गांधीग्राम में पानी को लेकर परेसानी,नर्मदा लाइन फेल,टैंकर के भरोसे ग्रामीण 

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जबलपुर :नवतपा तो खत्म हो गए लेकिन गांधीग्राम के ग्रामीणो की पानी की परेसानी कब खत्म होगी देखना होगा? सिहोरा जनपद के गांधीग्राम ग्राम में इस समय ग्रामीण पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं।

लोगों का जीना मुहाल

गांधीग्राम बस स्टैंड क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 15 में पीने के पानी की किल्लत ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। पुरानी NH-7 सड़क के चौड़ीकरण और निर्माण कार्य के दौरान सड़क निर्माण एजेंसी की जेसीबी मशीन ने नर्मदा पाइपलाइन को पूरी तरह से उखाड़ दिया है। इसके चलते वार्ड में पेयजल व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई है, और घरों के सामने के नल कनेक्शन भी उखड़ गए हैं।स्थानीय निवासियों का आरोप है कि सड़क निर्माण एजेंसी को लोगों की परेशानियों से कोई सरोकार नहीं है। पेयजल व्यवस्था के लिए जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के बीच, बम्होरी की एक खदान के मालिक ने दरियादिली दिखाते हुए वार्डवासियों के लिए नियमित रूप से पानी के टैंकर भेजना शुरू कर दिया है।

टैंकर का इंतजार और पानी के लिए जद्दोजहद

वार्ड के लोग अब हर रोज पानी के टैंकर का बेसब्री से इंतजार करते हैं। जैसे ही टैंकर आता है, महिलाएं, पुरुष और बच्चे अपने बर्तन, गुम्मा, बाल्टी और गागरी लेकर पानी भरने के लिए दौड़ पड़ते हैं। वार्डवासियों को अपनी दैनिक पानी की जरूरत पूरी करने के लिए सड़क पर आकर पानी भरना पड़ रहा है, जो उनकी दिनचर्या का एक कष्टदायक हिस्सा बन गया है।

कब मिलेगी स्थायी राहत?

लोगों को इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि नर्मदा लाइन कब दोबारा बिछाई जाएगी और उनके घरों में नल कनेक्शन कब बहाल होंगे। कुछ लोगों का अनुमान है कि सड़क, पटरी और नाले का निर्माण पूरा होने के बाद ही सड़क खोदकर नई पाइपलाइन बिछाई जाएगी, और तभी उन्हें नर्मदा का पानी मिल पाएगा।पहले नर्मदा लाइन से नियमित रूप से पानी आता था, जिससे गर्मी में भी लोगों को राहत मिलती थी। लेकिन सड़क निर्माण के कारण उत्पन्न इस संकट ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। वार्डवासी अब बस यही उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द से जल्द स्थायी पेयजल व्यवस्था बहाल हो, ताकि उन्हें टैंकरों पर निर्भर न रहना पड़े और रोजमर्रा की पानी की जद्दोजहद से मुक्ति मिल सके।


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