श्रीमद्भागवत कथा को श्रवण की नहीं समझने की जरूरत – डॉ स्वामी मुकुंददास
दीपांशु शुक्ला जबलपुर : शिवनगर जैन मंदिर के निकट चल रही श्रीमद् भागवत कथा में कथा मनीषी डॉ० स्वामी मुकुंद दास जी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा का चित्रण करते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत को श्रवण की नहीं अपितु उसे समझ कर आत्मसात करने से मानव जाति का कल्याण होता है श्री कृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर क्षेत्रीय जनमानस के साथ ही दूर-दराज से लोग भागवत कथा को श्रवण करने पहुंचे कथा व्यास डॉक्टर स्वामी मुकुंद दास जी महाराज ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव की कथा प्रस्तुत करते हुए कहा कि जब भी इस देव धरा पर आसुरी शक्तियों का आतंक बढा है धर्म की हानि हुई तब तब भगवान श्री नारायण ने अवतार लिया है और आसुरी एवं अधार्मिक वृत्तियों का नाश करके पुनः धर्म की स्थापना की है डा० स्वामी ने कृष्ण जन्म से लेकर पूतना वध, बकासुर वध, सुदामा से मैत्री, वृंदावन में रासलीला मटकी फोड़ आदि प्रसंगों को श्रवण कराते हुए कहा की मित्रता में ऊंच-नीच जात-पांत नहीं देखी जाती बल्कि मित्र की आत्मीयता और संवेदनशीलता से ही यह रिश्ता कायम रहता है।सच्चा मित्र वही है जो दुख में अपने मित्र के लिए अपना सर्वस्व निछावर करने को तत्पर रहे रिश्ते नाते जब आपसी स्नेह, प्रेम व त्याग पर टिके हों तभी सार्थक है अन्यथा स्वार्थ भाव उत्पन्न होने पर इन रिश्तों का अस्तित्व ही समाप्त हो जाता है।
श्री कृष्ण जन्म के अवसर पर नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के सुमधुर भजन पर श्रोता गण खुशी से झूम उठे । यशपाल सिंह राजपूत मधुर विश्वकर्मा ने मनमोहक भजनों की प्रस्तुति दी। कथा प्रारंभ के पूर्व श्रीमती मीरा सिंह राजपूत प्रकाश प्रिया चौहान ने व्यास पीठ का पूजन अर्चन किया पंडित छबिलाल तिवारी के मंत्रोचारण से सारा वातावरण गूंजायमान हो गय। इस दौरान डा० अरुण मिश्रा, दीपांशु शुक्ला भोले सिंह अनूप सिंह चौहान मोहन सिंह प्रमोद सिंह सत्यम मिश्रा सत्यम गौतम नेपाल सिंह राजपूत नितिन नेमा एड० श्रीमती ललिता चौहान श्रीमती संध्या दुबे ज्योती ममता की उपस्थिति उल्लेखनीय रही मंच संचालन आचार्य पंडित प्रदीप तिवारी ने किया।