बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने 423 बच्चों का हुआ स्वर्णप्राशन संस्कार 

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जबलपुर, बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आज गुरूवार को गौरीघाट स्थित शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय में शिशु अवस्था से लेकर 16 वर्ष की आयु तक के 423 बच्चों का स्वर्णप्राशन संस्कार किया गया। महाविद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. एल. एल. अहिरवाल के निर्देशन में आयोजित कार्यक्रम में शिशु एवं बालरोग विभाग की डॉ गीता पांडे द्वारा बच्चों का परीक्षण कर उन्हें आयु के अनुसार अलग-अलग मात्रा में स्वर्ण भस्म, गौ घृत एवं शहद से निर्मित स्वर्ण बिंदु पिलाया गया। स्वर्ण बिंदु की प्रत्येक बूंद में 1.6 ग्राम स्वर्ण भस्म होता है। स्वर्ण प्राशन संस्कार के बारे में अभिभावकों का कहना है कि जब से वे अपने बच्चों का स्वर्ण प्राशन करा रहे हैं तब से उनके बच्चों में विशेष स्वास्थ्य लाभ देखने मिला है। बच्चे बीमार नहीं पड़ रहे हैं। कमजोर याददाश्त एवं मानसिक रूप से अस्वस्थ्य बच्चों पर भी स्वर्ण बिंदु के अच्छे परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। यह बालकों के वर्ण को निखारता है और उनकी हाइट, हेल्थ एवं पाचन क्रिया को भी सुधारता है।

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