सर्वर बना सरदर्द,दस मिनट के काम मे लग रहे दस घँटे

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(पवन यादव )

Server becomes headache:हिंदी का एक लोकप्रिय मुहावरा है “नौ दिन चले अढ़ाई कोस ” जिसका अर्थ होता है की जब व्यक्ति किसी कार्य को बहुत अधिक समय में करता है।कुछ ऐसे ही हाल इस समय सर्वर के हैं,जिसके चलते कई जरूरी कार्य समय पर नहीँ हो पा रहे हैं।

दस मिनट की जगह लग रहे 10 घँटे 

आपको बता दें कि ऑनलाइन बही खसरा नक्सा जैसे जरूरी दस्तावेज निकालने में दस मिनट से भी कम समय लगता था आज स्तिथि यह है कि 10 मिनट की जगह 10 घँटे और एक दिन से लेकर दो से तीन दिन तक लग रहे हैं जिसके चलते लोग परेसान है करेंगे भी तो क्या बिना ऑनलाइन के काम नहीं चलता,सर्वर डाउन की समस्या से सबसे ज्यादा किसान वर्ग  परेसान है ।अब सवाल उठना लाजमी हो जाता है की  ऐसे में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल युग के सपने का क्या होगा ?साथ ही डिजिटल युग का सपना कैसे साकार होगा ?

डिजिटल युग मे सर्वर का रोड़ा 

आज हर चीज डिजीटल हो गई है गरीबों के राशन कार्ड हो  या हवाई जिहाज की टिकट,किसानों को किसान सम्मान निधि के लिए आवेदन करना हो या खसरा नक्सा की नकल से लेकर  डिजीटल बही निकलवाना हो ये सब चीजें डिजिटल हो चुकी हैं ,हलाकि सरकार का ये काम काबिले तारीफ है, लेकिन विगत 2 माह से जिस तरह सर्वर डाउन की समस्या से जबलपुर जिला जूझ रहा है इस बात से न तो अधिकारी अंजान हैं न ही सरकार लेकिन इस सर्वर डाउन की समस्या का निदान फिलहाल न तो सरकार निकाल पाई है न ही सरकारी अधिकारी अब ऐसे में जिले की जनता सर्वर के सिरदर्द से जूझ रही है,

क्या- क्या हो रहा प्रभावित ?

वैसे तो इस डिजिटल युग मे आधार कार्ड से लेकर राशन पर्ची ,फसल का रजिस्ट्रेशन ,बही ,खसरा नक्सा की नकल सहित ,लगभग जितनी भी सरकारी स्कीमें है सब ऑनलाइन हो गई है, लेकिन विगत दो माह से सर्वर डाउन बहुत बड़ा सिरदर्द हो गया है।

काम चल रहा है सर 

एम. पी .ऑनलाइन दुकान चलाने वाले लोगो का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति उनके यहाँ खसरा ,नक्सा या बही सहित कोई भी सर्टिफाइड कॉपी ऑनलाइन निकलवाने आते हैं तो ज्यादातर  सिस्टम में तत्काल तो कॉपी देने के लिए 20 मिनट का समय का दर्शया जाता है ,लेकिन 20 घँटे से लेकर 24 और 48 घँटे बाद ही लोगों को सर्टिफाइड खसरा, नक्सा और बही मिल मिल पा रही है।लोगों ने सर्वर डाउन की इस समस्या से निजात पाने के लिए सरकार से अपील की है साथ ही लोगों का कहना है की क्या यही है डिजिटल इंडिया ?,

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