झोलाछाप डॉक्टर के गलत उपचार से तीन साल के मासूम की मौत,पुलिस ने किया मामला दर्ज
कटनी/स्लीमनाबाद ;(सुग्रीव यादव ):एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से एक मासूम की मौत हो गई।मामला स्लीमनाबाद थाना क्षेत्र का है जहाँ पर एक झोलाछाप डॉक्टर के गलत उपचार से तीन वर्षीय बालक की मौत हो गईं है!जिसके बाद मृतक के परिजनो ने डॉक्टर पर गलत उपचार करने का आरोप लगाते हुए शनिवार की देर रात ही स्लीमनाबाद थाना मे जाकर शिकायत दर्ज कराई!
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क्या है पूरा मामला ?
वहीँ शिकायत मे उल्लेख किया गया कि ओम आदिवासी पिता ब्रजबिहारी आदिवासी उम्र तीन वर्ष की तबीयत खराब होने पर स्लीमनाबाद मे डॉक्टर राजेंद्र तिवारी के यहां उपचार कराया गया!उपचार उपरांत बालक को घर वापिस लें आये जहाँ फिर उसका स्वास्थ्य ज्यादा खराब हो गया!जिस पर रात्रि मे स्लीमनाबाद सरकारी अस्पताल लें गए जहाँ डॉक्टर शिवम दुबे के द्वारा मृत घोषित होना बताया गया!मृतक के चाचा कि शिकायत पर देर रात ही थाना प्रभारी अखिलेश दाहिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्लीमनाबाद मे पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉ शिवम दुबे के साथ झोलाछाप डॉ राजेंद्र प्रसाद तिवारी के घर पहुंचें जो घर पर ही क्लीनिक संचालित कर रहा था!प्रशासनिक टीम ने डॉ से तीन वर्षीय बालक की मृत्यु विषय पर जानकारी चाही गईं, जो डॉ द्वारा उपचार सही तरीके से करना बताया गया, लेकिन मौत कैसे हो गईं यह पता नहीं है!जिस पर प्रशासनिक टीम ने रात्रि मे ही क्लीनिक को शील कर दिया गया!
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जाँच मे हुआ झोलाछाप डॉ होने का खुलासा
तीन वर्षीय बालक की मौत के बाद थाना प्रभारी अखिलेश दाहिया ने रविवार को डॉक्टर की वास्तविक हकीकत के लिए स्लीमनाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मे पदस्थ डॉ शिवम दुबे को पत्र लिखा गया!जिस पर डॉ शिवम दुबे ने मामले की जाँच पड़ताल कर जाँच प्रतिवेदन थाना प्रभारी को भेजा गया!
जिसमे पाया गया कि उक्त प्राइवेट डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद तिवारी के पास आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रमाण पत्र है!लेकिन इनके द्वारा अपने चिकित्सा ज्ञान के विपरीत ऐलौपैथी वाले इंजेक्शन, बॉटल, टेबलेट, सीरप व अंग्रेजी दवाएं देने की पात्रता नहीं है!ऐसा करना नियमों के विपरीत है, जो दोषी की श्रेणी मे आता है
एफआईआर दर्ज
वहीँ मृतक बालक की मौत भी ऐलौपैथी दवाये करने से हुई!चिकित्सा अधिकारी के जाँच प्रतिवेदन के बाद थाना स्लीमनाबाद के द्वारा प्राइवेट डॉ राजेंद्र प्रसाद तिवारी के विरुद्ध अपराध धारा 106(1)बीएनएस,15(3),24 मध्यप्रदेश राज्य आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम 1956,1958 के तहत प्रकरण पंजीबद्द किया गया व झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया!
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