जबलपुर में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर मनाया गया राज्यस्तरीय ‘जनजातीय गौरव दिवस’ समारोह

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जबलपुर,जबलपुर में आयोजित राज्यस्तरीय जनजातीय गौरव दिवस समारोह के दौरान प्रधानमंत्री  मोदी के वर्चुअल संबोधन का सभी ने श्रवण किया तथा उनके आह्वान पर देश के सभी जनजातीय वीरों और जननायकों को नमन किया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि स्वाधीनता संग्राम में देश के विभिन्न अचंलों में जनजातीय वीरों और जननायकों ने आजादी के लिए अपना लहू बहाया। इन वीरों ने अपना त्याग किया, पर अंग्रेजों को चैन से बैठने नहीं दिया। स्वाधीनता संग्राम के उस प्रारंभिक काल में जनजातीय जननायकों ने जो योगदान दिया, उसे हम भुला नहीं सकते, पर इतिहासकारों और तत्कालीन सरकारों ने इनके योगदान को सिरे से नकार दिया। देश के स्वाधीनता संग्राम में जनजातियों का योगदान अतुलनीय है, अभूतपूर्व है। इसीलिए हमने यह बीड़ा उठाया है कि जनजातीय वीरों और जननायकों के बारे में आज की नई पीढ़ी को भी अवगत कराया जाए। हर साल 15 नवम्बर को धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा जी का जन्मदिन होता है। इस विशेष दिन को राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने के पीछे हमारी यही मंशा है कि जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया, हम सब उनके बारे में जानें, समझें, विचार करें और इन शूरवीरों के योगदान को श्रद्धानवत् होकर नमन् करें। प्रधानमंत्री  मोदी शनिवार को गुजरात के नर्मदा जिले से राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस समारोह का देशव्यापी सीधा प्रसारण किया गया। मध्यप्रदेश के जबलपुर में आयोजित राज्यस्तरीय जनजातीय गौरव दिवस समारोह के दौरान प्रधानमंत्री  मोदी के इस वर्चुअल संबोधन का सभी ने श्रवण किया तथा उनके आह्वान पर देश के सभी जनजातीय वीरों और जननायकों को नमन किया।राज्यस्तरीय कार्यक्रम में राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल और केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्यमंत्री  दुर्गादास उईके विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम में राज्यपाल श्री पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा विशिष्ट उपलब्धियां प्राप्त करने वाले जनजातीय समुदाय के युवाओं, चित्रकारों और सिकल सेल एनीमिया पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले डॉक्टर्स को भी सम्मानित किया गया।

क्रिकेटर  क्रांति गौड़ को 1 करोड़ का चेक और प्रशस्ति-पत्र

इस अवसर पर हाल ही में सम्पन्न आईसीसी महिला क्रिकेट विश्वकप में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए छतरपुर जिले की महिला क्रिकेटर  क्रांति गौड़ को 1 करोड़ का चेक और प्रशस्ति-पत्र दिया गया। अतिथियों द्वारा पद्मश्री  अर्जुन सिंह धुर्वे, फुलझारिया बाई,  उजियारो बाई, विक्रम अवॉर्डी  रागिनी मार्को,  सृष्टि सिंह तथा राज्‍य शासन के सहयोग से विदेश में अध्‍ययन करने वाले विद्यार्थी आशाराम पालवी एवं रवि मेड़ा को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रतियोगी परीक्षा पास करने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति समूह (पीवीटीजी) के चयनित 6 अभ्यर्थियों को नियुक्ति-पत्र दिया गया। कक्षा 12वीं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए जनजातीय वर्ग के दो मेधावी विद्यार्थियों को महाराजा शंकर शाह और रानी दुर्गावती मेधावी पुरस्कार प्रदान किए गए। अतिथियों द्वारा जनजातीय कार्य विभाग की योजनाओं की एक ही स्थान पर एकीकृत जानकारी के लिए तैयार शालिनी एप का लोकार्पण किया गया। अतिथियों द्वारा शासन की वि‍भिन्न योजनाओं के तहत चयनित जनजातीय वर्ग हितग्राहियों को हितलाभ वितरण भी इस अवसर पर किया गया।

पीएम ने वर्चुअल संबोधन में कहा कि हमारी नीति और नीयत बिल्कुल साफ

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वर्चुअल संबोधन में कहा कि हमारी नीति और नीयत बिल्कुल साफ है- वंचितों को वरीयता देना। हम इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। देश की सभी जनजातीय वर्गों और समुदायों का समग्र कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री ने विपक्षी सरकारों पर जनजातीय वर्ग के हितों की उपेक्षा करने का जिक्र करते हुए कहा कि जनजातीय वर्ग 6 दशकों तक उपेक्षित रहे। स्व.अटल जी की सरकार में पहली बार जनजातीय कार्य मंत्रालय का गठन किया गया। हमने इस मंत्रालय का बजट कई गुना बढ़ा दिया है। आज हम जनजातीय वर्ग की शिक्षा-दिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और जनजातीय बहुल क्षेत्रों में कनेक्टिविटी सहित हर दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जनजातीय वर्ग इस देश के मूल निवासी हैं। ये प्रकृतिपूजक जनजातीय बंधु हमारे राष्ट्र की आत्मा हैं। इनके पास ज्ञान का अपार भण्डार है। इनकी पूरी जीवनशैली में विज्ञान है। इनकी संस्कृति और परम्पराओं में दर्शन है और इनके सम्पूर्ण व्यक्तित्व में प्रकृति और पर्यावरण की बेहतर समझ है। इनसे हमें प्रकृति और वन्य प्राणियों के साथ सामंजस्य और साहचर्य जीवन की सीख मिलती है। प्रधानमंत्री  मोदी ने कहा कि धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर आज देशभर में आयोजन हो रहे हैं। सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती से हमारी एकता और विविधता को मनाने के लिए भारत पर्व शुरू हुआ था। आज भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती पर यह भारत पर्व पूर्णता प्राप्त कर रहा है। उन्होने कहा कि आज काशी विश्वनाथ, महाकाल की चर्चा होती है। पिछले एक साल में देश में कई धामों का विकास हुआ है। कितने ही जनजातीय नायक-नायिकाओं ने आजादी की मशाल को आगे बढ़ा। मध्यप्रदेश के टंट्या भील जैसे अनेक नायकों ने आजादी के लिए अपार त्याग किया।अंग्रेजों को चैन से नहीं बैठने दिया। क्रांतिकारियों ने आजादी के लिए अपना लहु बहाया। गुजरात के गोविंद गुरु चैत ने भगत आंदोलन का नेतृत्व किया। सांबरकाठा के पास चिथरिया में जलियांवाला बाग जैसी घटना हुई थी। स्वंतत्रता आंदोलन में जनजातीय समाज के योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। लेकिन कुछ ही परिवारों को आजादी का श्रेय देने के लिए जनजातीय नायकों के त्याग और बलिदान को नकार दिया गया था। हमने जनजातीय गौरव दिवस के माध्यम से भावी पीढ़ियों को जनजातीय गौरव से परिचित कराया है। प्रधानमंत्री  मोदी ने कहा कि गुजरात सहित देशभर में बड़े पैमाने पर ट्राइबल म्यूजियम बनाए जा रहे हैं। रांची की जेल को भव्य स्मारक के रूप में विकसित किया गया है। यहां कभी बिरसा मुंडा कैद रहे थे। जनजातियों द्वारा बोली जाने वाली सभी बोलियों पर अध्ययन होगा। उनकी जीवनशैलियों से सीखा जाएगा। इसमें विज्ञान छिपा है। उन्होंने कहा कि यह दिवस हमें करोड़ों जनजातियों के साथ हुए अन्याय को याद करने का अवसर देता था। कांग्रेस ने आदिवासियों को उनके हाल पर छोड़ दिया था। कांग्रेस की सरकारें हाथ पर हाथ धरकर बैठी रहीं। लेकिन आदिवासी कल्याण भाजपा की प्राथमिकता रही है। हम जनजातीय वर्ग को विकास की धारा से जोड़ेंगे और उन्हें मुख्य धारा में लाएंगे। 6 दशकों तक कांग्रेस की सरकारें रहीं, लेकिन जब अटलजी की सरकार बनी तब देश में पहली बार जनजातीय कल्याण मंत्रालय बना था। लेकिन जब कांग्रेस सरकार लौटी तो उन्होंने इस मंत्रालय पर ध्यान नहीं दिया। आदिवासियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, कनेक्टिविटी हर क्षेत्र में आगे बढ़ाया जा रहा है।प्रधानमंत्री  मोदी ने कहा कि गुजरात में भी कई ऐसे इलाके थे, जहां जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को अभाव था। हमने उन परिस्थियों को बदलने का काम किया। पिछले 2 दशकों में जनजातीय इलाकों में 10 हजार से अधिक स्कूल और 2 दर्जन से अधिक साइंस, आर्ट और कॉमर्स कॉलेज बने हैं। गुजरात में दो ट्राइबल यूनिवर्सिटी बनवाई। जनजातीय वर्ग के बच्चे आज डॉक्टर, इंजीनियर और सरकारी नौकरियां कर रहे हैं। देशभर के एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के निर्माण एवं अधोसंरचना विकास पर 18 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए गए हैं। इन स्कूलों में प्रवेश में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दुनिया में देश की शान बढ़ाने में जनजातीय युवाओं का बड़ा योगदान है। अभी भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रचा है। इस टीम में भी मध्यप्रदेश की एक जनजातीय बेटी ने अपना योगदान दिया है।प्रधानमंत्री  मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार की कई योजनाओं को आदिवासी इलाकों में जाकर लॉन्च किया जा रहा है। आयुष्मान कार्ड योजना को झारखंड और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की शुरुआत छत्तीसगढ़ से की गई थी। झारखंड के खूंटी गांव से हमने पीएम जन-मन योजना शुरू की थी। उन्होंने कहा कि वे देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जो भगवान बिरसा मुंडा के गांव गये। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत गांवों में स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, स्वच्छ पेयजल पर पंचायतों में योजनाएं तैयार की जा रही हैं। हमारी सरकार मोटे अनाज (श्रीअन्न) के उत्पादन को बढ़ावा दे रही है, जिसका सीधा लाभ करोड़ों जनजातीय भाई-बहनों को मिल रहा है।प्रधानमंत्री  मोदी ने कहा कि जनजातीय समुदायों में सिकल सेल एनीमिया बहुत बड़ा खतरा रही है। अब तक देश में 6 करोड़ लोगों की सिकल सेल स्क्रीनिंग हो चुकी है। जनजातीय वर्ग के बच्चों की पढ़ाई में भाषा की बाधाएं भी पूरी तरह से समाप्त की जा रही हैं। जनजातीय समाज में कला और चित्रकारी बेहद प्रचलित है। इस समुदाय के गुजरात के चित्रकार श्री परेशभाई राठवा को पद्म पुरस्कार मिल चुका है।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज देश की राष्ट्रपति जनजातीय समुदाय से ही आती हैं। छत्तीसगढ़, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड में जनजातीय वर्ग के मुख्यमंत्री हैं। मध्यप्रदेश में जनजातीय समुदाय से आने वाले श्री मंगुभाई पटेल राज्यपाल के पद पर आसीन हैं। हमारा लक्ष्य है विकास में न कोई पीछे रहे, न कोई छूटने पाये। यही धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के श्रीचरणों में हमारी सच्ची श्रद्धांजलि है। प्रधानमंत्री ने कहा देशभर में जनजातीय गौरव दिवस को संपूर्ण गौरव और भव्यता के साथ मनाया जा रहा है और आगे भी यह आयोजन होते रहेंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रगीत वंदे मातरम् को भी 150 साल पूरे हो गए हैं। वंदे मातरम् आज भारत की एकता और अखण्डता का प्रेरणास्त्रोत गीत बन गया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सभी को जनजातीय गौरव दिवस की शुभकामनाएं देते हुए भगवान बिरसा मुंडा जय का उद्घोष कराया।

भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है

जबलपुर में हुए राज्यस्तरीय जनजातीय गौरव दिवस समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में देशभर में बीते पांच सालों से भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी शासन के कानूनों, कर-वसूली और जंगल पर कब्ज़े के खिलाफ जनजातीय समाज ने अपने तरीके से स्वराज का ध्वज उठाया और मध्यप्रदेश लंबे समय तक अंग्रेजों के लिए सबसे कठिन क्षेत्र बन गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वाधीनता का दीया सबसे पहले मध्यप्रदेश की पावन धरती में ही जला था और यह दीया जलाने का जिम्मा भी हमारे जनजातीय वीरों ही उठाया था। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में नमक सत्याग्रह ने ही जंगल सत्याग्रह की नींव रखी। सिवनी के जंगलों में हुआ ‘टुरिया सत्याग्रह’ जनजातीय वीरों और वीरांगनाओं के शौर्य और साहस का जीवंत प्रमाण है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में प्रदेश के बड़वानी, आलीराजपुर और जबलपुर में जनजातीय वर्ग के लिए विशेष आयोजन हुए। इनमें केंद्र और प्रदेश के कई मंत्री शामिल हुए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सभी देशवासियों को वर्चुअली संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में सबसे अधिक जनजातीय आबादी मध्य प्रदेश में है। रानी दुर्गावती ने 500 साल पहले अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई लड़ी। इसके साथ ही हमारे कई जनजातीय नायकों- टंट्या मामा, खाज्या नायक, भीमा नायक, शंकर शाह, रधुनाथ शाह, छितू किराड़ ने अपनी जल, जंगल और जमीन के लिए अंग्रेजों से संघर्ष किया। भगवान बिरसा मुंडा ने अपनी संस्कृति और गौमाता की रक्षा करते हुए आजादी की लड़ाई लड़ी। मात्र 25 साल की छोटी सी उम्र में भारत माता की आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जबलपुर की धरती पर गोंडवाना के शहीद शंकर शाह और रघुनाथ शाह ने देशभक्ति की सबसे बड़ी मिसाल पेश की। निमाड़ की पावन धरती पर भील योद्धा भीमा नायक ने अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए। खंडवा-बुरहानपुर के टांट्या भील ने अंग्रेजी राज की कमर तोड़ दी। झाबुआ-आलीराजपुर में खाज्या नायक ने क्रांतिवीरों को संगठित कर अंग्रेजों को खुली चुनौती दी। भोपाल की रानी कमलापति ने विदेशी ताकतों के आगे झुकने के बजाय स्वाभिमान का रास्ता चुना। मंडला-जबलपुर की अमर नायिका महारानी दुर्गावती विदेशी शासन के विरुद्ध जनजातीय प्रतिरोध की सबसे बड़ी प्रेरणा बनी। महारानी दुर्गावती ने अपने जीवन में अकबर और शेरशाह सूरी से कुल 52 युद्ध लड़े और इनमें से 51 युद्ध जीते।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि महाकौशल की धरती को एक से बढ़कर एक जनजातीय नायकों की जन्मभूमि और कर्मभूमि होने का गौरव प्राप्त है। महाकौशल की माटी गोंड शासकों के अदम्य शौर्य, साहस और सुशासन की साक्षी है। गोंडवाना के प्रतापी महाराजा शंकरशाह और उनके वीर पुत्र कुंवर रघुनाथ शाह ने 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में क्रांति  की ज्वाला प्रज्ज्वलित की। राष्ट्रभक्ति भावपूर्ण कविता लिखने पर इन दोनों को तोप से उड़ा दिया गया था। उन्होंने कहा कि वर्ष 1923 में जब देश में राष्ट्रव्यापी  स्वाधीनता आंदोलन चरम पर था, तब छिंदवाड़ा के जनजातीय नायक बादल भोई अपने साथियों के साथ स्वाधीनता संग्राम में शामिल हो गए। उनके नेतृत्व में हजारों जनजाति वीरों ने मोर्चा थाम लिया और स्वाधीनता संघर्ष करते हुए अमर बलिदान दिया।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज प्रदेशभर के जनजातीय भाई-बहनों के सर्वांगीण विकास और कल्याण के लिए कुल 662 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाले 133 विकास कार्यों की सौगात दी गई है। इसमें 564 करोड़ रुपए से अधिक लागत के 106 विकास कार्यों का लोकार्पण और 98 करोड़ से अधिक लागत के 27 विकास कार्यों का भूमिपूजन शामिल है। इसके साथ ही हमने शालिनी ऐप का भी लोकार्पण भी किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल विज्ञान पुरस्कार योजना के हितग्राही छात्रों को भी सम्मानित किया गया है। जनजातीय वर्ग के हित में महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत संचालित सभी कन्या छात्रावास और आश्रमों का नाम अब वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर रखा जाएगा। इसी प्रकार बालक छात्रावासों को भी अब महाराजा शंकर शाह के नाम पर संचालित किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनजातीय छात्रावासों के बेहतर संचालन के लिए छात्रावास अधीक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती की आवश्यकता बताते हुए अगले वर्ष से प्रदेश के 5000 छात्रावासों के अधीक्षकों की भर्ती करने की घोषणा की।जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा कि प्रदेश के जनजातीय बंधु बोलते थे कि शासन की सभी योजनाओं हमारे हाथों में कैसे आएं। इसके लिए जनजातीय कार्य विभाग ने ऐप तैयार किया है। आज राज्यपाल और मुख्यमंत्री की उपस्थिति में शालिनी ऐप का लोकार्पण कर दिया गया है। लोक निर्माण मंत्री  राकेश सिंह ने कहा कि पूरा देश आज जनजातीय गौरव दिवस मना रहा है।उन्होंने प्रदेश भर में इस समारोह में आए सभी जनजातीय बंधुओं का आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम के आरंभ में राज्यपाल  मंगु भाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. यादव का जनजातीय समुदाय की पारम्परिक वेशभूषा और मोर मुकुट पहनाकर आत्मीय स्वागत किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगीत वंदे मातरम् गायन एवं समापन राष्ट्रगान जन-गण-मन गायन से हुआ।

साल, तेंदू और साजा वृक्ष की पूजा

कार्यक्रम का परम्‍परागत जनजातीय विधि से साल, तेंदू और साजा वृक्ष की पूजा तथा दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ हुआ। आयोजन के दौरान आदिवासी धर्मगुरुओं को बिरन माला पहनाकर सम्मानित किया गया, वहीं धर्मगुरुओं ने भी राज्‍यपाल एवं मुख्‍यमंत्री का आत्मीय स्वागत कर वातावरण को और अधिक गरिमामय बना दिया। इसके साथ ही विभिन्‍न क्षेत्रों में विशेष उपलब्धियां हासिल करने वाली जनजातीय वर्ग की प्रतिभाओं का सम्‍मान भी किया गया।राज्‍यपाल एवं मुख्‍यमंत्री ने उपस्थित जनसमुदाय पर पुष्प वर्षा कर सौहार्द्र और सम्मान का अनूठा संदेश दिया। जनजातीय कला की समृद्ध परंपरा को नमन करते हुए अतिथियों को गोंडी पेंटिंग भेंट की गई। कार्यक्रम में जनजातीय मामलों के केन्‍द्रीय राज्‍य मंत्री  दुर्गादास उइके, उप मुख्‍यमंत्री  जगदीश देवड़ा, लोक निर्माण मंत्री  राकेश सिंह, जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, राज्‍यसभा सदस्‍य  सुमित्रा बाल्मिकी, सांसद  आशीष दुबे, महापौर  जगत बहादुर सिंह अन्‍नू, विधायक  अजय विश्‍नोई,  अशोक रोहाणी,  सुशील तिवारी इंदु, डॉ. अभिलाष पांडे,  नीरज सिंह एवं  संतोष बरकड़े, भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष  हेमंत खंडेलवाल, प्रदेश भाजपा के कोषाध्‍यक्ष  अखिलेश जैन, भाजपा के नगर अध्‍यक्ष  रत्‍नेश सोनकर, भाजपा के जिला ग्रामीण अध्‍यक्ष  राजकुमार पटेल, नगर निगम अध्‍यक्ष  रिकुंज विज व  सोनू बचवानी भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री डॉ यादव ने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण

जनजातीय गौरव दिवस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में शामिल होने जबलपुर पहुँचे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आधारताल तिराहा स्थित भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री डॉ यादव भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती पर गैरिसन ग्राउंड सदर में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में शामिल होने के बाद आधारताल तिराहा पहुँचे थे। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने माल्यार्पण करने के बाद भगवान बिरसा मुंडा अमर रहे के नारे भी लगाये।

 

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