सिहोरा जिला आंदोलन:अन्न सत्याग्रही प्रमोद साहू का वजन 5.75 किलो घटा,हालत नाजुक,संपूर्ण बंद का ऐलान

जबलपुर:सिहोरा जिला आंदोलन की गूंज शहर से होते हुए गांव तक पहुँच चुकी है,आम जनता के मन मे यही सवाल है की क्या सिहोरा जिला बनेगा ? तो वहीं सिहोरा को जिला बनाए जाने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन ने अब बेहद गंभीर और संवेदनशील मोड़ ले लिया है। अन्न त्याग कर अन्न सत्याग्रह कर रहे पूर्व प्रचारक प्रमोद साहू का वजन दूसरे ही दिन 5.75 किलोग्राम तक घट गया, जिससे उनका शरीर पूरी तरह निढाल हो गया है। उनकी बिगड़ती हालत ने पूरे सिहोरा क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है।धरना स्थल पर मौजूद लोगों के अनुसार प्रमोद साहू की कमजोरी साफ तौर पर दिखाई दे रही है, इसके बावजूद उनका संकल्प अडिग है। उनका कहना है कि जब तक सिहोरा को जिला बनाने पर ठोस निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक यह त्याग जारी रहेगा।

सरकार की संवेदनहीनता पर फूटा जनता का गुस्सा
प्रमोद साहू की हालत बिगड़ने की खबर फैलते ही पूरे सिहोरा में आमजन की चिंता के साथ-साथ सरकार के प्रति नाराजगी चरम पर पहुंच गई है। लोगों का कहना है कि यह केवल एक व्यक्ति का स्वास्थ्य नहीं, बल्कि जनता की भावनाओं और अधिकारों की अनदेखी का परिणाम है।इधर, पुराने बस स्टैंड पर छठवें दिन भी क्रमिक अनशन जारी रहा।सिहोरा के वार्ड नंबर पांच के पार्षद अरशद खान के नेतृत्व में वार्ड के सैकड़ों लोग धरना में बैठे ।साथ ही गहोई समाज के लोगो ने भी क्रमिक भूख हड़ताल में अपनी शिरकत की।विभिन्न समाजों की भागीदारी से आंदोलन और अधिक मजबूत हो गया है।
अन्न के बाद अब जल त्याग,आंदोलन और उग्र
पहले ही अन्न त्याग कर चुके प्रमोद साहू ने घोषणा की है कि आज से वे जल का भी त्याग करेंगे। इस ऐलान ने प्रशासन और शासन पर दबाव कई गुना बढ़ा दिया है।
9 दिसंबर से सिहोरा–खितौला बंद
व्यापारियों ने आंदोलन के समर्थन में 9 दिसंबर से संपूर्ण सिहोरा और खितौला बंद रखने का निर्णय लिया है। बाजार बंद के फैसले को जनता का खुला समर्थन मिल रहा है।
विधायक–सांसद की चुप्पी से गुस्सा
इस पूरे घटनाक्रम के बावजूद अब तक विधायक और सांसद द्वारा किसी प्रकार की सुध नहीं लेने से जनता में भारी रोष है। लोग सवाल पूछ रहे हैं—जब जनप्रतिनिधि ही चुप हैं तो जनता किसके भरोसे?
11 बजे सिहोरा पहुंचे जनसैलाब
आंदोलन समिति ने बहोरीबंद, मझौली, ढीमरखेड़ा और संपूर्ण सिहोरा के लोगों से दोपहर 11 बजे सिहोरा बस स्टैंड पहुंचने का आह्वान किया है। आयोजकों का दावा है कि आज का दिन सिहोरा आंदोलन के इतिहास में निर्णायक साबित होगा।
बस स्टेंड में आमरण होगा
वहीँ आंदोलनकारियों का कहना है की 9 दिसंबर के प्रदर्शन के बाद भी सरकार सिहोरा जिला को लेकर कोई निर्णय नहीं लेती तो तीन बजे से बस स्टेंड सिहोरा में भी आमरण अनशन की शुरुआत सिहोरा वासियों द्वारा की जावेगी।सिहोरा का माहौल उबल रहा है। यह आंदोलन अब मांग नहीं,
चिंता, चेतावनी और जनता के आक्रोश की पुकार बन चुका है।
ये बैठे क्रमिक अनशन में
अरशद खान,महेंद्र वंशकार, लालू यादव, रईस खान,हरी प्रसाद गुप्ता, सतीश गिरी महाराज, सत्येंद्र पांडे, शेख इजराइल, गिरधर सरावगी, राकेश गुप्ता,फैसल शाह, जाकिर अली, साजिद मकरानी,अफजल बैग, शेख इसदाद, मोंटी मंसूरी,साजिद खान,जावेद खान, साजिद अंसारी, वसीद अली, प्रशांत मिश्रा,अनिल कन कने, अनिल जैन, शकील अजहर अली,सुमन पटेल,रूपाली सराफ,संगीता विश्वकर्मा,पार्वती पटेल,अंजना साहू,आरती रजक,शिवांगी साहू,राधा साहू।
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