
सिहोरा के सरकारी अस्पताल की हालत नाजुक,आमने- सामने सत्तापक्ष और विपक्ष
जबलपुर :लोगों के इलाज के लिए सिहोरा में 100 बिस्तरों का सिविल अस्पताल तो है लेकिन यहां पर डॉक्टरों की कमी के चलते अब इस अस्पताल को खुद ही इलाज की जरूरत पड़ गई।साथ ही अस्पताल के बिगड़ते हालतों को लेकर सत्तापक्ष एंव विपक्ष आमने- सामने आ गए हैं।
पांच का तबादला,पांच नये आये एक ने भी नहीं किया ज्वाइन
बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने अपग्रेड किया गया सिविल अस्पताल सिहोरा न केवल चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा है वल्कि साफ सफाई जैसी बुनियादी समस्याओं से भी जुझ रहा है। अस्पताल के हालात इतने बदतर हैं कि सिविल अस्पताल वेंटिलेटर पर है कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा। ऐसे में पांच डाक्टर्स का एक साथ स्थानांतरण करना एंव स्थानांतरित होकर आए चिकित्सकों का ज्वाइन ना करने से राजनैतिक शुन्यता की चर्चा ने राजनैतिक दलों को आमने-सामने ला कर खड़ा कर दिया।
एक दर्जन स्वीकृत आधे से ज्यादा रिक्त*
सिविल अस्पताल में एमबीबीएस 12 डॉक्टर द्वितीय श्रेणी के स्नातकोत्तर विशेषज्ञ चिकित्सक एक सिविल सर्जन, एक प्रबंधक का पद स्वीकृत है किंतु वर्तमान में तीन चिकित्सक एवं एक बंध पत्र चिकित्सक कार्यरत होने से अस्पताल की इमरजेंसी,ओपीडी चिकित्सा सेवा पूरी तरह से बाधित रहती है यहां पदस्थ तीन चिकित्सक में से एक की रात में ड्यूटी रहने से दूसरे दिन चिकित्सक का आफ रहता है इस रोस्टर के चलते अस्पताल में मात्र दो डॉक्टर ड्यूटी में रह जाते हैं दिन में यदि कोई पोस्टमार्टम केस एवं एम एल सी आ जाता है तो एक चिकित्सक वहां चले जाने से अस्पताल में इलाज के लिए मात्र एक चिकित्सक होता है ऐसे में उनके ऊपर ओपीडी एवं इमरजेंसी दोनों की जिम्मेदारी रहती है अस्पताल में महिलारोग ,बाल रोग ,हड्डी रोग नेत्र रोग चिकित्सा सर्जरी एवं एनेस्थीसिया के विशेषज्ञ के पद स्वीकृत हैं इसके बाद भी इनके भरने में शासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ने सोपा था ज्ञापन
विगत दो दिन पूर्व ब्लॉक कांग्रेस कमेटी सिहोरा के संयोजन में माननीय लोक स्वास्थ्य ,चिकित्सा मंत्री मध्य प्रदेश शासन के नाम से एसडीएम सिहोरा के द्वारा लिखे ज्ञापन में एसडीएम महोदय की अनुपस्थिति में एसडीएम कार्यालय के बाहर ज्ञापन चस्पा किया गया ज्ञापन के द्वारा मांग की गई है कि शासकीय सिविल अस्पताल सिहोरा में विगत कई वर्षों से चिकित्सको की कमी बनी हुई है जिसके कारण आम जनों को कई प्रकार की असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है सिहोरा क्षेत्र से लगे लगभग 200 गांव के लोग इलाज के लिए सिहोरा अस्पताल पर निर्भर है। कांग्रेस ने एक सप्ताह के भीतर अगर डॉक्टर की कमी पूरी नहीं की गई तो कांग्रेस पार्टी द्वारा धरना प्रदर्शन किया जाएगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
विधायक ने किया निरीक्षण
वहीँ विगत दिवस मंगलवार के दिन विधायक सन्तोष सरकंडे ने बेपटरी स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने को लेकर सिविल अस्पताल का निरीक्षण कर सफाई व्यवस्था को लेकर न केवल आक्रोश व्यक्त किया वल्कि चिकित्सकों की पदस्थापना को लेकर उच्च अधिकारियों से चर्चा की। विधायक सन्तोष बरकडे ने बताया की डाक्टर्स की पोस्टिंग को लेकर न केवल सी एच एम ओ से व्लकि स्वास्थ्य मंत्री से बात की जा रही है जल्द ही डॉक्टर्स की कमी दूर की जाएगी। विधायक संतोष बरकड़े ने कहा कि भले ही मेरे द्वारा लम्वे समय अन्तराल के बाद अस्पताल का निरीक्षण किया गया हो परिणाम दो दिन में देखने को मिलेंगे।इसके अलावा अस्पताल प्रबंधन से अन्य आवश्यकताओं की सूची भी मांगी गई है ताकि उनके शीघ्र का किया जा सके सफाई व्यवस्था को लेकर ठेकेदार सफाई कर्मचारियो एवं नगर पालिका अधिकारी से चर्चा कर त्वरित निराकरण के लिए निर्देश दिए गए हैं।साथ ही टायलेट एंव नाली निर्माण विधायक निधि से कराने प्राक्कलन तैयार करने के निर्देश दिए हैं
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