7 वर्षो बाद तालो से मुक्त हुई मृदा परीक्षण प्रयोगशाला, किसानों को अब विकासखंड मुख्यालय मे ही मिलेगी मिट्टी परीक्षण की सुविधा

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद – बहोरीबंद विकाडखंड के 35 हजार से अधिक किसानों को अब मिट्टी परीक्षण के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा!विकासखंड मुख्यालय मै किसानों के खेतों के मिट्टी नमूने की जाँच हो जाएगी!क्योंकि विगत 7 वर्षो से बहोरीबंद विकासखंड मुख्यालय मै जो मृदा परीक्षण प्रयोगशाला जो तालो मै कैद थी, वह अब तालो से मुक्त हो गईं हैं!कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के द्वारा मृदा परीक्षण प्रयोगशाला के संचालन हेतु तकनीकी स्टॉफ की नियुक्ति कर दी गईं हैं जिसके बाद मृदा परीक्षण प्रयोगशाला शाला तालो से मुक्त हो गईं!गौरतलब हैं कि खेती को लाभ का धंधा बनाकर किसानों को आत्मनिर्भर बनाये जाए इसके लिए जिस उद्देश्य के साथ बहोरीबंद विकासखण्ड मुख्यालय मैं वर्ष 2017-18 मृदा परीक्षण प्रयोगशाला भवन बनाया गया था तकनीकी स्टॉफ की पदस्थापना न होने से महज दिखावा बनकर रह गया था।7 वर्षो के बाद भी उक्त मृदा परीक्षण प्रयोगशाला भवन तालों मैं कैद था। जिसके कारण क्षेत्र के किसानों को सरकार के द्वारा व्यय की गई लाखों रुपए की राशि का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

25 लाख रूपये की लागत से हुई थी निर्मित

बहोरीबंद विकासखंड मुख्यालय मै 25 लाख रुपये की लागत राशि से मृदा परीक्षण प्रयोगशाला निर्मित हुई थी!
लेकिन शासन स्तर से तकनीकी स्टाफ की पदस्थापना नही किये जाने के कारण मिट्टी के सैंपल नही लिए जा पाए।जिस कारणमिट्टी के सैम्पल जांच के लिए जिला मुख्यालय भेजे जाते थे।जिस कारण परीक्षण मै समय लगता था!
विकासखंड के किसानों ने अनेकों बार मांग कि मृदा परीक्षण प्रयोगशाला अति शीघ्र प्रारंभ किया जाए ताकि बहोरीबंद में ही खेतों की मिट्टी के सैंपल की जांच का लाभ किसानों को मिल सके। तथा मिट्टी की उर्वरता के संबंध में सलाह भी प्राप्त हो सके!क्योंकि जांच से यह पता लगाया जा सके कि किस खेत की मिट्टी में कौन से पोषक तत्व की कमी है। एवं संबंधित किसान को सलाह दी जा सके कि उसे अपने खेत में अच्छी उपज के लिए किस पोषक तत्व से युक्त हैं!

एसडीएम ने किया निरीक्षण

मृदा परीक्षण प्रयोगशाला शुरू होने ke बाद शनिवार को बहोरीबंद एसडीएम राकेश चौरसिया ने एसएडीओ आर के चतुर्वेदी के साथ मृदा परीक्षण प्रयोगशाला पहुंचकर तकनीकी स्टॉफ से मृदा परीक्षण को लेकर जरूरी जानकारी ली ओर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए!एसडीएम ने उपकरणो का भी अवलोकन किया साथ ही तकनीकी स्टॉफ को निर्देशित किया कि मृदा परीक्षण कराने आने वाले किसानों को परेशानी न उठानी पड़े समयावधि मै किसानों के मिट्टी परीक्षण का कार्य हो जाये!वहीं कृषि विभाग के एसएडीओ आर के चतुर्वेदी ने कहा कि विकासखण्ड मुख्यालय मैं बने मृदा परीक्षण प्रयोशाला भवन मै तकनीकी स्टॉफ नहीं था जिस कारण मिट्टी परीक्षण नहीं हो पा रहा था!तकनीकी स्टॉफ की पदस्थापना हो इसके लिए अनेकों बार विभागीय अधिकारियो को पत्राचार कर मांग की गईं!फ्लस्वरूप अब तकनीकी स्टॉफ की पदस्थापना हो गईं है!जिस कारण किसानों को अब मिट्टी परीक्षण का लाभ मिलेगा ओर उन्हें परेशान नहीं होना पड़ेगा!

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