जबलपुर में सँयुक्त किसान मोर्चा ने ईवीएम के विरोध में खोला मोर्चा,धरना प्रदर्शन कर किया विरोध

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United Kisan Morcha opposed EVM:ईवीएम हटाओ लोकतंत्र बचाओ के नारे के साथ जबलपुर में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा दिल्ली के देशव्यापी आह्वान के समर्थन में धरना प्रदर्शन करते हुए ईवीएम का विरोध किया,साथ ही चुनाव आयोग और महामहिम राष्ट्रपति के नाम जबलपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौपा।

किसानों का ईवीएम के विरोध में धरना प्रदर्शन 

अखिल भारतीय ओबीसी महासभा ओबीसी एससी एसटी संयुक्त मोर्चा, अल्पसंख्यक किसान संयुक्त मोर्चा, पिछड़ा वर्ग मोर्चा के द्वारा ईवीएम के विरोध में व किसान आंदोलन के समर्थन में सिविक सेंटर जबलपुर में आज 18 दिसम्बर रविवार की सुबह 11 बजे से धरना प्रदर्शन आंदोलन किया गया जिसमें प्रदेश अध्यक्ष एड. इंद्र कुमार,राष्ट्रीय महासचिव‌‌ नोकेलाल प्रजापति राजेश, जिला मीडिया प्रभारी ओबीसी जितेन्द्र कुमार कुर्मी, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष मनीषा पटेल, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष रामराज, जिलाध्यक्ष छोटे पटैल ,संत कुमार पटैल, सुनील विशकर्मा, घनश्याम यादव बैजनाथ कुशवाहा , दीपक यादव, दिलीप पटैल,चंदन कोरी, एवं सभी संगठनों के पदाधिकारी गण सम्मलित होतें हुए मांग की कि ईवीएम से चुनाव बंद करो, वैलेट पेपर से मतदान कराओं,चुनाव में पारदर्शिता लाने की मांग की हैं,

ज्ञापन सौपते हुए किसानों ने ईवीएम पर खड़े किए सवाल 

1.यह की भारत निर्वाचन आयोग ने स्वयं ने ही लिखित में कहा है
कि ईवीएम का डिस्प्ले (जिस पर रिजल्ट दिखाता है) बाहर से
वायरलेस से कंट्रोल हो सकता है एवं इस में एडिशनल सर्किट
डल सकता है।
2. यह कि भारत निर्वाचन आयोग ने स्वयं ने लिखित में कहा है कि
ईवीएम की मेमोरी चिप के साथ मेमोरी आईसी मनीपुलेटर क्लिप चुनाव परिणामों किया जा सकता है, जिससे ईवीएम में भंडारित को बदला जा सकता है।
3.यह की निर्वाचनों के लिए ईवीएम को तैयार करने के लिए किए जाने वाले कार्य (1) एफएलसी (2) कैंडिडेट सेटिंग (3)
सिंबल लोडिंग, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा ना किए जाकर
मअउ की विनिर्माता कंपनियों के इंजीनियरों द्वारा किए जाते हैं।• जिनकी सत्य निष्ठा भारत के संविधान के प्रति नहीं है।
4.यह की चुनाव में प्रयोग की जाने वाली ईवीएम के संबंध में इस आशय का सर्टिफिकेट की ईवीएम के सभी पार्ट्स असली है कंपनियों द्वारा जारी किए जाते हैं। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा यह सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाना ।जबकि भारत के संविधान और कानून में चुनाव कराने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग को सौंपी गई है, ना कि किसी कंपनी को। यह की ईवीएम का स्टैंड अलोन मशीन ना होना ।यह की प्रत्येक ईवीएम मशीन को चुनाव आयोग द्वारा ट्रैक करना
अर्थात ईवीएम से चुनाव के दौरान भारत निर्वाचन आयोग का
कनेक्ट रहना। यह की ईवीएम का सोर्स कोड भारत निर्वाचन आयोग एवं ईवीएम की विनिर्माता कंपनियों के पास होने से प्रदर्शित समाप्त होना। यह की मतदान के दिन मतदान केंद्र पर ही ईवीएम द्वारा मतों की गणना कर लेने से भारत निर्वाचन आयोग एवं रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा मतगणना के लिए जारी अधिसूचना (जिसमें मतदान मतगणना की तिथि मतगणना स्थल मतगणना का समय होता है) का उल्लंघन करना तथा रिटर्निंग अश्वफिसर गणना प्रेषक एवं मतगणना एजेंट की अनुपस्थिति में मतगणना करने कारण अधिनियम की धाराओं का उल्लंघन करना। विनिर्माता कंपनियों से ईवीएम खरीदने के यह है कि ईवीएम की बाद कंपनियों से प्राप्त किसी भी मअउ की चुनाव आयोग द्वारा या

10. आयोग की तकनीकी विशेषज्ञ समिति द्वारा जांच करना आर ना ही किसी स्टेक होल्डर को जांच करने देना। यह है कि मतदान के दिन मतदान के पूर्व स्टेक होल्डर को यह बताने के लिए की ईवीएम खाली है, के लिए ईवीएम की मेमोरी चिप ना बताना तथा यह ना बताना कि ईवीएम में कोई एडिशनल
सर्किट तो नहीं डला है अर्थात नियम 49 (ई) (2) का उल्लंघन करना ।
11.यह की निर्वाचन के लिए मशीन तैयार करते समय एफएलसी, सिंबल लोडिंग और कैंडिडेट सेटिंग जो की पूरी तरह से तकनीकी कार्य है, के समय किसी भी राजनीतिक दल या स्टेक होल्डर को अपने एजेंट के रूप में किसी इंजीनियर या तकनीकी विशेषज्ञ को उस हाल के अंदर जाने से प्रतिबंधित करना जिस हाल में मशीन चुनाव के लिए तैयार की जा रही होती हैं।12. यह की अअचंज की पर्चियो से वोटर वेरीफाईबिलिटी ना होना क्योंकि चुनाव आयोग ने स्वयं ने कहा है कि जब तक अअचंज की पर्ची कट कर ड्राप बाक्स में गिर नहीं जाती है, तब तक वोटर का वोट कंट्रोल यूनिट में रजिस्टर्ड नहीं होता अर्थात जब पर्ची प्रिंट होती है और जब वोटर पर्ची देखता है तब तक उसका वोट अअचंज में ही रहता है।
13. यह है कि निर्वाचनो का संचालन नियम 49 (ड) (3) (ग) में vvpat के प्रिंटर का कांच पारदर्शी होने के नियम के विरु) vvpat का कांच चुनाव आयोग द्वारा काला कर देना यह कृत्य उक्त नियम का घोर उल्लंघन है अर्थात आयोग का यह कृत्य आपराधिक श्रेणी का है।
14. यह की निर्वाचनों का संचालन नियम 56 डी (4) (ख) के अनुसार vvpat की पर्ची ही असली वोट है। जबकि चुनाव
परिणाम आयोग द्वारा उक्त पर्चियां की गणना किए बगैर ही चुनाव की घोषणा करना । अतः उक्त तरीके से चुनाव आयोग द्वारा ईवीएम मशीन से चुनाव कराना निष्पक्ष चुनाव नहीं है।किसानों ने कहा है की इसलिए भारत के लोग मांग करते हैं कि 2024 के चुनाव के पहले चुनाव में ईवीएम मशीन का प्रयोग पूर्णता बंद कर मत पत्रों से चुनाव कराया जाए।


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