महासागर है महाभारत कथा,डॉ.कृष्ण कुमार दुबे की कृति का विमोचन 

इस ख़बर को शेयर करें

दीपांशु शुक्ला जबलपुर। महाभारत कथा अथाह महासागर है, जिसमें अध्यात्म के साथ वैज्ञानिकता भी समाहित है। जीवन निर्माण का दर्शन और ज्ञान के कारण महाभारत की कथा का विशिष्ट महत्व है ।विद्वान लेखक,विचारक डॉ. कृष्ण कुमार दुबे ने ‘महाभारत कथा इतिहास के झरोखे से’ कृति के माध्यम से महाभारत में समाहित अनेक जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए ज्ञान सूत्रों से अवगत कराया है। डॉ.दुबे का चिंतन- मनन व्यापक है, इसलिए यह कृति पाठकों को एक नई दृष्टि देने में समर्थ है।तदाशय के उद्गार पाथेय संस्था, मनीषा एवं सुप्रभात संस्था के तत्वावधान में शहीद स्मारक सभागृह में आयोजित डॉ. कृष्ण कुमार दुबे की कृति ’महाभारत कथाजइतिहास के झरोखों से’ का विमोचन करते हुए अतिथियों ने व्यक्त किए ।इस अवसर पर श्रीमती कामना नायक के निर्देशन एवं श्रीमती अरुक्षा नायक के संयोजन में महाभारत पर आधारित नृत्य नाटिका ’धर्मक्षेत्र’ का भाव प्रधान मंचन किया गया। 20 कलाकारों ने धर्मक्षेत्र नृत्य नाटिका में डा.दुबे की कृति के महत्वपूर्ण अंशों को प्रस्तुत करते हुए दर्शकों को भाव विभोर कर दिया।
समारोह के मुख्य अतिथि डॉक्टर एस.पी. गौतम पूर्व कुलपति रादुविवि थे। अध्यक्षता महाकवि आचार्य भगवत दुबे ने की ।विशिष्ट अतिथि भागवत उपासक पं. दिनेश गर्ग ,गायत्री परिवार के साहित्य विस्तार पटल के संयोजक पं. जगदीश दीक्षित, समाजसेवी डॉ.पुरुषोत्तम तिवारी, डॉ.आनंद तिवारी एवं जादूगर निगम थे।कार्यक्रम के प्रारंभ में वॉइस आफ प्रज्ञा की गायिका दीप्ति मिश्रा की गायत्री वंदना के बीच अतिथिओं ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया । मनीषा चौबे एवं राजेश पाठक प्रवीण ने डॉ. दुबे के व्यक्तित्व-कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए नृत्य नाटिका की जानकारी दी।अतिथि स्वागत अभय जैन, डॉसत्येंद्र जैन,प्रतुल श्रीवास्तव,आलोक पाठक,विजय नेमा,डॉ. अनिल कोरी,यशोवर्धन पाठक,विजय जायसवाल,विनीता पैगवार,विमला श्रीवास्तव, रश्मि पाठक ,ने किया ।आभार सुशांत दुबे द्वारा किया गया।इस अवसर पर इंडिया पोल खोल चैनल के संपादक पवन यादव संवाददाता दीपांशु शुक्ला ने डॉ दुबे को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित कीं।

 


इस ख़बर को शेयर करें