आदर्श गुरुभक्त साध्वी रेखा बहन थी लाखों लोगों की मार्गदर्शक, मदान

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राजेश मदान बैतूल।श्री योग वेदांत सेवा समिति बैतूल के साधकों द्वारा संत श्री आशारामजी बापू की शिष्या साध्वी रेखा बहन ( उल्लास नगर ) के स्वधाम गमन पर उन्हे मोक्ष प्राप्ति के लिए श्री मदभगवद गीता के 7 वें अध्याय का पाठ कर दो मिनट का मौन रखा गया और भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर समिति के संरक्षक राजेश मदान ने बताया कि हमारे सदगुरुदेव के आश्रम में समर्पित 49 वर्षीय साध्वी रेखा बहन का बुधवार को हरिद्वार में परलोक गमन हो गया। वें एक आदर्श गुरुभक्त और लाखों लोगों की मार्गदर्शक थी। जब वें 8 वर्ष की थी तब से ही उनको हृदय रोग हुआ था तब उनके पिता ने ऑपरेशन करवा दिया । डॉक्टरों ने कहा ये लगभग 15 वर्ष और जीवित रह सकती हैं। उनके पिता पूज्य बापूजी के भक्त थे।उन्होंने रेखा बहन को आश्रम में आजीवन समर्पित करवा दिया। जहां उन्होंने बापूजी से सारस्वत मंत्र की दीक्षा लेकर उसके कई अनुष्ठान किए। आश्रम में पूज्य बापूजी के आशिर्वाद से रेखा बहन ने योग , ध्यान , प्रणायाम और सात्विक आहार लेते हुए श्रद्धा भक्ति भाव से आश्रम की सेवा और साधना में मन लगाया। वो विश्व की प्रसिद्ध वक्ता बनीं। देश भर में जगह-जगह उनके सत्संग कार्यक्रम सम्पन्न होते रहे । बैतूल में भी उनका ऐतिहासिक सत्संग सम्पन्न हुआ जिसमें हजारों लोगों ने उपस्तिथि दर्ज की थी ।पूज्य संत श्री आशारामजी बापू पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध वो अंतिम सांस तक लड़ती रहीं , आजीवन देशभर में सनातन संस्कृति और गुरुज्ञान के साथ बापूजी की निर्दोषता का प्रचार-प्रसार करते रहीं। 15 मई की संध्या वेला में हरिद्वार में उनका शरीर शांत हो गया। गुरुवार सायं 4 बजे हरिद्वार में उनकी अंतिम यात्रा निकालकर मोक्षधाम में शंख ध्वनि के साथ दाह संस्कार किया गया।बैतूल समिति के साधकों ने उनके मोक्ष के लिए श्रीमद भगवदगीता के 7 वें अध्याय का पाठ कर उसका पुण्यफल उन्हे अर्पित कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। इस दैवीय कार्य में समिति के संरक्षक राजेश मदान, मोहन मदान, श्रीमती गीता मदान, श्रीमती अनुसूया मदान, श्रीमती धनश्री धीरज मदान, भव्या मदान, श्रीमती रूपा विश्वकर्मा, यशविनी विश्वकर्मा, हिताक्षी विश्वकर्मा, प्रवीण माने, अजय देवकते, अनूप मालवीय, किशोरी झरबड़े, पंकज चावरा, अलकेश सूर्यवंशी आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे ।

 


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