5-6 वर्षों से एक ही छात्रावासों मैं जमे अधीक्षक, शासन की नियमावली की विभागीय अधिकारी उड़ा रहे धज्जियां

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सुग्रीव यादव :स्लीमनाबाद- नवीन शिक्षा सत्र वर्ष 2024-25 शुरू हो गया है।लेकिन एक बार फिर नए शिक्षा सत्र से पहले कई वर्षों से एक ही छात्रावासों मैं पदस्थ अधीक्षको को हटाने की प्रक्रिया शुरू नही की गई।जिससे विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे मैं आ रही है।आखिरकार क्यो विभागीय अधिकारी शासन के नियमो का पालन करने रुचि नही दिखा रहे है।क्योंकि नियमानुसार एक ही स्थान पर तीन वर्षों तक ही सेवाएं दे सकते है।लेकिन बहोरीबंद विकासखण्ड मैं तो विगत 5-6 वर्षों से एक ही छात्रावासों मैं अधीक्षक जमे है।ये हाल आदिम जाति व शिक्षा विभाग के छात्रावासों के है।

शिक्षा विभाग के शिक्षक आदिम जाति विभाग के छात्रावासो मैं पदस्थ

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बहोरीबंद विकासखण्ड मैं आदिम जाति कल्याण विभाग के छह छात्रावास है।जिनमे विभागीय अधीक्षक नही है।शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षक आदिम जाति विभाग के छात्रावासों मैं अधीक्षक बने बैठे है।
इन शिक्षकों को भी 5 से 6 वर्ष हो गए एक ही छात्रावासों मैं जमे हुए है लेकिन न तो शिक्षा विभाग न ही आदिम जाति विभाग प्रमुखों को इन अधीक्षको हटाने की रुचि नही दिखाई दे रही है।बहोरीबंद विकासखण्ड मैं आदिम जाति विभाग के आदिवासी बालक छात्रावास बहोरीबंद मैं शिक्षक अरविंद झारिया, अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास बहोरीबंद मैं रैनका भुमिया, अनुसूचित जाति बालक प्री मैट्रिक छात्रावास बहोरीबंद मैं गुमान सिंह,आदिवासी बालक छात्रावास कूड़ा मर्दानगढ़ मैं इंद्रपाल सिंह ठाकुर,आदिवासी बालक छात्रावास बचैया मैं उत्तम कोरी व अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास बाकल मैं शीला चौधरी अधीक्षक है।
ये सभी अधीक्षको की मूल पदस्थापना शिक्षा विभाग मैं है।जहां दिन मैं शिक्षा विभाग के स्कूलो मैं अध्ययन कार्य करवाते है और रात्रि समय आदिम जाति विभाग के छात्रावासो की जिम्मेदारी संभालते है।

शिक्षा विभाग के तो हाल ही बेहाल

आदिम जाति विभाग के छात्रावासो मैं तो लगभग 5 से 6 वर्षों से ही अधीक्षक जमे है।लेकिन शिक्षा विभाग के छात्रावासों मैं तो 8 से 9 वर्षों से अधीक्षक एक ही छात्रावास मैं जमे हुए है।
बहोरीबंद विकासखण्ड के रमसा कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास बहोरीबंद मैं ममता महोबिया व सर्व शिक्षा अभियान के कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास बाकल मैं आशालता गुप्ता अधीक्षक है।
इन अधीक्षको को भी हटाने शिक्षा विभाग ध्यान नही दे रहा है।जिससे शासन के बनाये नियमो की धज्जियां उड़ रही है।

जिला शिक्षा समिति की बैठक मे बनी रूपरेखा

गौरतलब है गत दिवस जिला शिक्षा समिति की बैठक आयोजित हुई थी।जिसमें कई वर्षों से जमे अधीक्षको को हटाने की रूपरेखा बनाई गई थी।जिला शिक्षा समिति अध्यक्ष अशोक विश्वकर्मा ने शिक्षा विभाग व आदिम जाति विभाग प्रमुखों को सख्त निर्देश दिए थे कि ऐसे अधीक्षको को हटाने की प्रक्रिया शुरू करे।लेकिन विभाग प्रमुखों के द्वारा हटाने की प्रक्रिया को लेकर कोई ठोस कदम नही उठाये जा रहे हैं।

विधानसभा मे उठा मुद्दा

समस्त छात्रावास के अधीक्षक जो 5 से 6 वर्षो से एक ही स्थान पर पदस्थ उनको हटाने को लेकर हाल ही के मानसून विधानसभा सत्र मे विधायक प्रणय पाण्डेय ने मुद्दा उठाया!
जिसमें विभागीय मंत्री ने यह जवाब दिया कि कुछ दिनों बाद तबादले की प्रक्रिया हटेगी तो ऐसे अधीक्षकों का तबादला किया जायेगा!

इनका कहना है- पूजा द्विवेदी जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग

जिले मे जो भी शिक्षा विभाग के शिक्षक आदिम जाति विभाग के छात्रावासो मैं अधीक्षक है और उन्हें 4 से 5 वर्ष एक ही स्थान पर सेवाएं दे रहे तो ऐसे शिक्षको को छात्रावासो से हटाने शिक्षा विभाग प्रमुख के द्वारा पत्राचार किया जाए तो उनको आदिम जाति छात्रावासो से हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।साथ ही जो आदिम जाति विभाग के विभागीय  छात्रावास अधीक्षक है जो लंबे समय से पदस्थ है वो स्थानांतरण नीति के तहत हटेंगे।

इनका कहना है – प्रणय पांडेय विधायक

शासन की नियमावली अनुसार तीन वर्ष से अधिक समय से एक ही स्थान पर पदस्थ अधीक्षकों को हटाने को लेकर हाल ही मे विधानसभा मे प्रश्न उठाया गया था!
जुलाई -अगस्त माह मे तबादला की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसमें ऐसे सभी छात्रावास अधीक्षकों को हटाया जायेगा!

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