अयोध्या मे रामलला मंदिर गर्भ ग्रह मे स्थापित होगा 150 किलो वजन का स्वर्ण जणित श्रीराम महायंत्र

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद : श्री कंचि कामकोटि पीटम कांचीपुरम हिन्दू मठ से अयोध्या के लिए श्रीराम यात्रा निकली है जो अयोध्या मे 150 किलो वजन का स्वर्ण जणित श्रीराम यंत्र रामलला मंदिर के गर्भ ग्रह मे स्थापित किया जाना है!
काँचीपुरम से  निकली श्रीराम यात्रा गुरुवार को स्लीमनाबाद पहुंची!जहाँ श्रीराम यात्रा की भव्य अगवानी ढ़ोल -नगाड़ो व आतिशबाजी कर की गईं!इस दौरान जय जय श्रीराम के नारों से स्लीमनाबाद नगर गुंजायमान हो गया है!सिद्ध पीठ दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर मे यात्रा की भव्य अगवानी की गईं!
जनप्रतिनिधियों सहित प्रशासनिक अधिकारी -कर्मचारियों व ग्रामीणों ने भगवान श्रीराम व श्रीराम यंत्र की पूजा अर्चना की गईं!इस दौरान संत ब्रह्मानंद दास महाराज,एसडीएम राकेश चौरसिया, तहसीलदार सारिका रावत, नायब तहसीलदार राजकुमार नामदेव, थाना प्रभारी अखिलेश दाहिया, रतन गुप्ता, गणेश तिवारी, चंद्रशेखर अग्रहरी, जगदेव पटेल, गुड्डन सिंह, भाजपा मंडल अध्यक्ष दीपू शुक्ला, राहुल सिंह ठाकुर,सुनील गुप्ता, नीरज गुप्ता सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी -कर्मचारी व ग्रामीणजन उपस्थित रहे!

1976 किलोमीटर की दूरी तय कर यात्रा पहुंचेगी अयोध्या –
यात्रा मे शामिल संतो ने बतलाया कि 21 जनवरी 2024 को अयोध्या मे भगवान श्रीरामलला विराजमान हुए थे!
श्री कंचि कामकोटि पीटम काँचीपुरम हिन्दू मठ है, जो तमिलनाडु राज्य मे स्थित है! कांचीपुरम जिला भी है!
कांची  का अर्थ ब्रह्मा, आंची का अर्थ पूजा और पुरम का अर्थ शहर होता है यानी ब्रह्मा को पूजने वाला पवित्र स्थान। शायद इसलिए यहाँ भगवान विष्णु के अनेक मंदिर स्थापित किए गये हैं, जिस कारण इसे यह नाम दिया गया है।उक्त स्थल की सप्तपुरियों मे गणना की जाती है!ऐसा माना जाता है कि इस क्षेत्र में प्राचीन काल में ब्रह्माजी ने देवी के दर्शन के लिये तप किया था और जो भी यहाँ जाता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। मोक्षदायिनी सप्त पुरियों- अयोध्या, मथुरा, द्वारका, हरिद्वार, काशी और अवन्तिका (उज्जैन) में कांची की गणना की जाती है।काँचीपुरम मठ के  शंकराचार्य विजयेंन्द्र सरस्वती है!कांचीपुरम हिन्दू मठ से अयोध्या मे 150 किलो वजन का स्वर्ण जणित श्रीराम यंत्र श्रीरामलला मंदिर के गर्भग्रह मे स्थापित किया जायेगा!जिसके लिए श्रीराम यात्रा निकली है जो कांचीपुरम से 1976 किलोमीटर की दूरी तय कर अयोध्या धाम पहुंचेगी!श्रीराम यात्रा को काँचीपुरम हिन्दू मठ शंकराचार्य विजयेंन्द्र सरस्वती ने प्रस्थान किया है!

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