अन्नदाता की मेहनत पर फिर रहा पानी,फसलों को बर्बाद कर रहे वन्यप्राणी,साथ ही किसानों को कर रहे लहूलुहान

इस ख़बर को शेयर करें

सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद: रबी सीजन कृषि कार्य जारी है।रबी सीजन के तहत चना,मसूर व मटर की फसल की बोवनी अक्टूबर माह मैं ही हो गई है।वर्तमान मे गेंहू की बोवनी का दौर जारी है।इस बीच बहोरीबंद विकासखण्ड छेत्र मैं इन दिनों जंगली सूकरों का आतंक फैला हुआ।जिससे अन्नदाताओं के मेहनत पर पानी फिर रहा है।उपतहसील बाकल  के आस-पास के इलाके में पिछले दो साल से जंगली सूकर का आतंक है। खरीफ और रबी दोनों ही सीजन की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे है। किसान चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहा। केवल बर्बाद हुई फसलों को देखकर आंसू बहा रहा है। किसी तरह का कोई मुआवजा भी उन्हें नहीं मिला रहा। महंगी बिजली, खाद और बीज का इस्तेमाल कर फसलें पालने के बाद उन्हें जंगली सूकर बर्बाद कर रहे। रात दिन गर्मी, ठंड और बरसात के दिनों खेतो मैं मेहनत करने वाले किसानों की मेहनत पर पानी फिर रहा है।किसानों ने बताया कि समय रहते पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए तो क्षेत्र के कई किसानों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा।बहोरीबंद तहसील छेत्र के ग्राम बघराज, कूड़ा, मसंधा, गौरहा, नयागांव, हाथीभार,  ग्राम सहित अन्य क्षेत्रों में जंगली सूकर बड़ी संख्या में पहुंच रहे है। वर्तमान में गेहूं, चना, मटर सहित अन्य फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचा रहे। इसके पहले बारिश में मक्का, सोयाबीन सहित अन्य फसलों को जंगली सूकर ने बबार्द किया है। कई किसानों को अब तक लाखों रुपए का नुकसान हो चुका है। बावजूद इसके सूकर को क्षेत्र से बाहर नहीं निकाला गया है।जिससे किसान परेशान है।जब कृषक सुबह अपने खेत पहुँचते है तो खेत की दुर्दशा देख अन्नदाता के आंसू बहने लगते है।

किसानों को भी कर लहुलुहान

जंगली जानवर फसलों को तों नुकसान पहुँचाते ही है साथ ही किसानों को लहुलुहान कर रहे है!
शुक्रवार की रात बदराज कला मे किसान रमेश बर्मन जो कि रात के समय सिंचाई करने खेत गया था!
जहाँ भालू ने किसान पर अचानक हमला कर दिया जिससे किसान रमेश बर्मन घायल हो गया!
घटना के बाद क्षेत्र मे दहशत का माहौल है!

किसान नही कर रहे सुरक्षा के इंतजाम 

जंगली सूकर खेतों तक पहुँचकर फसलों को नष्ट कर रहे है।इसके पीछे किसानों की भी लाफ़रवाही सामने आ रही है।
किसान अपने खेतों को यदि चारो तरफ से घेराबंदी कर देते तो जंगली सूकर नष्ट नही कर सकते ।लेकिन किसान स्वयं फसल को बचाने अपनी जवाबदेही का निर्वहन नही कर रहा।

 

इंडिया पोल खोल को आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु इस QR कोड को किसी भी UPI ऐप्प से स्कैन करें। अथवा "Donate Now" पर टच/क्लिक करें। 

Click Here >> Donate Now

इंडिया पोल खोल के YouTube Channel को Subscribe करने के लिए इस YouTube आइकन पर टच/Click करें।

इंडिया पोल खोल के WhatsApp Channel को फॉलो करने के लिए इस WhatsApp आइकन पर टच/Click करें।

Google News पर इंडिया पोल खोल को Follow करने के लिए इस GoogleNews आइकन पर टच/Click करें।


इस ख़बर को शेयर करें