गगन से होगी धुव्र योग मे चांद की अमृतमय वर्षा, खीर की प्रसाद का होगा वितरण
सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद – सनातन धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा शरद पूर्णिमा के नाम से जानी जाती है। शरद पूर्णिमा व्रत को रास पूर्णिमा भी कहा जाता है।शरद पूर्णिमा महोत्सव स्लीमनाबाद तहसील क्षेत्र मे आस्था व उल्लास के साथ मनाया जायेगा!
तहसील क्षेत्र के मंदिरों मे सुबह से लेकर देर शाम तक विविध धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होंगे!स्लीमनाबाद स्थित सिंहवाहिनी मंदिर, दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर, हरिदास ब्रजधाम कोहका, कौड़िया स्थित श्रीराम जानकी मंदिर व खिरहनी स्थित जगदीश धाम मंदिर मे शरद पूर्णिमा महोत्सव मनाया जायेगा!वहीं घरों व मंदिरों मे भी महिलाओं के द्वारा पूजा अर्चना की जाएगी!पंडित रमाकांत पौराणिक ने जानकारी देते हुए बताया कि इस दिन चांद अपनी पूरी 16 कलाओं से युक्त होता है।साथ ही चंद्रमा की चांदनी अमृत से युक्त होती है। इस दिन माता लक्ष्मी रात्रि में पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और देखती हैं कि कौन जाग रहा है। जो जाग रहा होता है, उसे वे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती है। इस साल शरद पूर्णिमा पर धुव्र योग में चंद्रमा से अमृत वर्षा होगी।
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धुव्र योग मे चन्द्रमा से होगी अमृत वर्षा –
पंडित दिलीप पौराणिक ने बताया कि शरद पूर्णिमा पर धुव्र योग के साथ उत्तराभाद्र और रेवती नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस दिन चंद्रमा मीन राशि में रहेंगे। इस दिन रात में गाय के दूध की खीर बनाकर अर्द्ध रात्रि को भगवान को भोग लगाकर खीर को चांदनी रात में रखा जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से चंद्रमा की किरणों से खीर में अमृत प्राप्त होता है।आधी रात में चंद्रमा को भी अर्घ्य देना चाहिए। पूर्णिमा की चांदनी औषधि गुणों से युक्त होती है। इसमें रखी खीर का सेवन करने से चंद्र ग्रह संबंधी दोष जैसे कफ सर्दी छाती के रोग, मानसिक कष्ट या डिप्रेशन की समस्या और हार्मोनल संबंधी बीमारी में लाभकारी है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने रास लीला की थी, इसलिए इसे रास पूर्णिमा भी कहा जाता है।
17अक्टूबर को लघु वृंदावन धाम बांधा मंदिर में होगा शरद महोत्सव-
श्री राधाकृष्ण मंदिर लघु वृंदावन धाम बांधा में 17 अक्टूबर गुरुवार को भगवान श्री राधाकृष्ण जी की परम पारलौकिक रासलीला शरद महोत्सव के रूप में सायं 6 बजे से आयोजित होगा । गीतांजलि कला परिषद कटनी के छात्रों तथा स्थानीय भक्तों द्वारा भगवान के समक्ष गरबा नृत्य एवं रासलीला की जीवंत प्रस्तुतियां होंगी । सायं सात बजे भगवान मुरलीमनोहर,आदि शक्ति मां गायत्री ,भगवान भोलेनाथ, हनुमान जी एवम विघ्न विनाशक गणेश जी की भव्य नृत्य महाआरती होगी तथा अमृत रूपी खीर प्रसाद वितरण किया जाएगा। श्री राधाकृष्ण सेवा समिति के रामनरेश त्रिपाठी, नवनीत चतुर्वेदी ,महेश पाठक ,सीताराम मिश्रा ,मनोज पाठक,सतेन्द्र त्रिपाठी, कृष्णकांत पांडे ,राघवेंद्र दुबे ,पप्पू पाठक, शैलेंद्र विश्वकर्मा ,बहादुर कुशवाहा ,बडू सिंह आदि ने समस्त धर्मप्रिय जनों से मंदिर पधारकर पुण्य लाभ प्राप्त करने की प्रार्थना की है।
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