सिहोरा जिला आंदोलन:वादाखिलाफी को बताया खुला विश्वासघात,पुतला दहन और सड़क जाम आंदोलन की घोषणा

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जबलपुर/सिहोरा : चुनाव से पहले बड़े-बड़े वादों की झड़ी लगाकर सिहोरा वासियों से वोट लेना और सत्ता में आते ही उन्हीं वादों को रौंद देना, यह सिर्फ राजनीतिक छल नहीं बल्कि पूरे सिहोरा समाज के आत्मसम्मान पर सीधा प्रहार है। आमरण सत्याग्रह जैसे पवित्र और संवेदनशील आंदोलन को झूठे आश्वासन देकर तुड़वाना और फिर मुकर जाना, सरकार की संवेदनहीनता और दोगले चरित्र को उजागर करता है। इसे सिहोरा वासियों का घोर अपमान बताते हुए लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने अब निर्णायक संघर्ष का ऐलान कर दिया है।समिति ने ऐलान किया कि आक्रोशित जन समुदाय द्वारा मुख्यमंत्री के 101 पुतलो का दहन और सड़क जाम किया जाएगा।विदित हो कि 23 दिसंबर को मुख्यमंत्री से वार्ता के आश्वासन के बाद वार्ता नही होने से जनाक्रोश चरम पर पहुंच गया है।समिति ने दो टूक शब्दों में कहा कि मुख्यमंत्री और मध्यप्रदेश सरकार ने सिहोरा की जनता के साथ बार-बार विश्वासघात किया है।जनभावनाओं से खिलवाड़, आंदोलनों का मज़ाक और झूठे आश्वासनों की राजनीति अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार ने यदि यह समझ लिया है कि समय बीतते ही सिहोरा की आवाज़ दब जाएगी, तो यह उसकी सबसे बड़ी भूल है।

101 पुतले जलाएंगे,सड़क जाम करेंगे –

इसी आक्रोश के तहत समिति ने घोषणा की है कि 25 दिसंबर को पूरे सिहोरा नगर सहित प्रत्येक ग्राम पंचायत में मुख्यमंत्री के कुल 101 पुतले जलाए जाएंगे। वहीं 27 दिसंबर को सड़क जाम कर जिला मुद्दे पर की गई वादाखिलाफी के खिलाफ उग्र विरोध दर्ज कराया जाएगा।

घर घर पुतला दहन का आह्वान –

लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने सिहोरा वासियों से आह्वान किया है कि यह लड़ाई किसी एक संगठन या व्यक्ति की नहीं, बल्कि सिहोरा के हर नागरिक के स्वाभिमान की लड़ाई है। इसलिए प्रत्येक नागरिक अपने-अपने घर के बाहर मुख्यमंत्री और मध्यप्रदेश सरकार का सांकेतिक पुतला दहन कर इस अपमान का करारा जवाब दे।

उग्र आंदोलन की चेतावनी –

समिति ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि अब भी सरकार नहीं चेती और जिला सिहोरा की मांग पर ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो आंदोलन और भी उग्र होगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। सिहोरा अब चुप नहीं बैठेगा, यह संघर्ष आर-पार का है।

अन्न सत्याग्रही का स्वास्थ्य गिरा –

वहीं विगत 6 दिसंबर से लगातार सत्याग्रह कर रहे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पूर्व प्रचारक प्रमोद साहू को सत्याग्रह करते लगातार 17 दिन गुजर गए,उन्होंने 17 दिनों से अन्न का एक भी दाना ग्रहण नहीं किया है जिसके चलते उनके स्वास्थ्य में चिंताजनक गिरावट भी आई है।

 

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