही है। उनमें एक नाम अशोक जुनेजा का भी है। अशोक जुनेजा पूर्ववर्ती सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खास रहे थे। यहां तक महादेव सट्टा, शराब, कोयला समेत अन्य घोटालों के चरम के दौरान जुनेजा डीजीपी पद पर काबिज थे। सौम्या चौरसिया को तब जेल में वीआईपी सुविधा दी गई थी। यहां तक सूत्रों का दावा है कि फाइलें तब जेल आया करती थी, शायद यही कारण है कि भूपेश बघेल के घोटालों के बाद भी उन पर, उनके खास लोगों पर और उनकी चौकड़ी में शामिल पुलिस अधिकारियों पर कोई कार्यवाही नहीं हो पायी है। क्या यही कारण है कि गृहमंत्री एक बार फिर प्रदेश के सबसे अधिक भ्रष्टाचार में लिप्त रहे पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा को सेवा विस्तार देने की योजना पर काम कर रहे हैं। महादेव सट्टा ऐप घोटाले से लेकर शराब घोटाला, कोयला घोटाला सहित बुलेट प्रूफ जैकेट खरीदने आदि को अंजाम देने वालों की ढाल बनने वाले अशोक जुनेजा को लगातार तीसरी बार सेवा विस्तार देने का फैसला राज्य की जनता के चेहरे पर अपंग कानून का करारा थप्पड़ साबित होगा। सरकार ने जुनेजा को सेवा विस्तार दिया तो यह दिन राज्य के लिए काला दिन साबित होगा, खासतौर पर जब छत्तीसगढ़ की कानून व्यवस्था अब हाथ से निकल गई है। बघेल सरकार में भ्रष्टाचार को बढावा देने वाले अशोक जुनेजा को इस समय गृह विभाग से भरपूर सहयोग मिल रहा है। विश्‍वस्‍त सूत्रों का कहना है कि जुनेजा ने गृहमंत्री और उनके सहयोगियों को बड़े स्तर पर उपकृत कर दिया है , जिसके एवज में अब जुनेजा को सेवा विस्तार देने की योजना बना रहे हैं।

*बघेल के मुख्य सेनापति रह चुके हैं जुनेजा*

अशोक जुनेजा के बारे में यह भी कहा जाता रहा है कि वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार में पावरफुल अफसरों में सौम्या चौरसिया के बाद आते थे। उनकी बघेल सरकार में तूती बोलती थी। यही कारण है कि भूपेश बघेल ने अशोक जुनेजा को अपने भ्रष्टाचार तंत्र का एक मोहरा बनाया और उन्हें भ्रष्टाचार करने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया। जुनेजा ने भी अफसरशाही की चिंता किए बगैर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया। इसी तरह जुनेजा मुख्यमंत्री बघेल के करीबी अफसरों में शामिल हो गए।

*अब भाजपा नेता क्यों नहीं लेते एक्शन?*

जुनेजा और भाजपा के गृहमंत्री के बीच पनप रही दोस्ती के चर्चे इस बात को लेकर भी आम है क्योंकि जिस समय बघेल सरकार में जुनेजा भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे थे उस समय यही भाजपा नेता उनका विरोध करते। लेकिन आज जब स्वयं सत्ता में हैं तो जुनेजा के टुकड़ों के आगे नतमस्तक हो गए और उनके खिलाफ अब तक कोई कार्यवाही नहीं करना उचित समझा। जनता का सेवक होकर जनता के विश्वास से खिलवाड़ करने का यह दंड आने वाले समय में विष्णुदेव साय सरकार को भी मिल सकता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या इस अवस्था में भी मुख्यमंत्री साय सेवा विस्तार पर विचार करेंगे।

*04 फरवरी को होना है रिटायरमेंट*

जानकारी के अनुसार अशोक जुनेजा पहली बार वर्ष 2021 में भूपेश बघेल सरकार में पुलिस महानिदेशक बने। उसके बाद वर्ष 2023 में उन्हें रिटायरमेंट देने के बजाय बघेल सरकार ने उन्हें सेवा विस्तार दिया और उनकी रिटायरमेंट तिथि 04 फरवरी 2025 हो गई। अब देखने वाली बात यह है कि लॉ एंड ऑर्डर सहित ब्यूरोक्रेसी को कठघरे में खड़ा कर देने वाले जुनेजा को 04 फरवरी को क्या मिलेगा। सेवानिवृति या सेवा विस्तार।

*बड़ा लेन देन की कि है खबर*
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बहुत मोटी रकम का लेन-देन किया है, यह जांच का विषय है? पूर्व में हुए आरटीओ और अवैध पुलिस थानों की उगाही के मामले में भी सरकार को जांच करनी चाहिए।

 

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