गेंहू के दाने की चमक पड़ी फीकी,उत्पादन कम होने की आशंका
सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद: हर साल की तरह इस बार भी मौसम की मार ने किसानों की कमर तोड़ दी है।लगातार मौसम परिवर्तन से गेहूं के दाने की चमक इस बार फीकी होती नजर आ रही है, क्योंकि पिछले दो माह में मौसम परिवर्तन ने गेहूं फसल के उत्पादन को गिरा दिया।जनवरी में धुंध और कोहरे ने फसलों का मिजाज बदल दिया ।जिसके कारण गेहूं में इल्ली का आना सहित अन्य नुकसान हुआ है।साथ ही मार्च मैं ओलावृष्टि से नुकसान हुआ।जिससे गेहूं का उत्पादन गिरने की आशंका किसान जता रहे है। हालांकि अभी कटाई गेंहू कटाई का दौर शुरू नही हुआ है।10 फीसदी ही गेंहूँ की फसल पककर तैयार हुई है, जिसकी कटाई शुरू हो गईं है!50 फीसदी फसल पकने के बाद व कटाई होने के बाद ही आंकलन सामने आएगा।
दर्जनों गांवों मैं ज्यादा नुकसान की आशंका
बहोरीबंद विकासखंड के ग्राम बचैया, सोमाकला, अमरगढ़, जुजावल, पड़वार सहित अन्य गावों के किसानों ने बताया कि ओलावृष्टि से रबी सीजन की फसले प्रभावित हुई है।
जहां आमतौर पर एक एकड़ में 18 से 20 क्विंटल गेहूं का उत्पादन होता था इस बार उत्पादन 12 से 15 क्विंटल रह जायेगा। क्योंकि जनवरी माह मैं धुंध एवं कोहरा का असर रहा। उस समय गेहूं में बालियां आ रही थी। बाली एवं दाने भरने के समय धुंध और कोहरा पड़ता रहा। इससे गेहूं एवं चने फसल में काफी नुकसान हो गया। गेहूं का दाना बारीक रह गया। कई बालियों में दाने नहीं भरे।वही किसान पानी की कमी के कारण 15 अक्टूबर तक बोवानी कर देते हैं,जो जल्दी वैरायटी का लोकवन गेहूं में काफी नुकसान हुआ। वहीं पठार क्षेत्र में चने की बोवनी अधिक होती है, वहां पर भी इस बार धुंध और कोहरा का असर रहा। कुछ स्थानों पर फसल में बीमारी भी सामने आई है।
इनका कहना है_ आर के चतुर्वेदी एसएडीयो कृषि विभाग
इस बार मौसम में परिवर्तन से फसलें प्रभावित हुई है। अभी विकासखंड में दलहन_तिलहन फसलों की कटाई का दौर शुरू हुआ है,गेंहू कटाई शुरू नही हुई है। रबी सीजन फसलों की पूरी कटाई_मिसई कार्य के बाद ही आंकड़ा सामने आएगा कि कितना उत्पादन घटा है। अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग स्थिति सामने आएगी।